November 22, 2024

विश्व में मध्यप्रदेश की ब्रांड इक्विटी स्थापित होगी

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट विश्व स्तरीय तैयारी के साथ हो- मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल,२९ जून (इ खबर टुडे ). मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश देश का प्रमुख निवेश का केन्द्र बने। तीन देशों में की गयी यात्रा के उद्देश्यों की पूर्ति के त्वरित कदम उठाये जाये। पूँजी निवेश के लिये विश्व में मध्यप्रदेश की ब्रांड इक्विटी स्थापित की जाय। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट वास्तविक अर्थों में वैश्विक हो और इसकी विश्व स्तरीय तैयारियाँ की जायं।दौड़े चले आयेंगे निवेशक
मध्यप्रदेश में निवेश की प्राकृतिक रूप से चौतरफा व्यापक संभावनायें हैं। खासतौर से पर्यटन की। विदेश से लौटे मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने अनुभवों का उल्लेख करते हुये बताया कि अधिकांश देशों ने मानव निर्मित कृत्रिम पर्यटन केन्द्र बनाये हैं। चाहे गगन चुम्बी टावर हों, झीलें और उनके बीच बने आइलैण्ड हों या वन्यप्राणी विहार। मध्यप्रदेश में यह सब कुछ प्रकृति ने उपलब्ध कराया है। भोपाल का तालाब ही विश्व के सबसे सुन्दर तालाबों में है। इन्दिरा सागर, बरगी जैसे अनेक जल क्षेत्रों में नैसर्गिक आइलैण्ड हैं। यहां सांची, खजुराहो, भीमबैठका जैसी विश्व धरोहर तथा सैकड़ो अन्य पर्यटन स्थल हैं। अकले भोपाल का वन विहार ही वन्य प्राणियों को खुले घूमते देखने के लिये पर्याप्त है। यहां के कान्हा-किसली, बान्धवगढ़, पन्ना रिजर्व, शिवपुरी जैसे वन्य प्राणियों और वनाच्छादित प्रकृति को देखने के अद्भुत केन्द्र हैं। मानव निर्मित दर्शनीय स्थल बनाने वालों को ऐसे स्थल दिखाइये। वे दौड़े चले आयेंगे मध्यप्रदेश।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ तीन देशों में पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिये की गयी यात्रा को धरातल पर परिणाममूलक बनाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मुख्य सचिव  आर. परशुराम भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के बारे में निवेशकों को जागरूक करने के लिये सेक्टरवार दल बनाये जाये। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी प्रत्येक सोमवार को एक घंटा निवेशकों और उद्यमियों से मिलेंगे। अब विश्व में मध्यप्रदेश की पहचान निवेश मित्र राज्य के रूप में बन रही है। प्रदेश में तेजी से विकास के लिये निवेश पर ध्यान देना जरूरी है। मध्यप्रदेश निवेश के लिये एक आदर्श राज्य है।
श्री चौहान ने अलग-अलग विभागों को निवेश के लिये कोर टीम तैयार करने और लगातार फालो-अप करने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि तीन देशों की यात्रा से मध्यप्रदेश के बारे में निवेशकों ने उत्साहपूर्ण एवं सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इसका लाभ लेने के लिये सतत, सक्रिय तथा त्वरित पहल की जायेगी।
निवेशकों से समन्वय के लिये अलग-अलग नोडल अधिकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देशानुसार जापान, कोरिया और सिंगापुर के निवेशकों से समन्वय के लिये अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किये जायेंगे। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं है। इस क्षेत्र में प्राथमिकताएँ तय कर कार्य शुरू करे। उन्होंने इलेक्ट्रानिक पार्क तथा जापानी कंपनियों के लिये औद्योगिक क्षेत्र चिन्हित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में अधिक से अधिक देशों के तथा अपने देश के निवेशकों को आमंत्रित किया जाय। इन्दौर-भोपाल के बीच में औद्योगिक कॉरीडोर के लिये पाँच से दस हजार एकड़ भूमि चिन्हित करें। जबलपुर-सिंगरोली और भोपाल-बीना के बीच औद्योगिक कारीडोर के लिये तेजी से काम करे। फूड प्रोसेसिंग, नवकरणीय ऊर्जा, अधोसंरचना निर्माण के क्षेत्र में निवेशकों की रूचि है। औद्योगिक नीति में जरूरी संशोधन इन्वेस्टर्स मीट के पहले हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के बारे में विभिन्न देशों के राजदूतों को आमंत्रित करेंगे तथा विभिन्न देशों में नियुक्त भारतीय राजदूतों से भी चर्चा करेंगे।
मंत्री श्री विजयवर्गीय ने बैठक में कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तथा कार्गो के लिये प्रयास किये जाये। औद्योगिक परियोजनाओं के लिये पहले से तैयारी हो।
मुख्य सचिव श्री परशुराम ने कहा कि एक हफ्ते में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का कैलेन्डर तैयार कर लिया जायेगा। मेगा सिटी के सम्बन्ध में तैयारियाँ जारी हैं।
बैठक में बताया गया कि जापान के निवेशकों ने विनिर्माण, एग्रो बिजनेस, फूड प्रोसेसिंग, ऊर्जा, परिवहन, रिसाइकलिंग, कोरिया के निवेशकों ने इलेक्ट्रानिक, नगरीय विकास, पर्यावरण तकनीक, नवकरणीय ऊर्जा तथा सिंगापुर के निवेशकों ने पर्यटन, शहरी विकास, एग्री बिजनेस आदि में रूचि दिखायी है। मध्यप्रदेश के बारे में निवेशकों को लगातार सूचनाएँ देने की व्यवस्था की जा रही है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव  पी.के. दास, कृषि उत्पादन आयुक्त  एम.एम. उपाध्याय सहित सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।

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