विश्व जनसंख्या दिवस: बिहार की आबादी 12 करोड़ के पार पहुंची, सबसे तेज वृद्धि
नई दिल्ली,11 जुलाई(इ ख़बर टुडे)। देश में सबसे अधिक तेजी से जनसंख्या वृद्धि बिहार में हो रही है। साल 2001 से 2011 के बीच देश की जनसंख्या वृद्धि दर 17.64 फीसदी की थी, तो बिहार में यह 25.07 फीसदी रही। जनसंख्या वृद्धि दर का ही नतीजा रहा कि 2011 में बिहार की जनसंख्या 10 करोड़ 38 लाख हो गई। जनसंख्या के लिहाज से हरेक जिले की आबादी का औसत 27 लाख से अधिक है।
जनसंख्या वृद्धि दर के आधार पर 2018 में बिहार की जनसंख्या 12 करोड़ आंकी गई। जनसंख्या वृद्धि में बिहार और देश में कई अंतर हैं। देश के जनसंख्या घनत्व का औसत 382 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है तो बिहार का राष्ट्रीय औसत से तीन गुना अधिक 1106 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है। जनसंख्या घनत्व का सबसे अधिक दबाव शिवहर में है, जहां की जनसंख्या 1882 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है, जबकि सबसे कम कैमूर में 488 व्यक्ति प्रति वर्गकिमी है।
दक्षिण बिहार की तुलना में उत्तर बिहार में जनसंख्या का अधिक दबाव है। 1400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक जनसंख्या घनत्व के राज्य के 10 जिले में से नौ उत्तर बिहार के हैं। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या का अधिक दबाव है, जहां लोगों के जीविका का मुख्य साधन जमीन है। शहरीकरण में बिहार पिछड़ा है। देश में 5161 से बढ़कर 7935 शहर हो गए, तो बिहार में 2001 में 130 शहरों की संख्या बढ़कर 2011 में 199 हुई। शहरीकरण की सबसे कम वृद्धि दर समस्तीपुर और बांका में 3.5 फीसदी रही। जबकि सबसे तेज शहरीकरण पटना का रहा।