November 18, 2024

विवादों को सुलझना हमारा कर्तव्य – जस्टिस आलोक वर्मा

रतलाम 11 जून(इ खबरटुडे)जिला न्यायालय रतलाम में नवनिर्मित ए.डी.आर.सेन्टर भवन (वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र) का लोकार्पण श्रीमान न्यायाधिपति आलोक वर्मा साहब पोर्टफोलियो न्यायाधिपति म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ, इंदौर के कर कमलों से किया गया।

 कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश योगेश कुमार सोनगरिया ने कहा कि न्यायालयों में लम्बित विवादों एवं खर्चीली प्रणाली के चलते रतलाम जिले में वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र की स्थापना की गई है। इसके द्वारा आम विवादों का शीघ्र निपटारा किया जा सकेगा। इसे स्टेट लिगल सर्विस द्वारा मूर्ति रूप दिया जाना है। इस व्यवस्था में विभिन्न एडवोकेट एवं पक्षकार बैठेगे। ज्ञातव्य हैं कि वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र भवन का भूमिपूजन दिनांक 7 सितम्बर 2013 को न्यायाधिपति जितेन्द्र माहेश्वरी ने किया था। इसके निर्माण कार्य में लगभग 81 लाख 45 हजार रूपये का व्यय हुआ है।
म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ के न्यायाधिपति आलोक वर्मा ने नवनिर्मित भवन का फीता काटकर लोकार्पण किया। जस्टिस आलोक वर्मा ने कहा कि समाज में विवाद होना सामान्य बात है और इनको सुलझाना हमारा कर्तव्य है। वर्तमान में न्यायालयों में मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके अनुपात में संसाधन कम हैं इसके परिणाम स्वरूप प्रकरणों के निपटारे में विलम्ब होता है। विलम्ब के चलते कतिपय मामले सिविल से क्रिमनल बन जाते है। इन सब स्थितियों के निराकरण के लिये धारा 89 में संशोधन कर धारा 89(ए) जोड़ी गई। जिसमें पॉच प्रणालियॉ बतायी गई। जिसमें कंसिलेशन, मिडिऐशन, निगोसिऐशन प्रमुख है। इस प्रणाली से दोनों पक्षकारों को सामने बैठाकर समस्या की पहचान कर दोनों पक्षों की रजामंदी से मामलों को सुलझाया जाता है। उन्होने बैंक अधिकारियों को प्रिलेटिगेशन पद्धति के उपयोग हेतु कहा कि इसके माध्यम से बैंक अधिकारी आसानी से रिकवरी करा सकते है। मध्यस्थता पद्धति में विवादों को निपटाने की सरल एवं निष्पक्ष प्रक्रिया अपनाई जाती है। दबाव रहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवाद निपटाये जाते है। मध्यस्थ के रूप में प्रशिक्षित न्यायधीश अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता आते है। मध्यस्थता द्वारा अविलम्ब शीघ्र समाधान, समय एवं खर्च की बचत, न्यायालयीन प्रक्रिया से राहत, सरल एवं सुविधाजनक प्रक्रिया, दोनों पक्षों की सहमति से समाधान, निजी अनौपचारिक, गोपनीय आदि लाभ प्राप्त होते है।
कार्यक्रम में प्रभारी कलेक्टर हरजिन्दरसिंह, एस.पी. अविनाश शर्मा, संजयजी पंवार, जिले के न्यायाधीश, विशिष्ट एवं कनिष्ठ अधिवक्ता, एसबीआई के अधिकारी, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, विधि के विद्यार्थी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आभार श्रीमती कविता दीप खरे जिला रजिस्टार ने किया।

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