वापस आने का वादा करके गए थे अवधेश, कैंसर पीड़ित मां करती रह गई इंतजार
चंदौली,15 फरवरी (इ खबरटुडे)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आंतकी हमले में शहीद मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर गांव निवासी सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव के शहादत की सूचना शुक्रवार की सुबह होते ही परिजनों समेत लोगों की आंखें नम हो गईं और दिलों में गम छा गया। लेकिन देश की रक्षा में शहीद हुए जवान के वीरगति पर चेहरे पर गर्व का भाव भी दिखा। शहीद के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा।
गुरुवार की शाम आंतकी हमले में सीआरपीएफ जवान अवधेश यादव शहीद हो गए। लेकिन पिता हरिकेश यादव को पता ही नहीं था कि बेटा देश पर कुर्बान हो गया। शुक्रवार की सुबह आशंकाओं के बादल छंटे, जब सीआरपीएफ हेडक्वार्टर ने पीड़ित पिता को फोनकर बेटे के शहीद होने की जानकारी दी।
इसके बाद किसान पिता पर मानों गमों का पहाड़ टूट पड़ा। कैंसर पीड़ित मां मालती देवी के बेटे को वापस देखने के अरमान भी चकनाचूर हो गए। पत्नी शिल्पी यादव पति के शहादत का समाचार सुनते ही अचेत हो गईं। शहीद के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा।
मौके पर एसडीएम आशीष कुमार व सीओ प्रदीप चंदेल पहुंच गए थे। अधिकारियों के मुताबिक शहीद का शव डीएनए टेस्ट के बाद देर रात तक गांव पहुंचने की उम्मीद है। दोपहर बाद तक पकिस्तान मुर्दाबाद, शहीद अवधेश अमर रहे की इलाके में गूंज रही।
आइजा अवधेश, मान जा, शुगनिया के का जवाब देइब …
शुगनिया हो शुगनिया …। बेटे के वियोग में कलप रही मां इन्हीं शब्दों को दोहराते आवाज लगातीं हैं कि “अवधेश आइजा, मानजा बेटवा, शुगनिया के का जवाब देइब।” कैंसर पीड़ित मां की बातें बहुतों को समझ नहीं आ रहीं थीं लेकिन समझाने वालों का कलेजा कांप उठ रहा था। लाचार मां के सामने लोग पांच मिनट खड़े नहीं हो पा रहे थे। दरअसल, गांवों में बड़े-बुजुर्ग जिन्हें बहुत लाड़ करते शुगनिया कहते हैं।