वनाधिकार पत्र जारी क्यों नहीं, परीक्षण कर प्रस्ताव रखें – कलेक्टर
रतलाम ,10 जनवरी(इ खबरटुडे)।कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आमजनता की शिकायतों के निराकरण के लिये जन सुनवाई में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को वनाधिकार संबंधी दावों के तत्काल परीक्षण कर प्रस्ताव रखने के निर्देश दिये है। आज जन सुनवाई में हिम्मतगढ़ के एक व्यक्ति ने शिकायत की कि सर्वेक्षण के उपरांत भी उसे वनाधिकर पत्र नहीं सौपा जा रहा है।
उमादेवी आई.टी.आई. जावरा की लापरवाही संबंधी जाॅच के निर्देश
आज की जन सुनवाई में उमादेवी आई.टी.आई.जावरा के सात छात्रों के द्वारा काॅलेज प्रबंधन द्वारा एक साथ शुल्क वसूल करने अथवा परीक्षा में बैठने से वंचित करने की धमकी देने की शिकायत भी प्राप्त हुई। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को अनियमितताओं संबंधी जाॅच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। जन सुनवाई में 140 षिकायतों का निराकरण किया गया।
जन सुनवाई में आज हिम्मतगढ़ रतलाम के तेला पिता हेमा ने षिकायत की कि उसके द्वारा वनाधिकार पत्र प्राप्ति के लिये वन भूमि दावा प्रस्तुत किया गया था। दावे को वन विभाग द्वारा सर्वेक्षण के उपरांत मान्य कर प्रस्तुत कर दिया गया। उसके बावजूद भी उसे आज दिनांक तक वनाधिकार पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। उसने कलेक्टर से अनुरोध किया कि उसे वनाधिकार पत्र प्रदान किया जावे। कलेक्टर ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को तत्काल परीक्षण कर संबंधित हितग्राही को वनाधिकार पत्र प्रदान करने के निर्देष दिये है। आज जन सुनवाई में उमादेवी आई.टी.आई. जावरा के छात्रों द्वारा काॅलेज प्रबंधन द्वारा अनावष्यक दबाव बनाकर एक साथ शुल्क वसूल करने की षिकायत दीपक पांचाल एवं अन्य छः विद्यार्थियों द्वारा की गई। उन्होने बताया कि प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा हैं कि यदि शुल्क एक साथ जमा नहीं कराई तो उन्हें परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया जायेगा। छात्रों ने कहा कि अब तक वे शुल्क किष्तों में जमा कर रहे थे। उन्होने बताया कि विमुद्रीकरण (नोटबंदी) के चलते परिवारों का रोजगार प्रभावित हुआ है जिससे सभी छात्र एक साथ शुल्क जमा करने में असमर्थ हैं और प्रबंधन की धमकी के चलते भविष्य चैपट होने की आषंका व्याप्त हो गई हैं। उमादेवी आई.टी.आई. का अपना कोई भवन भी नहीं हैं और संस्थान द्वारा निरंतर विभिन्न स्थानों पर काॅलेज स्थानांतरित किया जाता रहा है। चालिस छात्र होने के बाद भी बैठक व्यवस्था के नाम पर मात्र सात बेंच है। परीक्षण के लिये कोई लेब भी नहीं हैं और न ही संस्था में अनुभवी षिक्षक है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को उमादेवी आई.टी.आई. में व्याप्त लापरवाही की जाॅच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।
प्लाॅट पर कब्जा करने की कोशिश, टीम भेजने के निर्देष
थावरिया बाजार रतलाम निवासी श्रीमती सुषीला तातेड़ ने आज जन सुनवाई में शिकायत की कि नगर सुधार न्यास टी.आई.टी. के शांति नगर स्थित प्लाॅट नम्बर -1 पर कुछ लोगों के द्वारा जबरन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। उनके द्वारा उक्त स्थल पर गड्ढेे खोदने का कार्य किया जा रहा है। उन्होने कलेक्टर को स्थल के फोटोग्राफ्स भी दिखाये। कलेक्टर ने संबंधी प्रकरण को एसडीएम रतलाम शहर की टी.एल. मंे दर्ज करने और तत्काल उक्त स्थल पर टीम भेजकर निर्माण कार्य को रूकवाने के निर्देष जन सुनवाई में दिये।
दबंगई से आदिवासी महिला त्रस्त, कलेक्टर ने कार्यवाही को कहा
जन सुनवाई में नंदलई निवासी रूकमाबाई मोहन खराड़ी ने षिकायत की कि जामथुन निवासी घीसालाल नानुराम जाट, श्रीमती गुड्डीबाई घीसालाल, कुमारी सीमा घीसालाल एवं अक्षय घीसालाल के द्वारा शासकीय तालाब के नाले का पानी उसके खेत में छोड़कर फसल को बर्बात कर दिया गया है। उसने अपनी षिकायत में बताया कि श्रीमती गुड्डीबाई के पूर्व में सरपंच रहते हुए तालाब का निर्माण कराया गया था एवं नाले को उसके खेत में छोड़ा गया था जो कि बाद में षिकायत के उपरांत शासन के द्वारा बंद कर दिया गया था। अब पुनः उन्होने बंद नाले को खोदकर उसके खेत मंे छोड़ दिया हैं। मना करने पर उनके द्वारा धमकाया जा रहा है। कलेक्टर ने तहसीलदार रतलाम को परीक्षण करने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा हैं कि यदि आवेदिका की फसल को नुकसान पहुॅचाया गया हैं तो उन्हें संबंधित से मुआवजा राषि दिलवायी जाये साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में कार्यवाही करें।
वृक्ष काटने वालों पर होगी कार्यवाही
कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने आलोट एसडीएम को हरे वृक्ष को काटने वालों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करने के निर्देश आज जन सुनवाई में दिये। उन्होने उपरोक्त निर्देष नंदीबाई देवचंद्र माली ग्राम खेड़ी-ताल की षिकायत पर दिये है। नंदीबाई ने अपनी षिकायत में बताया हैं कि उसकी निजी भूमि में से जबरन रास्ता बनाने के लिये आम, चंदन, बबुल, पलास एवं खजूर के पेड़ों को सत्यनारायण, दयाराम व षिवराज ने विभिन्न षिकायतें कर कटवा दिया है। उसने कहा हैं कि सत्यनारायण, दयाराम एवं षिवराज ने शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 211 रकबा 0.164 पर कब्जा कर अपने खेतों में मिला लिया हैं और अब उसकी निजी भूमि के वृक्षों को काट कर जबरन रास्ता बनाया गया है।
मात्र आधे घण्टे में भवन किराया वृद्धि संबंधी आदेष हुआ जारी
जन सुनवाई में आज झण्डा चैक पिपलौदा के गोवर्धनसिंह दरियावसिंह देवड़ा ने षिकायत की कि उसके मकान में 04 अगस्त 2008 से अनुसूचित जाति प्रि-मेट्रिक कन्या छात्रावास भवन रूपये 7700/-प्रतिमाह की दर से संचालित हो रहा है। नियमानुसार तीन वर्ष के पश्चात दस प्रतिषत की वृद्धि से नवीन किराया निर्धारण होना चाहिए। सहायक आयुक्त आदिवासी को छः बार पत्र लिखने एवं कही बार दूरभाष पर चर्चा करने के पश्चात भी किराया निर्धारण नहीं हुआ। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने तत्काल सहायक आयुक्त आदिवासी विकास निर्मलप्रसाद को जन सुनवाई में बुलवाया। वे जन सुनवाई में बड़े हुए किराया निर्धारण संबंधी आदेष के साथ आधे घण्टे बाद उपस्थित हो गये। साथ ही वर्ष 2008 के बाद 10 प्रतिषत वृद्धि करते हुए वर्ष 2011 में रूपये 8470/- एवं वर्ष 2014 में 9317/- का आदेष दिनांक 10 जनवरी 2017 को जारी कर कलेक्टर के सम्मुख प्रस्तुत कर दिया।
डीपीसी को फिस प्रतिपूर्ति भुगतान की नस्ती तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देष
जन सुनवाई में आज जिला सयोजक मध्यप्रदेष प्रांतीय अषासकीय शिक्षण संस्थान संघ रतलाम दीपेष औझा ने षिकायत की कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम अंतर्गत विद्यालयों पर पढ़ने वाले गरीब छात्रों के वर्ष 2015-16 की फिस की प्रतिपूर्ति राषि शैक्षणिक सत्र 2016-17 के समापन की और अग्रसर होने के बाद भी उन्हंे अब तक आवंटित नहीं की गई है। उन्होने कहा कि उक्त राशि उन्हें दिसम्बर माह में ही आवंटित हो जानी चाहिए थे। कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान डाॅ.राजेन्द्र सक्सेना को तत्काल भुगतान हेतु नस्ती प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।