रीचनेस से ज्यादा जरूरी है देश में हेप्पीनेस -पद्मभूषण आचार्यश्री रत्नसुंदर जी ने कहा
रतलाम,21 जून (इ खबरटुडे)। पद्मभूषण से सम्मानित राज प्रतिबोधक, सरस्वती लब्धप्रसाद, परम पूज्य आचार्य श्रीमद् विजय रत्नसुंदर सूरीश्वर जी ने रीचनेस से ज्यादा हेप्पीनेस जरूरी बताई है। रीचनेस का संबंध हेप्पीनेस से कतई नहीं होता। इसके बावजूद एक सर्वे के मुताबिक रीच कन्ट्री में इंडिया छठे नंबर पर है और हेप्पीनेस में देश का नंबर 122 वां है। नेतागण देश को रीच भले ही बनाए, मगर पहला महत्व हेप्पीनेस को देना चाहिए।
आचार्यश्री ने करमदी तीर्थ में परिवर्तन प्रवचनमाला के दूसरे दिन कहा कि धीरूभाई अंबानी भी उनसे -आई एम रीच, बट आई एम नॉट हेप्पी- कह गए। रीचनेस बढऩे के बावजूद एक सर्वे में दो साल पहले देश सुसाइड के मामलों मे भी पहले नंबर पर आया। आखिर यह कंट्रोवर्सी क्यों है? सबकी मानसिकता रीचनेस की है और हेप्पीनेस पर किसी का ध्यान नहीं है। पैसा बढऩे के बाद प्रेम, प्रसन्नता और पवित्रता कम हो रहे है, इसका अनुभव सबकों हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी सभी पैसा बढ़ाने में लगे हुए है।
आचार्यश्री ने -करूणा तेरी, प्रेम मेरा-विषय पर प्रवचन देते हुए कहा कि प्रलोभन, पीड़ा और पुण्य के क्षेत्र में भी प्रभु के प्रति प्रेम कम नहीं हो, तो समझ लेना चाहिए कि प्रभु हमारे साथ है। प्रभु के प्रति प्रेम की पहली कसौटी यही है कि कितना भी प्रलोभन मिले, हमारी आस्था कम नहीं होनी चाहिए। दूसरी कसौटी पीड़ा के समय भी चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने की ताकत है। भगवान महावीर स्वामी को भी साढ़े बारह साल तक कई पीड़ाएं झेलना पड़ी, तो हमारी बिसात क्या है। उन्होंने कहा कि पुण्य जबरदस्त होने पर भी प्रभु का विस्मरण नहीं हो,यही करूणा तेरी और पे्रम मेरा है।
पुस्तक -पत्र सही है पर पते का क्या?- का विमोचन
प्रवचनमाला के आंरभ में शुभारंभ राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी, छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष अशोक चौटाला, विनोद मूणत एवं श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्री संघ के अध्यक्ष सुनील ललवानी ने दीप प्रज्वलित किया। अतिथियों ने इस मौके पर आचार्यश्री की 330 वीं पुस्तक -पत्र सही है पर पते का क्या?- का विमोचन भी किया। पुस्तक का विमोचन का लाभ श्री हरकाजी रखबदासजी मूणत परिवार ने लिया। आचार्यश्री ने अपनी हस्त लिखित पुस्तक परिवार को भेंट की।
इस मौके पर श्री संघ की और से मोहनलाल कांसवा, राजेन्द्र खाबिया, नरेन्द्र छाजेड़, अभय पोरवाल एव अभय खाबिया ने लाभार्थी परिवार के लालचंद मूणत का बहुमान किया। श्रीमती सुशीला मूणत का बहुमान सुभद्रा लुनिया व विजया सुराना द्वारा किया गया। अर्पण बाफना ने स्तवन प्रस्तुत किया। संचालन मुकेश जैन द्वारा किया गया।
131 वीं वर्षगांठ मनी, आज रतलाम में मंगल प्रवेश
सोमवार को आचार्यश्री की निश्रा में करमदी तीर्थ के श्री बड़ा आदेश्वरजी मंदिर की 131 वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। ध्वजारोहण के लाभार्थी श्री हरकाजी रखबदासजी मूणत परिवार हवेली वाला रहे। परिवार द्वारा साधार्मिक भक्ति का आयोजन भी किया गया। मंगलवार को आचार्यश्री सुबह 6 बजे रतलाम में मंगल प्रवेश करेंगे। प्रवेश चल समारोह मोतीपूज्य मंदिर से निकलेगा।
सुबह 9 बजे सैलाना वालों की हवेली मोहन टाकीज में -सबसे बड़ी ताकत- विषय पर प्रवचन होंगे। रतलाम प्रवास के दौरान 23 जून को दोपहर 3 से 4.30 बजे महिलाओं के लिए नारी-महान क्रांति विषय पर प्रवचन भी होंगे। श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई श्री संघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी व सेठश्री लाभचंदजी शुभकरणजी जैन श्वेताम्बर पेढ़ी ट्रस्ट ने धर्मालुजनों से अधिक से अधिक लाभ लेेने की अपील की है।