रामनाथ कोविंद के नाम पर विपक्ष सकते में तो दीदी भी हैरान !
नई दिल्ली20 जून(इ खबरटुडे)। देश के राष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA प्रत्याशी के नाम की घोषणा को लोगों को बेसब्री से इंतज़ार था और इसका इंतज़ार जहां लोगों को तो था वहीं विपक्ष भी मोदी सरकार के पत्ते खुलने का इंतज़ार कर रहा था.बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया.
कानपुर के रहने वाले और दलित नेता रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी की पसंद बने तो लोगों के साथ राजनैतिक हल्के ने भी इसपर अपने नज़रिये और पार्टी के स्टैंड के हिसाब से व्याख्या की.दरअसल बीजेपी के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश में जुटी हुई है, वहीं विपक्ष में भी राष्ट्रपति पद प्रत्याशी को लेकर आपसी सहमति नहीं बनती दिख रही है.
ऐसे में NDA प्रत्याशी के रुप में बीजेपी ने रामनाथ कोविद के नाम पर मुहर लगाकर विपक्ष को सकते में डाल दिया है, रामनाथ कोविद दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और भारत में दलित समुदाय को लेकर राजनैतिक दलों की निष्ठा किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव में NDA प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है.
विपक्ष सकते में जरुर मगर सामने ला सकता है कोई दलित चेहरा
गैर राजग दलों के 22 जून को इस मुद्दे पर चर्चा के लिये बैठक करने की उम्मीद है. मीडिया सूत्रों की मानें तो पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे और डॉ. बी आर अंबेडकर के पौत्र प्रकाश यशवंत अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र और सेवानिवृत्त नौकरशाह गोपालकृष्ण गांधी और कुछ अन्य नामों पर विपक्षी पार्टियां विचार कर रही हैं.
NDA की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाए जाने के ऐलान के बाद विपक्ष ने आमराय बनाने की बीजेपी की कवायद पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने एकतरफा फैसला करते हुए कैंडिडेट के नाम का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि कैंडिडेट के नाम पर फैसला लेने के बाद कैसे आम राय बनेगी.आजाद ने कहा कि बीजेपी ने हमें पहले नाम नहीं बताया.
कांग्रेस ने रामनाथ कोविंद को समर्थन देने या विपक्ष की तरफ से संयुक्त उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले. कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष के साथ चर्चा के बाद वह आगे का फैसला लेगी. वहीं, सीपीएम ने विपक्ष की तरफ से भी उम्मीदवार खड़े करने के स्पष्ट संकेत दिए हैं. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि रामनाथ कोविंद आरएसएस शाखा के प्रमुख रहे हैं और उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना सीधे-सीधे टकराव की राजनीति है.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के एनडीए के फैसले पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि समर्थन देने से पहले उन्हें कोविंद के बारे में जानना होगा. ममता ने कहा कि प्रणव मुखर्जी, लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज जैसे कद के किसी नेता को चुनना चाहिए था, कोविंद को उम्मीदवार बनाने की क्या जरूरत थी.