राजकोट की मेडिकल छात्रा में कोरोना के लक्षण,दाहोद में कुपोषित बच्चों को अंडा देने से किया साफ इनकार
अहमदाबाद,09फरवरी (इ खबर टुडे)। बीते सप्ताह चीन से गुजरात लौटी एक मेडिकल छात्रा में कोरोना के लक्षण पाए जाने की आशंका के चलते उसे उपचार के लिए राजकोट सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। राजकोट के जेतपुर की 21 वर्षीय मेडिकल छात्रा गत 2 जनवरी को चीन से भारत लौटी थी, चीन तथा मुंबई में उसका मेडिकल चैक अप किया गया लेकिन यहां लौटने के बाद उसे सर्दी, खांसी व बुखार होने लगी।कोरोना के लक्षणों की आशंका के चलते उसे शनिवार दोपहर राजकोट के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा है। छात्रा का ब्लड सेम्पल पूणे लेबोरेटरी में भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी लेकिन छात्रा में इसके लक्षण के चलते राजकोट प्रशासन व लोगों में हडकंप जरुर मच गया है।
बच्चों को नाश्ते में अंडा नहीं देगी सरकार, मुख्यमंत्री रुपाणी कार्यालय ने दी सफाई
केंद्र सरकार अपने विज्ञापनों में भले संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे स्लोगन का प्रचार करती रही लेकिन गुजरात सरकार ने आदिवासी बहुल दाहोद जिले में कुपोषित बच्चों को अंडा देने से साफ इनकार किया है। सरकार की ओर से बच्चों को पोष्टिक आहार व दूध पहले से दिया जा रहा है।
दाहोद जिले में अतिकूपाषित बच्चों को नाश्ते में अंडा देने की खबरों के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के कार्यालय से स्पष्ट किया गया कि राज्य में सुपोषण अभियान के जरिए कूपोषित व अतिकूपोषित बच्चों को नाश्ते में पौष्टिक आहार व दूध दिया जा रहा है।
आंगनवाडियों में बच्चों को फल व फास्ट फूड खाद्य सामग्री दी जा रही है ऐसे में बच्चों को नाश्ते में अंडा दिए जाने की बात पूरी तरह बेबुनियाद है। गौरतलब है कि गुजरात शाकाहारी बहुल प्रदेश है तथा मुख्यमंत्री रुपाणी खुद जैन समुदाय से आते हैं तथा शाकाहार, अहिंसा व जीवदया का गंभीरता से पालन करते हैं।