राग रतलामी/ पंजा पार्टी में आपसी खींचतान का पंगा,प्रदर्शन में हुई जगहंसाई
-तुषार कोठारी
रतलाम। सूबे की सत्ता पर काबिज पंजा पार्टी में इन दिनों भारी पंगे चल रहे है। सत्ता है इसलिए अब आपसी खींचतान तो बढ ही गई है,खीचतान का असर भी हर जगह नजर आने लगा है। पार्टी का आन्दोलन हो या प्रदर्शन, आपसी खींचतान के कारण हर जगह जग हंसाई की नौबत आने लगी है। गैस सिलेण्डर का प्रदर्शन और प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम दोनो ही जगह पंजा पार्टी की खींचतान का असर नजर आया।
गैस सिलेण्डर के भाव बढने पर पंजा पार्टी ने देश भर में प्रदर्शन किया। रतलाम में भी प्रदर्शन करना था। पंजा पार्टी की नगर निगम वाली आपा और चुनाव हारी हुई दीदी दोनो आजकल पंजा पार्टी की बडी नेता है। जब से सरकार आई है,आपा का रुतबा कई गुना बढ गया है। आजकल तो वो पूरे सूबे का कामकाज देख रही है। पंजा पार्टी के ही लोग कहते है कि बडी मैडम जी भी आपा से पूछे बगैर फैसले नहीं करती।
बहरहाल,पंजा पार्टी के निर्देश पर रतलाम में आपा ने भी जुलूस निकालकर ज्ञापन देने का कार्यक्रम बनाया। नगर निगम पर पंजा पार्टी की महिलाओं को इक_ा होना था,लेकिन बडी मुश्किल से दो दर्जन महिलाएं इक_ी हो पाई। इतनी ही तादाद में पंजा पार्टी के पुरुष नेता भी पंहुचे। जैसे तैसे जुलूस निकला और पुराने कलेक्टोरेट पंहुच कर ज्ञापन दिया गया। नन्हे से जुलूस में शामिल नेताओं को भी बडी शर्म महसूस हो रही थी। प्रदर्शन देखने पंहुचे खबरची इस पर हंस रहे थे। पंजा पार्टी की इस जगहंसाई के बाद दोनो महिला नेत्रियां एक दूसरे को दोष दे रही है।
खींचतान का दूसरा मामला प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम में नजर आया। प्रभारी मंत्री को पंजा पार्टी के विधायकों के इलाके में जाकर कर्जमाफी के प्रमाणपत्र बांटना थे। इसके लिए बाकायदा निमंत्रण पत्र छापे गए। लेकिन इन निमंत्रण पत्रों में ही पंजा पार्टी की खींचतान उजागर हो गई। पंजा पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष का कार्यक्षेत्र पूरे जिले का है, इसलिए कायदे से दोनो ही स्थानों के कार्यक्रमों में उनका नाम होना चाहिए था। लेकिन सैलाना के निमंत्रण पत्र से दोनो के ही नाम गायब थे। पंजा पार्टी के जानकार लोगों का कहना है कि सैलाना वाले गुड्डू भैया अपने इलाके में दूसरे नेताओं की दखलअंदाजी को बिलकुल भी पसन्द नहीं करते। उन्होने दोनो नेताओं का नाम सिरे से खारिज कर दिया। ये अलग बात है कि निमंत्रण पत्र में नाम के बगैर भी दोनो वहां पंहुचे और मंत्री जी के साथ मंच पर भी चढ गए।
फन-ए-रतलाम के सवाल
संडे की सुबह शहर के उन लोगों के लिए फन वाली थी,जो दो बत्ती पर पंहुचे थे। दोबत्ती इलाके में खूब सारे मंच सजाए गए। इन पर नाच गाना हुआ। खाने पीने और उंट की सवारी के इंतजाम भी किए गए। शहर की कई सारी संस्थाओं ने इसमें हिस्सेदारी की। बडी तादाद में महिला पुरुष बच्चों ने दो बत्ती पंहुच कर फन किया। तीन चार घण्टे तक फन चला। नाच गाना मस्ती चली। दोपहर हुई तो दो बत्ती से सबकुछ नदारद हो चुका था। दोपहर को ना स्टेज बचे थे और ना खाने पीने के स्टाल। अब रह गए है कुछ सवाल। सवाल यह कि बोर्ड की परीक्षाएं बस शुरु ही होने को है। इस वक्त इस आयोजन का औचित्य क्या था? क्या ऐसा आयोजन परीक्षाओं के बाद नहीं किया जा सकता था?
मदिरा के महकमे में परेशानी
मदिरा वाले महकमें में जब से नए साहब आए है,महकमे वाले बेहद परेशान है। नए साहब के तौर तरीकों से महकमे की स्थिति भी खराब हो रही है। जानकारों का कहना है कि साहब के रवैये का असर है कि इस बार सरकार की कमाई भी कम हो सकती है। साहब सरकारी वसूली से ज्यादा तरजीह निजी वसूली को देते है। इसी का नतीजा है कि कुछ दुकानों की वसूली अटक रही है। नए साल के धन्धे को लेकर भी आसार अच्छे नहीं है।