November 17, 2024

यूपीए सरकार की मदद से मिला था विजय माल्या को लोन

नई दिल्ली, 03 फरवरी(इ खबर टुडे)। केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे अमिताभ वर्मा ने भगौड़ा घोषित हो चुके विजय माल्या को विभिन्न बैंकों से लोन पाने में मदद की थी.ये लोन माल्या की डूबती एयरलाइन कंपनी किंगफिशर को दिला या गया था, जिस पर पहले से ही काफी कर्ज था.

कई ई-मेल और पत्रों के जरिए दोनों के बीच हुई बातचीत में भी इस बात का साफ जिक्र है कि कैसे संयुक्त सचिव ने विजय माल्या को बैंक प्रमुखों से मिलने में मदद की थी. साथ ही कई संवेदनशील जानकारियां भी दीं, जिनसे माल्या को लोन मिल सका.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, ‘इस घोटाले में हुई बड़ी साजिश की जांच की जा रही है. हम मामले में नौकरशाहों और राजनेताओं की भूमिका की जांच कर रहे हैं. साथ ही इसकी जांच की जाएगी की क्यों उन्होंने सूचनाओं को गुप्त रखने के नियम का उल्लंघन किया और इससे उन्हें क्या फायदा हुआ. जल्द ही हम इन बड़े नामों की जांच करेंगे.’

पूर्व संयुक्त सचिव के करीबी सूत्रों की मानें तो माल्या के लिए बैंक प्रमुखों के साथ बैठक की व्यवस्था करना अमिताभ वर्मा का ही काम था.संयुक्त सचिव अमिताभ वर्मा और विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के बीच लोन पाने को लेकर कई संदेशों का ईमेल के जरिए आदान-प्रदान हुआ था.भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक के साथ मुलाकात को लेकर किंगफिशर एयरलाइन्स के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर ए रघुनाथन की ओर से 23 अप्रैल 2009 को अमिताभ वर्मा को मेल लिखा गया था.

‘हमारे बीच आज सुबह हुई टेलीकांफ्रेंस में आपकी सलाह के बाद मैंने पीएनबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को ईमेल और भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष को एक पत्र भेजा है. मैं एसबीआई के प्रबंध निदेशक के साथ कल के लिए एक मुलाकात के लिए प्रयास कर रहा हूं. आपकी सहायता के लिए धन्यवाद.’

ए रघुनाथन का विजय माल्या को लिखा गया मेल

‘आपके सुझाव के आधार पर मैंने इस मुद्दे पर अमिताभ वर्मा से चर्चा कर ली है. मैंने वर्मा के अनुरोध पर एक बार फिर ए340 पीडीपी समस्या पर उन्हें एक विस्तृत टिप्पणी भेजी है.’

रघुनाथन के जरिए एसबीआई अध्यक्ष को 23 अप्रैल 2009 को लिखा गया ई-मेल

‘हमने बैंक द्वारा अपनी क्रेडिट सीमा के अनुमोदन के लिए लंबित 500 करोड़ रुपये की राशि की तत्काल अदायगी के लिए अनुरोध किया था.

आपसे अनुरोध है कि कृपया इस नाजुक घड़ी में आग्रह की गई राशि को जारी कर हमारी मदद करें.’

यूबी ग्रुप के पूर्व चीफ फाइनैंशल ऑफिसर का मेल

यूबी ग्रुप के पूर्व चीफ फाइनैंशल ऑफिसर रवि नेदुंगदी ने लंबित 500 करोड़ रुपये की राशि के लिए एसबीआई में हुई मुलाकात पर माल्या को ई-मेल लिखा था. इसमें भी वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे अमिताभ वर्मा का जिक्र किया गया.

‘अमिताभ ने मुझे फोन कर मीटिंग के बारे में जानकारी ली. मैंने लोन पास किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उनका कहना है कि उनकी मिस्टर भट्ट से बात हुई है और राशि को जल्द ही जारी कर दिया जाएगा. पंजाब नेशनल बैंक वाले मुद्दे पर उन्होंने सुझाव दिया है कि हम एसबीआई जैसा समान प्रस्ताव उन्हें भी भेजें.

अमिताभ वर्मा को रहती थी पूरी जानकारी

किंगफिशर एयरलाइन्स के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर ए रघुनाथन इन सभी मामालों की जानकारी अमिताभ वर्मा को दिया करते थे. यदि कोई दिक्कत आए तो वित्त मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव ही संवेदनशील जानकारी साझा करते हुए उनकी मदद करते थे.

ए रघुनाथन के विजय माल्या को लिखे गए एक ई-मेल में भी ये साफ लिखा था कि कैसे अमिताभ वर्मा ने भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि बैंकों के अध्यक्षों से लोन मामले को लेकर खुद बाद की.

वहीं जब यूको बैंक ने कर्ज देने से इनकार कर दिया तो अमिताभ वर्मा ने ही माल्या को लोन की राशि को इधर से उधर कर, करोड़ों के अतिरिक्त कर्ज लेने का तरीका बताया था.

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