यादव कुनबे में कलह तेज, शिवपाल ने की मुलायम से मैराथन मीटिंग
नई दिल्ली,14 सितंबर (इ खबरटुडे)। समाजवादी पार्टी में मची कलह को लेकर आज लखनऊ का सियासी पारा चढ़ा रहा। तीन अहम मंत्रालय छीने जाने से नाराज शिवपाल ने आज खूब बयानबाजी की लेकिन मुलायम का हर फैसला मानने की बात की। उन्होंने खुद दिल्ली जाकर मुलायम के साथ मैराथन बैठक की।
आज सूत्रों के हवाले से खबर ये आई कि शिवपाल इस्तीफा देने पर अड़े हैं। वह अखिलेश कैबिनेट में काम न करने पर अड़े हैं। उन्होंने मुलायम सिंह को सीएम बनाने की मांग रखी है। वहीं आज शिवपाल सिंह ने कहा कि नेताजी जो भी कहेंगे वो मुझे मंजूर होगा। नेताजी की बात न मानने की हैसियत किसी में नहीं है। यूपी की जनता मुलायम सिंह के साथ है।
आज दोपहर को ही शिवपाल मुलायम से मिलने दिल्ली पहुंचे। यहां शिवपाल ने कहा कि मैं नाराज़ नहीं हूं।नेताजी से मिलने आया हूं। नेताजी जो कहेंगे वही होगा। कहीं कोई नाराज़गी नहीं है।
सतह पर आई लड़ाई
समाजवादी पार्टी में अंदरखाने चल रही चाचा-भतीजे की लड़ाई अब सतह पर आ गई है। मंगलवार रात मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में पार्टी की कमान बेटे अखिलेश यादव से लेकर अपने छोटे भाई शिवपाल यादव को सौंप दी। इसके कुछ ही देर बाद अखिलेश ने एक कदम और बढ़ते हुए चाचा शिवपाल से तीन अहम मंत्रालय ही छीन लिए। भतीजे के इस कदम से शिवपाल इस कदर आहत हुए कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी। अब परिवार में डैमेज कंट्रोल के लिए मुलायम सिंह ने कल लखनऊ में बैठक बुलाई है।
दिन भर मची उठापटक
सपा में इन दिनों काफी उथल-पुथल मची हुई है। सोमवार को एक घंटे के भीतर दो कद्दावर मंत्रियों की छुट्टी के बाद मंगलवार सुबह मुख्य सचिव को भी हटा दिया गया। शाम होते-होते पार्टी ने एक और बड़ा फैसला ले लिया। मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत कर दिया। इस ऐलान के कुछ देर बाद अखिलेश ने शिवपाल यादव से PWD, सिंचाई और राजस्व विभाग छीन लिए। शिवपाल के पास अब समाज कल्याण विभाग ही है।
क्या एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो चुके हैं अखिलेश-शिवपाल?
इस बीच सूत्रों के मुताबिक़ शिवपाल ने विभाग छीने जाने पर इस्तीफे की पेशकश की है। मामला बढ़ने पर मुलायम सिंह ने शिवपाल से फोन पर बात की है। बदले हुए सियासी घटनाक्रम के बाद यादव परिवार की अहम बैठक कल दोपहर लखनऊ में होगी। मुलायम अभी दिल्ली में हैं जबकि शिवपाल यादव सैफई में हैं। इस बीच सैफई में शिवपाल यादव के आवास के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लग गया है। एहतियातन वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले सपा का यह फैसला बताता है कि पार्टी में अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंत्रियों के बाद हटाए गए मुख्य सचिव दीपक सिंघल को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है।
बताया जा रहा कि अखिलेश के ऐसे फैसले पार्टी में कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहे थे। इसी के चलते मुखिया मुलायम सिंह को बीच में आना पड़ा। उन्होंने यूपी की बागडोर बेटे अखिलेश से लेकर शिवपाल को सौंप दी।