December 25, 2024

मोदी की कूटनीति लाई रंग, 2022 का जी-20 शिखर सम्मेलन होगा भारत में

modi londan

नई दिल्ली,02दिसम्बर(इ खबरटुडे)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि भारत 2022 में अगले जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। 2022 में भारत अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मनाएगा। जी-20 दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है।

दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने इस आशय की घोषणा की। साल 2022 में इस अंतरराष्ट्रीय फोरम की मेजबानी इटली को करनी थी। मेजबानी की भूमिका भारत को सौंपने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इटली को धन्यवाद दिया।

शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात की। जी-20 शिखर सम्मेलन से हुई मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार और लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाकर दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझीदारी को और गहरा करने और विविधता देने के उपायों पर चर्चा की।

फ्रांस के साथ हुए राफेल लड़ाकू जेट सौदे पर विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों देशों के नेताओं के बीच यह मुलाकात हुई है। भारत ने फ्रांस के साथ सितंबर 2016 में 36 राफेल लड़ाकू जेट खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस सौदे पर करीब 58000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।

आतंकवाद पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपियन काउंसिल प्रेसिडेंट डोनाल्ड टस्क, यूरोपियन कमीशन प्रेसिडेंट जेआन-क्लाउडे जनकेर और जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल के साथ मुलाकात की। यहां चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात में प्रधानमंत्री ने हर तरीके से आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयास मजबूत करने सहित भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के संबंध को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।

नवंबर में हुई भारत-ईयू वार्षिक आतंकवाद विरोधी एवं राजनीतिक वार्ता में भारत और ईयू ने आतंकवाद और कट्टरपंथ से प्रभावी मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया था। दोनों पक्ष हिंसक चरमपंथ और कट्टरता से मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने के उपाय तलाशने पर सहमत हैं। इसके साथ ही रासायनिक, जैविक, रेडियो सक्रिय एवं परमाणु खतरे से मुकाबला करने पर भी दोनों पक्ष राजी हैं।

ट्रंप और पुतिन में नहीं हुई बात
क्रीमिया के नजदीक रूस द्वारा यूक्रेन के जहाज को उसके चालक दल सदस्यों के साथ जब्त करने के विरोध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी-20 सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ मुलाकात को रद कर दिया। मगर, पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए आरक्षित समय का इस्तेमाल गैर-पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते मजबूत बनाने के लिए किया।

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