मुंबई के सुप्रसिद्ध गणपति देवता लाल बाग चा राजा(लाल बाग के राजा) सजधज कर तैयार
गणपति ‘लालबाग के राजा’ के ये पहले दर्शन आपको कर देंगे मालामाल
मुंबई 05 सितम्बर (इ खबरटुडे)।यूं तो गणपति महोत्सव की तैयारियां पूरे देश में जोरदार ढंग से हो रही हैं, लेकिन गणपति पंडालों को लेकर जो तैयारियां मुंबई में हो रही हैं उनके आगे सबकी शोभा फीकी पड़ जाती है। पूरे महाराष्ट्र में तो गणपति से स्वागत की तैयारी देखते ही बन रही है। मुंबई के गणेश पंडालों और मूर्तियों की बात आए, तो लालबाग के राजा का जिक्र सबसे पहले होता ही है। मुंबई में स्थापित होने वाली गणेश प्रतिमाओं में सबसे ज्यादा आकर्षण लालबाग का राजा नाम से स्थापित गणेश प्रतिमा और पंडाल का रहता है। गणेश महोत्सव के पास आने के साथ ही गणपति बप्पा की नाम की गूंज मुंबई के हर इलाके में गूंजने लगी है।
लालबाग का राजा मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजानिक गणेश मंडल है। लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल मंडल की स्थापना वर्ष १९३४ में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं।आज हालत यह है कि लालबाग के राजा के दर्शन करना ही अपने आप में भाग्यशाली हो जाना है। यहाँ मन्नते माँगी जाती है और बताया जाता है कि लोगों की मन्नते पूरी भी होती है। लालबाग के राजा की ख्याति इसी बात से आंकी जा सकती है यहाँ का जो चढ़ावा आता है वह २० से २५ करोड़ रुपयों से अधिक का है जो भक्तजन अर्पित करते हैं। मंडल ने अभी तक 20 करोड़ रुपए (नकदी और सोना) का दान इकट्ठा करने का रिकॉर्ड दर्ज किया है, वो भी तब जब सोने की कीमत (2010–2011) में सबसे अधिक थी।
विसर्जन गिरगांव चौपाटी में दसवें दिन
यह गणेश मंडल अपने १० दिवसीय समारोह के दौरान लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’ (इच्छाओं की पूर्ति करने वाला) के रूप में भी जाना जाता है। हर वर्ष यहाँ करीबन ५ किलो मीटर की लंबी कतार लगती है, केवल दर्शन पाने के लिये। लालबाग के गणेश मूर्ति का विसर्जन गिरगांव चौपाटी में दसवें दिन किया जाता है।
इतिहास
इस मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में अपने मौजूदा स्थान पर (लालबाग, परेल) हुई थी। पूर्व पार्षद कुंवरजी जेठाभाई शाह, डॉ॰ वी.बी कोरगाओंकर और स्थानीय निवासियों के लगातार प्रयासों और समर्थन के बाद, मालक रजबअली तय्यबअली ने बाजार के निर्माण के लिए एक भूखंड देने का फैसला किया। मंडल का गठन उस युग में हुआ जब स्वतंत्रता संघर्ष अपने पूरे चरम पर था। लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ की लोगों की जागृति के लिए “सार्वजनिक गणेशोत्सव” को विचार-विमर्श को माध्यम बनाया था। यहा धार्मिक कर्तव्यों के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता था। मुम्बई में गणेश उत्सव के दौरान सभी की नजर प्रसिद्ध ‘लालबाग के राजा’ के ऊपर होती है। इन्हें ‘मन्नतों का गणेश’ भी कहा जाता है।
लालबाग में स्थापित होने वाले गणेश भगवान की प्रतिमा के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और ये भक्तगण कई कई घंटो (२० से २५ घंटे) तक कतारों में खड़े रहते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन ‘लालबाग के राजा’ यानी गणेश भगवान की प्रतिमा की प्रतिष्ठापना के बाद यहां मन्नत के साथ आने वाले भक्तगणों में बॉलीवुड के कई मशहूर फिल्मी सितारे भी शामिल होते हैं। बॉलीवुड की फिल्मी हस्तियां सुबह आकर ही यहां गणेश भगवान की पूजा कर अपने मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।