मीडिया टीम भावना से काम करके सिंहस्थ को सफल बनाएं- माखन सिंह
प्रशासन का मोटो- सुविधा, सेवा, सुरक्षा, पुलिस का- इन्सीडेंट फ्री-एक्सीडेंट फ्री
उज्जैन,31 दिसम्बर(इ खबरटुडे)।मीडिया टीम भावना से काम करते हुए सिंहस्थ को सफल बनायें। सिंहस्थ मध्यप्रदेश शासन का ही नहीं, बल्कि सभी लोगों का है। सिंहस्थ आयोजन के समय कई संवेदनशील मुद्दे सामने आयेंगे। इनको लेकर मीडिया में रिपोर्ट देते समय सावधानी बरतना आवश्यक है।
यह बात सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह ने बुधवार को जन सपर्क विभाग की उज्जैन जिला एवं संभाग स्तरीय मीडिया कार्यशाला में पत्रकारों को स बोधित करते हुए कही।कार्यशाला में संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर ने कहा कि सिंहस्थ में सुविधा, सेवा और सुरक्षा देने के लिये अधोसंरचना का विकास किया गया है।
स्नान के जल एवं पीने के पानी की क्वालिटी की रिपोर्ट लगातार मेले के दौरान एलईडी डिस्प्ले पर
उज्जैन सिंहस्थ के कार्यों में नासिक और इलाहाबाद से भी अनुभव लेकर इनको शामिल किया गया है। संभागायुक्त ने कहा कि स्नान के जल एवं पीने के पानी की क्वालिटी की रिपोर्ट लगातार मेले के दौरान एलईडी डिस्प्ले पर दिखाई जाती रहेगी। इसी तरह इस बार बायोमैट्रिक अटेंडेंस कार्य की शुरूआत एवं बाद में कर्मचारियों की ब्रीफिंग भी की जायेगी। इस बार सिंहस्थ में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी बिना प्रशिक्षण के पदस्थ नहीं होगा। लगभग 12 हजार अधिकारी-कम्रचारियों की नियुक्ति की जा रही है।
सिंहस्थ ब्राण्ड बने, इसके लिये मीडियाकर्मी अपने स्तर से प्रयास करें
सिंहस्थ ब्राण्ड का प्रचार करेंसंभागायुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने मीडियाकर्मियों से आव्हान किया कि सिंहस्थ उनका अपना व समाज का आयोजन है। सिंहस्थ का विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सिंहस्थ ब्राण्ड बने, इसके लिये मीडियाकर्मी अपने स्तर से प्रयास करें, शासन सिंहस्थ की समस्त जानकारी उनको उपलब्ध करवायेगा।महाकाल का मतलब टोटल टाइम है
संभागायुक्त ने अपने स बोधन में कहा कि भगवान महाकाल जहां पर विराजते हैं,वहां पर प्राचीन मान्यता के अनुसार वह स्थान जीरो डिग्री देशांतर व 23 डिग्री अक्षांश को काटता था, इसलिये पहले कालगणना का केन्द्र ग्रीनविच न होकर उज्जैन था। महाकाल शब्द की यदि व्या या करें तो काल का मतलब मृत्यु होता है औरमहाकाल का मतलब टोटल टाइम से लगाया जा सकता है।
पुलिस का नारा सिंहस्थ ‘इंसिडेंट-फ्री व एक्सीडेंट-फ्री आयोजित हो
उन्होंने कहा कि पुलिस का यह नारा है कि सिंहस्थ ‘इंसिडेंट-फ्री व एक्सीडेंट-फ्री आयोजित हो। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि पांच करोड़ लोगों के आने के बाद भी यदि एक भी घटना होती है, तो निश्चित रूप से वह सिंहस्थ के वातावरण के लिये ठीक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बहुत अच्छी प्लानिंग की है और इस प्लानिंग को उतने ही प्रभावी तरीके से मूर्तरूप दिया जायेगा। पुलिस विभाग इस बार 21 हजार पुलिसकर्मियों को यहां तैनात करेगा।
शहरी क्षेत्र में 134 पाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, दो कंट्रोल रूम बनाये जा रहे हैं
इन सभी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अलग-अलग सेक्टर के चैकिंग पाइंट्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, हाईटेक इक्वीपमेंट का उपयोग करते हुए पुलिस प्रभावी नियंत्रण करेगी। शहरी क्षेत्र में 134 पाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे, दो कंट्रोल रूम बनाये जा रहे हैं। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि न केवल टेक्नालॉजी बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी पुलिस अधिकारी स्थान-स्थान पर जाकर भीड़ नियंत्रण के लिये की जाने वाली व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। इस बार इंटेलीजेंसके लिये भी महत्वपूर्ण कार्य किये जायेंगे, जिससे कि बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखी जा सके।
उन्होंने आश्वस्त किया कि पुलिस स पूर्ण मेला अवधि मेंअपना व्यवहार अच्छा रखेगी, इसके लिये भी पुलिसकर्मियों को विशेष तौर से प्रशिक्षित किया गया है।मेले में आईटी का प्रयोग व्यवस्थाओं को स्मार्ट बनायेगा –मेला अधिकारी लवानिया मीडिया कार्यशाला में मेला अधिकारी अविनाश लवानिया ने बताया कि मेले के प्रबंधन में हर स्तर पर आईटी का प्रयोग किया जा रहा है। इससे व्यवस्थाओं के प्रबंधन को स्मार्ट बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि जब हमने पिछले सिंहस्थ का डेटा उठाया तो पाया कि नक्शे हाथ से बने हुए थे और आवंटन-पत्र भी कप्यूटराईज्ड नहीं थे, इस कारण पूरे पुराने रिकार्ड को खगालना पड़ा, किन्तु इस बार शुरू से ही आईटी का उपयोग करते हुए नक्शे जीआईएस आधारित बनाये गये। इसी तरह भूखण्ड आवंटन का पत्र एक प्रमाण-पत्र की तरह बनाते हुए इसमें क्यूआर कोड का उपयोग किया गया, जिससे आने वाले समय में जब भी कोई इस आवंटन-पत्र को प्रस्तुत करेगा तो सारा रिकार्ड कप्यूटर स्क्रीन पर आ जायेगा। पानी की पाइप लाइन डालना, सीवरेज, भूखण्डों की मार्किंग आदि का कार्य जीआईएस मेप पर किया जा रहा है, जिससे ओवरलेपिंग की समस्या सामने नहीं आ रही है। यही नहीं भूखण्ड आवंटन के लिये भी आवेदन ऑनलाइन बुलवाये गये हैं और कुल आवेदनों में से 10 प्रतिशत से अधिक आवेदन इसी तरह से साधु-सन्तों द्वारा किये गये हैं।
मेला अधिकारी ने बताया कि इसी तरह शीघ्र ही सिंहस्थ का ‘एप भी जारी होगा, जिसमें मेला क्षेत्र के नक्शे, जीपीएस से ट्रेकिंग सिस्टम एवं अन्य सुविधाओं के बारे में बाहर से आने वाले लोग ‘एप का उपयोग कर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।मीडिया जिमेदारी से रिपोर्टिंग करे मध्य प्रदेश माध्यम के ओएसडी श्री पुष्पेंद्रपाल सिंह ने संभागीय मीडिया कार्यशाला में कहा कि सिंहस्थ एक बड़ा आयोजन है, जिसमें धर्म एवं संस्कृति से स बन्धित आयोजन होंगे। इसकी रिपोर्टिंग आम रिपोर्टिंग से भिन्न होगी, इसलिये मीडियाकर्मियों की जि मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्होंने आव्हान किया कि यह प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन न केवल उज्जैन, बल्कि मध्य प्रदेश से जुड़ा हुआ है, इसलिये
इसमें पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब संभागायुक्त डॉ.पस्तोर, आईजी व्ही.मधुकुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक राकेश गुप्ता, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत एवं पुलिस अधीक्षक एम.एस.वर्मा ने दिये। इस अवसरपर जिला पंचायत की मु य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रूचिका चौहान, प्रशिक्षु आईपीएस अभिषेक तिवारी भी मौजूद थे। मीडिया कार्यशाला का संचालन उप संचालक जनस पर्क पंकज मित्तल ने किया। मीडिया कार्यशाला में उज्जैन संभाग के सभी जिलों,
उज्जैन जिले के सभी तहसीलों एवं उज्जैन जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लगभग तीन सौ पत्रकार शामिल हुए। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत उप संचालक पंकज मित्तल, सहायक संचालक सुनील वर्मा, पुष्पेंद्र वास्कले, जन सपर्क अधिकारी हरिशंकर शर्मा, शकील एहमद खान, संतोष कुमार उज्जैनिया, संजय ललित ने किया।