December 25, 2024

माता-पिता में लक्षण नहीं, बीमार पड़ी और कोरोना से गई तीन माह की मासूम की जान

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जबलपुर,08 मई (इ खबरटुडे)।माता-पिता व भाई-बहन पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। इसके बावजूद 3 माह की मासूम सारा अंसारी को कोरोना वायरस ने कब घेर लिया इसका पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जुट गई है।

एहतियात के तौर पर मृत बच्ची के माता-पिता व दो बहनों को सुखसागर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां से थ्रोट स्वाब के सैंपल जांच के लिए एनआईआरटीएच भेजे जा रहे हैं।

मृत बालिका के पिता का नाम अकील अहमद अंसारी (40), मां समीम अंसारी (32), बहन सबा अंजुम (10) और सना अंजुम, इनमें अब तक कोरोना के कोई लक्षण सामने नहीं आए हैं। मेडिकल में भर्ती कराने से पूर्व स्वजन सारा को एल्गिन अस्पताल ले गए थे, जहां से उसे जिला अस्पताल विक्टोरिया रेफर कर दिया गया था।

विक्टोरिया के डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा था। इधर, हैरानी की बात यह है कि कोरोना के मरीज के अंतिम संस्कार में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर की सहायता से सूपाताल कब्रिस्तान में शव को सुपुर्दे खाक किया गया। आशीष ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों को शव के अंतिम संस्कार की जानकारी दी गई थी बावजूद इसके कोई नहीं पहुंचा।

शव को छाती से चिपकाए रही मां
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि मासूम की मौत की खबर से बदहवाश हुई मां समीम अंसारी शव को छाती से चिपकाए रोती रही। शव को लेकर वह इधर-उधर घूमती रही जिसके कारण उसके संपर्क में आए तथा बच्ची का उपचार करने वाले डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ को होम क्वारंटाइन में रखने के निर्देश दिए गए।

अचानक खराब हुई थी तबीयत
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि 4 मई को सारा की तबीयत अचानक खराब हुई थी। इससे पूर्व करीब 7 दिन से उसे साधारण बुखार था। लॉकडाउन के कारण वे अस्पताल नहीं गए और एक डॉक्टर से बुखार की दवा खरीदकर उसे देते रहे। तेज बुखार के साथ झटके आने लगे तो एल्गिन अस्पताल ले जाया गया। वहां परीक्षण कर डॉक्टर ने विक्टोरिया जाने की सलाह दी। विक्टोरिया के डॉक्टरों ने मेडिकल भेज दिया। मेडिकल के चिकित्सकों ने मस्तिष्क ज्वर, वायरल इंसेफेलाइटिस मानते हुए उपचार शुरू किया। हालत गंभीर होने पर उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। 5 मई की सुबह उसकी मौत हो गई।

सामने आई यह वजह
पतासाजी में अब तक यह जानकारी सामने आई है कि हनुमानताल क्षेत्र में कोरोना का खतरा बढ़ने के बाद भी सारा के पिता उसे गोद में लिए घर के बाहर घूमते रहते थे। इस दौरान वे क्षेत्र के कुछ लोगों के संपर्क में आए थे। उन्होंने भी सारा को गोद में लेकर लाड़-दुलार किया था। सारा के माता-पिता व बहनों समेत क्षेत्र के 11 लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन कराया गया है।

एहतियात के तौर पर कराया गया सैंपल
मेडिकल के कोविड-19 प्रभारी डॉ. संजय भारती ने बताया कि सारा अंसारी को जब मेडिकल में भर्ती कराया गया था, उस समय कोरोना का संदेह इसलिए नहीं किया गया क्योंकि परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ्य थे। लिहाजा बच्ची को पीडियाट्रिक वार्ड में ले जाया गया था। लेकिन कुछ ही घंटे चले उपचार के दौरान जब बच्ची की मौत हो गई तब कोरोना की आशंका हुई जिसकी पुष्टि के लिए शव से थ्रोट स्वाब के सैंपल लिए गए थे। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

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