November 14, 2024

मंत्री न बनाए जाने पर कांग्रेस में बगावत, CM को भेजा इस्तीफा, कहा- लोकसभा चुनाव में पड़ेगा भारी

भोपाल,27 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में बगावत शुरू हो गई है. मंत्री न बनाए जाने पर नाराज चल रहे पूर्व मंत्री ऐदल सिंह कंसाना के समर्थन में कांग्रेस पार्टी से गुरुवार को पहला इस्तीफा हुआ है. मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट पर कांग्रेस कमेटी के ब्लॉक अध्यक्ष मदन शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है.

मुरैना-श्योपुर से आठ में से सात सीट जीतने के बाद भी जिले से किसी को भी मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराजगी चल रही थी. शर्मा ने पार्टी पर मुरैना जिले की उपेक्षा का आरोप लगाया है. संभावना जताई जा रही है कि मदन शर्मा के इस्तीफे के बाद मुरैना से और भी कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़ सकते हैं.

शर्मा ने अपनी इस्तीफा प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा है. उन्होंने लिखा है, ”मंत्रीमंडल विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन में भारी कमी के कारण पार्टी में मुरैना श्योपुर संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. इसकी वजह से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान उठना पड़ सकता है. मुरैना श्योपुर संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सभा क्षेत्र में से सात सीटों पर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. यहीं से ही एदल सिंह कंसाना चार बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. इसके बाद भी उन्हें मंत्रीमंडल में जगह नहीं दी गई, इसकी वजह से पूरे समाज में गुस्सा है.’

बता दें कि विधायक विजयलक्ष्मी साधौ, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ. गोविन्द सिंह, बाला बच्चन, आरिफ अकील, बृजेन्द्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल, लाखन सिंह यादव, तुलसी सिलावट, गोविन्द सिंह राजपूत, इमरती देवी, ओमकार सिंह मरकाम, डॉ. प्रभु राम चौधरी, प्रियव्रत सिंह एवं सुखदेव पानसे, उमंग सिंघार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पी सी शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन यादव, सुरेन्द्र सिंह बघेल एवं तरूण भनोत को कैबिनेट में जगह दी गई है.

कमलनाथ ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 6 दिन बाद 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ अकेले ली थी. मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं। उसने बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है। उसे फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं. मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र 7 जनवरी से शुरू होगा.

You may have missed

This will close in 0 seconds