भूमिहीनों को आवासीय पट्टों का वितरण अभियान के रूप में किया जाये : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की राजस्व विभाग की समीक्षा
रतलाम,10 अप्रैल (इ खबरटुडे)। राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये प्रदेश में चलाये गये विशेष अभियान के तहत 12 लाख से अधिक नामांतरण और बँटवारा के प्रकरणों का तथा एक लाख से अधिक सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किया गया है। साथ ही प्रदेश में साढ़े चार करोड़ से अधिक नि:शुल्क खसरे और बी-1 की प्रतियों का वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये राजस्व विभाग के अमले को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज राजस्व विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और मुख्य सचिव बी.पी. सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि भूमिहीनों को आवासीय पट्टों का वितरण अभियान के रूप में किया जाये। आगामी सितम्बर माह के अंत तक प्रदेश में एक भी पात्र भूमिहीन शेष नहीं रहे। विभिन्न शासकीय उपक्रमों को भूमि आवंटन के प्रकरणों के परीक्षण का कार्य मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति करें।
पूर्व में विभिन्न शासकीय उपक्रमों को आवंटित भूमि की उपयुक्तता के बारे में भी यह समिति परीक्षण करेगी। नक्शे और खसरों की त्रुटियों को दूर करने का विशेष अभियान चलाया जाये। वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का कार्य प्राथमिकता से किया जाये।
पूरे प्रदेश में अविवादित-नामांतरण-बँटवारा प्रकरण लंबित नहीं
बैठक में बताया गया कि एक माह से अधिक लंबित अविवादित नामांतरण-बँटवारा प्रकरणों पर एक लाख रूपये के इनाम की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में एक भी प्रकरण नहीं मिला। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग ने आम लोगों के हित में सकारात्मक कार्य किया है। विभाग ने निर्धारित लक्ष्य को चुनौती के रूप में स्वीकार कर बेहतर परिणाम दिये हैं। विभाग के लिये निर्धारित आगामी लक्ष्य भी समय-सीमा में पूरे किये जायें।
सूखा-ओला राहत के लिये 2100 करोड़ स्वीकृत
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष सूखा राहत के लिये 1880 करोड़ तथा ओला वृष्टि राहत के लिये 300 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं। भोपाल नगर के मर्जर एग्रीमेंट के लंबित प्रकरण का निराकरण भोपाल के 13 ग्रामों में स्थगित नामांतरण, बँटवारा और नजूल एनओसी से छूट देकर किया गया है। सिंधी तथा अन्य विस्थापितों के पट्टों का निराकरण किया गया है। भूमिहीनों को आवासीय पट्टे देने के अभियान के विस्तृत निर्देश दिये गये हैं। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों की सहायता राशि न्यूनतम सीमा दो हजार से बढ़ाकर पाँच हजार रूपये तथा अधिकतम सीमा 60 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार रूपये की गयी है। भू-राजस्व संहिता में संशोधन के सुझाव के लिये प्रारूपण समिति गठित की गयी है। लगभग 9 हजार 300 पटवारियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। नयी शहरी 43 तहसीलों और 7 नयी ग्रामीण तहसीलों के गठन की स्वीकृति हो गयी है। नायब तहसीलदार के 550 नये पदों की स्वीकृति और 270 पदों पर नियुक्ति आदेश जारी हो गये हैं। वेब-जीआइएस का सुधार के बाद पुन: उपयोग शुरू हो गया है। सभी पटवारियों को स्मार्ट फोन उपलब्ध करा दिये गये हैं। समस्त राजस्व अमले के लिये एकीकृत मोबाइल प्लेटफार्म आगामी मई माह तक लागू होगा। भूमि हेल्पलाइन कॉल सेंटर के लिये निविदा जारी हो गयी है।
राजस्व विभाग की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी
जानकारी दी गई कि नजूल के पट्टों के नवीनीकरण और दरों का सरलीकरण किया जायेगा। आम नागरिकों को भू-राजस्व, नजूल रेंट, प्रीमियम के भुगतान के लिये सरल ऑनलाईन सुविधा शुरू की जायेगी। किसान ऐप के माध्यम से किसानों को भूमि के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी। पटवारियों को संपूर्ण कार्य ऑनलाईन करने के लिये लेपटॉप दिये जायेंगे। पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों और लिपिकों के लिये नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा 21 वर्षों के अंतराल के बाद आगामी जून माह में आयोजित की जायेगी। राजस्व विभाग की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाईन की जायेगी। विभाग ‘कहीं भी-कभी भी’ भू-अभिलेख उपलब्ध करवाने की सुविधा आम नागरिकों को उपलब्ध करायेगा। भूमिहीन कोटवारों के मानदेय में वृद्धि की जायेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व अरूण पाण्डे, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, एस.के. मिश्रा, हरिरंजन राव, प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।