भारत पर्व पर गरिमामय समारोह आयोजित
नृत्य-नाटिका से अभिभूत हुए दर्शक
रतलाम 27जनवरी (इ खबरटुडे)। भारतीय लोकतंत्र की गरिमामय अस्मिता का उत्सव भारत पर्व गणतंत्र दिवस की संध्या को मनाया गया। जिला मुख्यालय पर आयोजित भव्य समारोह में प्रस्तुत झांसी की रानी पर केन्द्रित नृत्य-नाटिका ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। समारोह में प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास राज्यमंत्री मनोहर ऊँटवाल,जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनीता राजमल जैन,महापौर शैलेन्द्र डागा, बजरंग पुरोहित एवं कलेक्टर राजीव दुबे भी मौजूद थे।
इस अवसर पर भोपाल से आए माधव बारीक के दल ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन,उनके अतुलनीय पराक्रम तथा हृदयद्रावक बलिदान को इस खूबी से जीवंत किया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। रानी के बाल्यकाल से लेकर राजा गंगाधर राव से विवाह और पति के देहत्याग के बाद अंग्रेजों की चतुर चालों के बीच अकेली रह गईं निरूपाय रानी झांसी की विवशता का सजीव चित्रण नृत्य-नाटिका में किया गया। अपनी झांसी नहीं सौंपने का दृढ निश्चय किए रानी ने विशाल अंग्रेजी सेना से युध्द में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया। आखिरकार विदेशी आतताईयों से युध्द में रानी झांसी वीरगति को प्राप्त हुईं। पूरे घटनाक्रम और रानी की बेमिसाल बहादुरी के दृश्य जैसे मूर्तिमान हो उठें। रानी लक्ष्मीबाई के देहत्याग के क्षणों के भी दर्शक जैसे साक्षी बन गए और एकबारगी सन्नाटा सा पसर गया वातायन में। नृत्य नाटिका में लक्ष्मीबाई का रूप लिए पद्मा सोनकर,राजा मोहन्ता श्रुति कीर्ति,आकांक्षा शुक्ला,विभा श्रीवास्तव,प्रिया साहू,सौलतयार खान,आदित्य श्रीवास्तव,राहुलसिंह,संदीप प्रकाश,प्रशांत,मॉरिस लाजरस और सप्तरथी मोहन्ता ने अभिनय की ऊँचाईयों का स्पर्श किया। नृत्य नाटिका का निर्देशन चन्द्रमाधव बारीक ने किया।
समारोह में महेश्वर से आए प्रवीण चौबे ने निमाड़ी लोकगीतों से समां बांधा। मुख्यत: टंटया मामा की वीरता के यशोगान पर केन्द्रित लोकगीतों ने दर्शकों को मोहित किया। इन लोकगीतों में आम लोगों में एक किंवदंती के रूप में मशहूर रहे टंटया मामा की अद्भुत चतुराई के कई किस्से बयान किए गए थे। जीवन भर अंग्रेजों को छकाते रहे टंटया मामा का शौर्य स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष का अहम् हिस्सा रहा है और उनके प्रति आम भारतीय की श्रध्दा लोकगीतों के रूप में अभिव्यक्त हुई है। प्रवीण चौबे ने इन्हीं लोकगीतों को स्वर दिया और सुन्दर गायन-वादन ने दर्शकों को अतीत के उन पलों का साक्षी बनाया। श्री चौबे के दल में विकास, सौरभ अहिरवाल, महेश अहिरवाल, शैलेन्द्र ठाकुर,लक्ष्मण सावंत और राजू भी शामिल थे।
मध्यप्रदेश विकास की ओर प्रदर्शनी आयोजित
लोकतंत्र के लोक उत्सव भारत पर्व के अवसर पर दोबत्ती स्थित प्रांगण में जनसंपर्क विभाग द्वारा मध्यप्रदेश विकास की ओर प्रदर्शनी लगाई गई थी। प्रदर्शनी में विभिन्न विकास कार्यों एवं योजनाओं से संबंधित चित्र प्रदर्शित किए गए थे।