November 15, 2024

बाल विवाह होने पर पड़ोसी भी जिम्मेदार माना जाकर दण्डित होगा,लाडो अभियान पर कार्यशाला सम्पन्न

जिले में बाल विवाह पर अंकुश के लिए सख्त मॉनीटरिंग

रतलाम ,17 अप्रैल (इ खबरटुडे)।बाल विवाह को रोकने के लिए शासन द्वारा सख्त कानून बनाए गए हैं। लड़के की आयु 21 वर्ष से कम होने तथा लड़की की आयु 18 वर्ष से कम होने पर जिम्मेदार सभी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। बाल विवाह पर दोनों पक्षों के पड़ोसी, माता-पिता, रिश्तेदार, बैण्ड वाले, होटल, धर्मशाला, केटरर्स, मैरिज ब्यूरो, मैरिज गार्डन, ब्यूटी पार्लर, नाई, शादी कराने वाले बिचौलिये, पण्डित, काजी, कार्ड छापने वाले प्रिन्टर्स भी जिम्मेदार माने जाएंगे। इनको दो वर्ष का कारावास या 1 लाख रुपये का जुर्माना या दोनो सजाए दी जा सकती है।

यह जानकारी आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न लाडो अभियान कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला में कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिले में सख्त मॉनीटरिंग की जा रही है। 18 अप्रैल अक्षय तृतीया पर उड़नदस्तों द्वारा जिले भर में घूमकर निगरानी रखी जाएगी। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास आर.के मिश्रा, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी सुषमा भदौरिया, चाईल्ड लाईन के अधिकारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य वीरेन्द्र कुलकर्णी, विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

बाल कल्याण समिति की अनुशंसा पर ही आयु प्रमाण पत्र मिलेगा
कार्यशाला में बताया गया कि बाल विवाह रोकथाम के संबंध में संदेहास्पद प्रकरणों की जांच बाल कल्याण समिति करेगी। अब खण्ड चिकित्सा अधिकारी सीधे आयु प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकेगा। ऐसे प्रकरणों में बाल कल्याण समिति विद्यालय से प्राप्त जन्म तारिख प्रमाण पत्र, बोर्ड मेट्रिकुलेशन या समतुल्य प्रमाण पत्र के आधार पर या इनके अभाव में नगर पालिका-निगम या पंचायत द्वारा दिए जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर या इनके अभाव में समिति के आदेश पर की गई, अस्थि जांच या कोई अन्य नवीनतम चिकित्सकीय आयु जांच के आधार पर ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

किशोर न्याय अधिनियम के तहत बालक का विवाह उसके साथ क्रूरता है
बताया गया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 एवं नियम 55 के तहत बालक का विवाह करना उसके साथ क्रूरता समझा गया है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत ऐसा करवाने वालों के विरूद्ध तीन वर्ष की सजा एवं 1 लाख रुपये जुर्माने से दण्डित किए जाने का प्रावधान है।

बाल विवाह शून्य घोषित हो सकता है
कार्यशाला में जानकारी दी गई कि शादी हो जाने के बाद भी यदि वह बाल विवाह है तो विवाह को शून्य घोषित किया जा सकता है। ऐसे विवाह की सूचना पर जिला अधिकारी मय सबूतों के यदि कलेक्टर के समक्ष प्रकरण रखता है तो कलेक्टर ऐसे विवाह को शून्य घोषित कर सकता है।

समय पूर्व बाल विवाह की जानकारी एकत्र करे
कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान ने कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि एन वक्त पर कार्यवाही के बजाय समय पूर्व यह सुनिश्चित कर ले कि बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका या ऐसे ही अन्य मैदानी अमले के माध्यम से विवाह के 20 से 25 दिन पूर्व संबंधित वर-वधुओं की आयु संबंधी जानकारी एकत्र कर ली जाए ताकि विवाह होते समय इसकी रोकथाम के अवसर पर अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हो सके। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पंचायतों मे बाल विवाह विरोधी पेम्पलेट चस्पा करवाए जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में खास तौर पर ऑटो रिक्शा या ऐसे ही किसी वाहन से बाल विवाह के विरूद्ध मुनादि कराई जाए। जिले के सभी विकासखण्डों में बाल विवाह संबंधी शिकायतों का डेटाबेस बनाया जाए।

शिकायत कहां कर सकते हैं
बताया गया कि बाल विवाह के संबंध में कोई भी व्यक्ति निकटतम पुलिस थाने या प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां शिकायत दर्ज कराई जा सकते हैं। इसके अलावा कलेक्टर, एसपी महिला सशक्तिकरण अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास, एसडीएम, एसडीओ पुलिस, तहसीलदार, थाना प्रभारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, आंगनवाड़ी केन्द्र पर सूचना दी जा सकती है। चाईल्ड लाईन 1098 पर भी सूचना दी जा सकती है। इस नंबर पर सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रहती है।

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