प्रदेश में 78 लाख स्कूली बच्चों का होगा शैक्षणिक मूल्यांकन
सरकारी स्कूलों में 18 से 20 जनवरी तक प्रतिभा-पर्व
भोपाल ,17 जनवरी (इ खबरटुडे)।प्रदेश के कक्षा-1 से 8 तक के एक लाख 14 हजार सरकारी स्कूल में 78 लाख बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों एवं शिक्षण व्यवस्था का मूल्यांकन किया जायेगा। यह कार्य 18, 19 और 20 जनवरी को प्रतिभा-पर्व के रूप में किया जायेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में व्यापक निर्देश जारी किये हैं।
प्रतिभा-पर्व मूल्यांकन को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दृष्टि से यूनीसेफ के सहयोग से कक्षा-3, 5 और 8 में हिन्दी, गणित, विज्ञान एवं पर्यावरण अध्ययन के लिये नेशनल एचीव्हमेंट सर्वे के मापदण्ड के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। इसके लिये प्रत्येक जिले की 60 प्राथमिक और 60 माध्यमिक शाला को सेम्पल शाला के रूप में विशेष अध्ययन के लिये चुना गया है। सेम्पल स्कूल के बच्चों की उपलब्धियों का डाटा विश्लेषण राज्य-स्तर पर विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा। इनकी रिपोर्टस के आधार पर आगामी वर्षों में शैक्षणिक गुणवत्ता उन्नयन के प्रयासों के लिये नीतिगत निर्णय लिये जायेंगे। इन शालाओं में यूनीसेफ द्वारा थर्ड पार्टी मूल्यांकन किया जायेगा।
शाला-स्तर पर प्रतिभा-पर्व का आयोजन 3 दिन में किया जायेगा। पहले और दूसरे दिन बच्चों का विषय आधारित मूल्यांकन होगा। प्रतिभा-पर्व में तीसरे दिन बालसभा को वार्षिक उत्सव के रूप में आयोजित किया जाकर पालकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। पालकों की उपस्थिति मे बच्चों की सांस्कृतिक, खेलकूद और अन्य गतिविधियों का आयोजन उत्सव के रूप में होगा। बालसभा का संचालन शाला में गठित बाल-केबिनेट द्वारा करवाया जायेगा। वार्षिक उत्सव की गतिविधियों में शत-प्रतिशत बच्चों द्वारा किसी न किसी गतिविधि में सहभागिता की जायेगी। बच्चों को पुरस्कार में प्रमाण-पत्र वितरित किये जायेंगे। वार्षिक उत्सव के लिये प्रत्येक शाला को 2700 रुपये की राशि दी गयी है। शाला में जिस दिन जन-प्रतिनिधियों और पालकों को आमंत्रित किया जायेगा, पालकों द्वारा बालसभा को देखने के साथ-साथ कक्षा के शिक्षक से बातचीत कर बच्चों के रिजल्ट साझा किये जायेंगे।
प्रतिभा-पर्व के दौरान बेसलाइन और एण्ड लाइन में जिन बच्चों द्वारा कक्षा अनुरूप दक्षता प्राप्त नहीं हो पायी थी, उनकी मूलभूत दक्षताओं की प्रगति का आकलन करने के साथ-साथ विषयगत दक्षताओं का आकलन किया जायेगा। आकलन प्रामाणिक हो, इसके लिये प्रत्येक विद्यालय में एक सत्यापनकर्ता अधिकारी उपस्थित रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस वर्ष आकलन के लिये विषय-वस्तु आधारित प्रश्नों को अत्यधिक रोचक बनाया है। इन प्रश्नों को पढ़कर हल करने पर बच्चों में तर्क-क्षमता, विषय-वस्तु की समझ तथा उसका व्यवहार में उपयोग कर पाने की क्षमता का आकलन हो सकेगा।