प्रदेश के मुख्य जिला मार्गों के उन्नयन के लिए 3250 करोड़ मंजूर
स्व सहायता समूहों को 3 लाख तक बैंक ॠण पर मिलेगा 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान
रतलाम,24 अप्रैल(इ खबरटुडे)। प्रदेश में मुख्य जिला मार्गों के निर्माण/उन्नयन के लिए 3250 करोड़ रूपये (500 मिलियन अमेरिकी डालर) की मंजूरी दी गई है। इससे 2143 किलो मीटर लम्बाई के 87 मार्गो का निर्माण/उन्नयन होगा। इसमें 70 प्रतिशत न्यू डेव्हलपमेंट बैंक का ऋण 2275 करोड़ रूपये (350 मिलियन अमेरिकी डालर) तथा 30 प्रतिशत राज्य शासन का हिस्सा 975 करोड़ रूपये (150 मिलियन अमेरिकी डालर) शामिल है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास : स्व-सहायता समूहों को 3 लाख रुपये तक के बैंक ॠण पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान राज्य शासन द्वारा वहन करने के प्रस्ताव को भी मंत्रि-परिषद ने स्वीकृति प्रदान की है। वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में अनुमानित बैंक ॠण 1600 करोड़ रूपये होगा, जिस पर अनुमानित ब्याज अनुदान की राशि 48 करोड़ रूपये होगी। इसी क्रम में मंत्रि-परिषद ने स्व-सहायता समूह संवर्धन नीति 2007 में संशोधन को भी अनुमोदन प्रदान किया है। उल्लेखनीय है कि अब तक स्व-सहायता समूह अथवा परिसंघों को व्यापार के विस्तार के लिए अधिकतम 25 लाख रूपये की सहायता उपलब्ध करायी जाती थी। इसे बढ़ाकर 50 लाख रूपये करने का निर्णय मत्रि-परिषद द्वारा लिया गया है।
मंत्रि-परिषद द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों के वेतनमान के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। अब एक जनवरी 2018 के बाद नियुक्त पंचायत सचिवों को 2 वर्ष तक 10 हजार रूपये प्रति माह निश्चित मानदेय दिया जाएगा। दो वर्ष संतोषजनक सेवा पूर्ण करने पर 5,200-20,200+ग्रेड पे 1900 का नियमित वेतनमान दिया जाएगा। इसी प्रकार एक अप्रैल 2018 को 10 वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण कर चुके ग्राम पंचायत सचिवों को 5,200-20,200+ग्रेड पे 2400 का वेतनमान स्वीकृत किया जाएगा। इस निर्णय से 21 हजार 151 पंचायत सचिव लाभान्वित होंगे।
मंत्रि-परिषद ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत म.प्र राज्य तिलहन संघ के 97 सेवायुक्तों को प्रतिनियुक्ति अवधि तक के लिए पांचवें और छठवें वेतनमान का लाभ दिया जाना स्वीकृत किया है।
उच्च शिक्षा : मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम-1990 के तहत सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल तथा क्रीड़ा अधिकारी एवं डॉ.बी.आर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू में सहायक प्राध्यापकों के पदों की भर्ती के लिए वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती केवल लिखित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से करने की मंजूरी दी। साथ ही, भर्ती नियमों में साक्षात्कार लेने के प्रावधान में केवल एक बार के लिए छूट दी गई है। अन्य सभी नियम-अतिरिक्त अंक, आरक्षण, आयु सीमा आदि के प्रावधान पूर्वानुसार ही रहेंगे।
तकनीकी शिक्षा : मंत्रि-परिषद ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 12वीं की परीक्षा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 से 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को योजना का लाभ देने, योजना में जेईई(JEE) मेन्स परीक्षा में कॉमन रैंक 50 हजार के स्थान पर डेढ़ लाख करने, कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) अथवा स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLU) एवं दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद एडमिशन वाले कोर्स के विद्यार्थियों को देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
मंत्रि-परिषद की बैठक में भारत सरकार द्वारा सभी विश्वविद्यालयों/ संस्थानों में संचालित ग्रेजुएशन प्रोग्राम, इंटीग्रेटेड पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम एवं ड्यूल डिग्री कोर्स के विद्यार्थियों को देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन करने तथा राज्य शासन के सभी शासकीय अनुदान प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों में संचालित सभी पाठ्यक्रमों को योजना में शामिल करने की मंजूरी दी।
जनजातीय कार्य : मंत्रि-परिषद ने जनजातीय कार्य विभाग की आकांक्षा योजना को वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक निरंतर संचालन के लिए 35 करोड़ 20 लाख रूपये की मंजूरी दी। योजना में 4 संभागीय मुख्यालयों इन्दौर, जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर में प्रति वर्ष 1600 आदिवासी विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के इंजीनियरिंग, मेडिकल तथा लॉ कॉलेजों में प्रवेश को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट कोचिंग संस्थाओं के माध्यम से निशुल्क कोचिंग दी जाती है।
उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन : मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में चयनित स्थलों पर 14 औद्योगिक अधोसंरचना विकास कार्य परियोजना के लिए 530 करोड़ 59 लाख रुपये की मंजूरी दी। इन परियोजनाओं में 8 नये औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए परियोजना लागत का 40 प्रतिशत शासन से अनुदान, 50 प्रतिशत शासन गारंटी के तहत ऋण तथा 10 प्रतिशत क्रियान्वयन संस्था का अंश होने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इन 8 नये औद्योगिक क्षेत्रों में नवीन एकीकृत औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर जिला धार, नवीन औद्योगिक क्षेत्र रेहटा-खाडकोद जिला बुरहानपुर, नवीन बहु-उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र सह जेम्स एवं ज्वैलरी तथा आईटी पार्क जिला इंदौर, नवीन एकीकृत टेक्सटाईल पार्क अचारपुरा जिला भोपाल, नवीन औद्योगिक क्षेत्र लहगडुआ जिला छिन्दवाडा़, नवीन औद्योगिक क्षेत्र खैरीयतागांव (बोरगांव) जिला छिन्दवाड़ा, नवीन औद्योगिक क्षेत्र गुड़ जिला रीवा और नवीन औद्योगिक क्षेत्र उद्योगद्वीप बैढ़न जिला सिंगरौली शामिल हैं।
इसी तरह छ: विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों के उन्नयन कार्य के लिए 75 प्रतिशत शासन से अनुदान और 25 प्रतिशत क्रियान्वयन संस्था के अंश के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इन 6 विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर जिला झाबुआ, मालनपुर-घिरौंगी जिला भिण्ड, आईआईडी प्रतापपुरा जिला टीकमगढ़, उद्योगद्वीप बैढ़न जिला सिंगरौली, उद्योगविहार चुरहट जिला रीवा और आईआईडीसी नादनटोला जिला सतना शामिल हैं।
मंत्रि-परिषद ने स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क पीथमपुर की कुल 469.97 हेक्टेयर भूमि में से 72.77 हेक्टेयर भूमि को जापानी, दक्षिण-पूर्व एवं सुदूर-पूर्व देशों ( दक्षिण कोरिया,चीन,ताइवान इत्यादि) के निवेशकों के लिए आरक्षित करते हुऐ शेष 397.20 हेक्टेयर औ़द्योगिक भूमि प्रदेश/देश के निवेशकों के लिए बहु-उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अनारक्षित कर प्रचलित नियमानुसार आवंटित करने का निर्णय लिया।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास : मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में कृषि महोत्सव क्रियान्वयन की कार्य योजना को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर रखने के लिए 22 करोड़ रूपये राज्यांश के रूप में उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के उददे्श्य से आयोजित किए जाने वाले कृषि महोत्सव के अंतर्गत कृषि और कृषि से संबंधित विषयों जैसे पशुपालन, उद्यानिकी, रेशम-पालन, मछली-पालन आदि पर किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के मध्य सीधा संपर्क स्थापित करने के उददे्श्य से कृषि विज्ञान मेला, किसान सम्मेलन, कृषक संगोष्ठियां तथा नवीनतम कृषि तकनीकों का प्रदर्शन एवं व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार राज्य से ग्राम स्तर तक किया जाएगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण : मंत्रि-परिषद ने रोगी कल्याण समिति दिशा-निर्देश 2018 को भी अनुमोदन प्रदान किया। इसके अंतर्गत प्रदेश के चिकित्सालयों में सभी श्रेणी के मरीजों को नि:शुल्क चिकित्सा जांच, उपचार और आवश्यक औषधियां उपलब्ध कराना सुनिश्चित होगा। इसी के साथ प्रदेश की 101 शालाओं में विद्यालय भवन निर्माण के लिए 15.99 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई।