November 17, 2024

पोत से भी मार करने में सफल हुई जमीन पर बरसने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

नई दिल्ली, 22 अप्रैल (इ खबरटुडे)। भारतीय रक्षा तंत्र में शुक्रवार को एक और कड़ी जुड़ गई. भारतीय नौसेना के एक पोत से शुक्रवार को पहली बार जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने बताया, “भारतीय नौसेना के एक टोही पोत से पहली बार जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया.”

नौसेना के युद्धपोत से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया. नौसेना के आईएनएस तेग से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया. नौसेना के अंग्रिम पंक्ति के युद्धपोत आईएनएस कोलकाता, रणवीर और तेग क्लास के युद्धपोत इस मिसाइल से पहले ही लैस हैं.

भारतीय नौसेना के एक टोही पोत से पहली बार जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया. जमीन पर मार करने ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण से नौसेना के युद्धपोत की काफी समारिक ताकत बढ़ गई है. अब वह अपने लक्ष्य को किसी द्वीप या फिर समंदर से दूर कहीं भी हो उसको बरबाद कर सकता है. भारतीय नौसेना ने अभी तक ब्रह्मोस के पोत रोधी संस्करण का ही परीक्षण किया था.  इस परीक्षण से भारत इस क्षमता वाले कुछ चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिसके पास ऐसी क्षमता है .

भारतीय सेना में 2007 से ब्रह्मोस की जमीन पर मार करने वाली मिसाइल शामिल है. ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है. इस मिसाइल का उसके पास कोई तोड़ नहीं है. भारत के पास मौजूद ब्रह्मोस सुपरसोनिक है यानी इसकी स्पीड करीब एक किलोमीटर प्रति सेकेंड है. ये एक ऐसी मिसाइल है जो पनडुब्बी, युद्धपोत, लड़ाकू विमान आदि से दागा जा सकता है.

भारत और रूस ने इसे संयुक्त रूप से मिलकर तैयार किया है. इसे विश्व की एकमात्र ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है. इसका निशाना अचूक है.  अब दोनों देश मिलकर इसकी रेंज के साथ सात स्पीड बढ़ाने पर काम कर रहे हैं तब यह और भी घातक हो जाएगा.

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