पुलवामा: कश्मीर की माताएं अपने भटके बच्चों को सरेंडर करवाएं नहीं तो मारे जाएंगे- भारतीय सेना
श्रीनगर/नई दिल्ली,19 फरवरी(इ खबरटुडे)। Pulwama Terror Attack में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद सोमवार को आतंकियों से मुठभेड़ में चार और सैनिक शहीद हो गए। इस दौरान सेना ने तीन आतंकियों को भी मार गिराया। भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार सुबह संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
सीआरपीएफ के आईजी ऑपरेशन जुल्फीकार हसन ने कहा – हमारी हेल्पलाइन 14411 इस आतंकी हमले के संबंध में देशभर में कश्मीरियों की मदद कर रही है। कई कश्मीरी छात्रों ने देशभर से इस संबंध में हमसे मदद मांगी है। कश्मीर से बाहर पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के आईजी पुलिस एसपी पाणी ने कहा – आतंकियों की भर्ती में उल्लेखनीय कमी आयी है। पिछले तीन महीनों में आतंकियों की कोई भर्ती नहीं हुई है। इसमें कश्मीर के परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हमारा परिवारों से आग्रह है कि वे आतंकियों की भर्ती को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कश्मीर में नौजवानों की मांओं से अपने बेटों को बंदूक का रास्ता छोड़ने की अपील की। उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलवामा मुठभेड़ में सोमवार को तीन आंतकी मारे गए. उन्होंने कहा कि 100 घंटे के भीतर जैश के आतंकवादियों को मार गिराया गया है.
इतना बड़ा हमला कैसे हुआ, इस पर ढिल्लन ने कहा, ”यह जांच का मामला है और जांच चल रही है. जांच में बहुत चीज़ें सामने आई हैं लेकिन हम साझा नहीं कर सकते. जो जवान हमारे शहीद हुए हैं इसलिए हुए क्योंकि हमें आम नागरिकों का भी ध्यान रखना होता है. हमारे कमांडर फ्रंट पर थे और उन्हें आम नागरिकों को भी बचाना था. मैं कश्मीरियों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वो एनकाउंटर स्थल से अलग रहें.”
ढिल्लन ने कहा, ”14 फ़रवरी को जिस तरह का हमला हुआ वैसा पहले कभी नहीं हुआ. इस तरह के हमले सीरिया और अफ़ग़ानिस्तान में होते रहे हैं. जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तानी सेना का ही बच्चा है. पाकिस्तानी आर्मी जैश में 100 फ़ीसदी शामिल हैं.”
ढिल्लन ने कहा कि सोमवार को पुलवामा में सेना की कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मारे गए और इसमें सेना के चार जवान समेत जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सिपाही की भी शहादत हुई थी. सेना का कहना है कि कश्मीर घाटी में जैश का पूरा नेतृत्व ख़त्म हो गया है.
सेना के कमांडर कंवलजीत सिंह ढिल्लन ने कहा, ”हमलोग जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व की तलाश कर रहे थे. हमलोग को यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि कश्मीर घाटी से जैश का पूरा नेतृत्व ख़त्म हो गया है. जैश का पूरा नेतृत्व पाकिस्तान से संचालित हो रहा था.”
सेना का कहना है कि सोमवार के ऑपरेशन में कामरान नाम का एक आतंकवादी मारा गया जो पुलवामा के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार का साथी था.
सेना का कहना है कि कामरान घाटी में युवाओं को भड़काने और ट्रेनिंग देने का काम करता था.
सेना के अनुसार मारा गया दूसरा आतंकवादी हिलाल है जो स्थानीय कश्मीरी युवा था और वो बम बनाता था. तीसरे आतंकी का नाम राशिद उर्फ़ गाज़ी था और वो पाकिस्तानी था. सेना का कहना है कि ये आतंकवादी कई हमले की योजना बना रहे थे.