पार्टी में किसी की हैसियत नहीं की नेताजी का फैसला ना माने: शिवपाल
लखनऊ,15 सितम्बर (इ खबरटुडे)। 48 घंटे की लगातार कोशिशों के बाद भी यूपी में शुरू हुआ सपा का सियासी बवाल खत्म नहीं हुआ है। यूपी सीएम अखिलेश यादव द्वारा दो मंत्रियों को हटाए जाने और वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव से चार महत्वपूर्ण मंत्रालय वापस ले लिए जाने के बाद शिवपाल यादव गुरुवार दोपहर लखनऊ पहुंचे।यहां पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी कोई मुसीबत में नहीं है। मुझे भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि अखिलेश यादव को अध्यक्ष पद से हटाया गया है, यह फैसला नेताजी का था। नेताजी जो फैसला लेंगे उसे ना मानने की पार्टी में किसी की हैसियत नहीं है। मुझे नेताजी का हर फैसला मंजूर है। मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसे निभाऊंगा।
उन्होंने आगे कहा कि 2011 में जब मैं प्रदेश अध्यक्ष था तो मुझे हटाकर अखिलेश का अध्यक्ष बनाया गया था। मैंने उसे मान लिया। नेताजी ने फैसला सोच समझकर लिया था। मंत्रालय लिए जाने को लेकर किए गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे भी लगता है कि इस पर नेताजी की राय नहीं ली गई होगी लेकिन हमें काम करना है।
पार्टी में बाहरी लोगों की दखलंदाजी वाले रामगोपाल यादव और मुख्यमंत्री के बयान के बाद अमर सिंह को लेकर उठ रहे सवालों पर शिवपाल ने कहा कि अमर सिंह जी को भी नेताजी ही पार्टी में लाए थे और यह उन्ही का निर्णय था।
शिवपाल यादव से पहले सपा महासचिव रामगोपाल यादव गुरुवार को लखनऊ पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की।
अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद उनके सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि कुछ बाहरी लोग नेताजी की सरलता का लाभ उठाते हैं। अपने को मुलायमवादी कहने वाले यह लोग पार्टी की छवि को अक्सर दागदार करने में लगे रहते हैं।
मीडिया के बाहरी व्यक्ति का नाम पुछने पर उन्होंने कहा कि आप सभी लोग जानते हैं, उनका नाम। यह बाहरी लोग नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की सरलता का फायदा उठाते हैं। उन्होंने बेहद ही तल्ख लहजे में कहा कि शुरू से एक आदमी पार्टी को बर्बाद करने में आमादा है। बाहरी लोगों का पार्टी के हित सरोकार नहीं है। एक आदमी पार्टी को बर्बाद करने पर आमादा है। राम गोपाल यादव ने कहा जो व्यक्ति समाजवादी नहीं वो मुलायमवादी कैसे हो सकता है।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री ने भी मीडिया से बात करते हुए बाहरी लोगों की बात कही थी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि अखिलेश ने आज उनसे बहुत बातें सुनी हैं। इसके बाद भी उनके चेहरे पर शिकन नहीं है। पार्टी तथा सरकार में सब बिल्कुल दुरूस्त है। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी कोई बात बिगडऩे वाली नहीं है।
माना जा रहा है कि पूरे मामले में अब इसका ठीकरा पार्टी के राज्यसभा सांसद अमरसिंह पर फोड़ने की तैयारी हो रही है।
वहीं मुलाकात से पहले रामगोपाल यादव ने पूरे मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं और ना पार्टी में कोई संकट है जो कई दिनों से चल रहा है। कई बार होता है कि कई फैसले हो जाते हैं जिससे लगता है की कुछ गलत है। कई फैसले मुख्यमंत्री लेते हैं, कुछ छोटी बातों पर मतभेद सामने आए जिनका समाधान किया जा सकता है।
रामगोपाल ने आगे कहा कि सीएम को अध्यक्ष पद से हटाना गलती रही, उन्हें अध्यक्ष पद से हटाना था तो पहले बताया जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री जी ने खुद भी कहा है कि ज्यादातर फैसले नेताजी के कहने पर हुए और कुछ फैसले खुद भी लेते हैं। यूपी जैसे बड़े राज्य का सीएम खुद कोई फैसले ले तो इसमे अस्वाभाविक क्या है। अध्यक्ष जी से यह गलती हुई कि वो इस्तीफा देने के लिए कह सकते थे। यह गलतफहमी का मामला है। अगर ऐसा होता तो मुख्यमंत्री खुद इस्तीफा दे देते।
इससे पहले अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि वो यूपी चुनावी अभियान की शुरुआत 3 अक्टूबर से करेंगे। बुधवार को ही मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बाहरी लोग पारिवारिक मामले में दखलंदाजी कर रहे हैं।
इस बीच खबर है कि मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के संसदीय दल की बैठक बुलाई है ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके। कहा जा रहा है कि यह बैठक शुक्रवार को होगी लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
अखिलेश अपने फैसलों पर अडिग
सपा सूत्रों के अनुसार शिवपाल चुनाव को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने के पक्ष में हैं। इसके लिए वे सरकार से त्यागपत्र देने को भी तैयार हैं। लेकिन मुलायम ने उन्हें अभी ऐसे किसी कदम से रोक दिया है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सपा सुप्रीमो से कहा है कि अब मंत्री पद से हटाए गए राजकिशोर और गायत्री प्रजापति की सरकार में वापसी नहीं हो पाएगी।
इन दोनों को शिवपाल और मुलायम का करीबी माना जाता है। अखिलेश ने यह भी संदेश दे दिया है कि शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला पलटा नहीं जाता तो उनसे लिए गए अहम विभाग लौटाए नहीं जाएंगे।