January 31, 2025

पवार वाला ठाकरे आला रे,शिवाजी पार्क में उद्धव ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

udhhav thakre

मुंबई,28 नवंबर( इ खबर टुडे)। महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार की शुरुआत हो चुकी है. गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ के साथ ही उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने वाले ठाकरे खानदान के पहले सदस्य हो गए. शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. समारोह में कई राज्यों के सीएम भी पहुंचे. इसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी शिरकत की.

शिवाजी महाराज को नमन करते हुए मराठी भाषा में उद्धव ने शपथ ली और वे ठाकरे परिवार से पहले मुख्यमंत्री हैं. उद्धव के बाद कैबिनेट के अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई जा रही है. उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना के एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई. इसके बाद एनसीपी कोटे से विधायक दल के नेता जयंत पाटिल और छगन भुजबल को शपथ दिलाई गई.

महाराष्ट्र में शिवसेना की नींव रखने वाले बाल ठाकरे के बेटे उद्धव का जन्म 27 जुलाई 1960 को बॉम्बे में हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा बालमोहन विद्या मंदिर से हुई. इसके बाद उन्होंने सर जेजे इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड आर्ट से उच्च शिक्षा हासिल की.

उद्धव ठाकरे का सियासी करियर

शिवसेना की नींव 1966 में उद्धव के पिता बाला साहेब ठाकरे ने रखी थी. जब तक बाला साहेब ठाकरे राजनीति में सक्रिय रहे तब तक उद्धव राजनीतिक परिदृश्य से लगभग दूर ही रहे या फिर उनके पीछे ही खड़े दिखे. हालांकि उद्धव पार्टी की कमान संभालने से पहले शिवसेना के अखबार सामना का काम देखते थे और उसके संपादक भी रहे. हालांकि बाद में बाल ठाकरे की बढ़ती उम्र और खराब सेहत के कारण उन्होंने 2000 के बाद पार्टी के कामकाज को देखना शुरू कर दिया था.

2003 में मिली बड़ी जिम्मेदारी

साल 2002 में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) के चुनावों में शिवसेना को जोरदार सफलता मिली और इसका श्रेय उद्धव ठाकरे को दिया गया. इसके बाद बाल ठाकरे ने अपनी राजनीतिक विरासत उद्धव को सौंपी. जनवरी 2003 में उद्धव को शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया. कम बोलने वाले उद्धव ठाकरे को जब बाल ठाकरे ने शिवसेना के उत्तराधिकारी के रूप में चुना तो कई लोगों को आश्चर्य हुआ था, क्योंकि पार्टी के बाहर कई लोग उनका नाम तक नहीं जानते थे और राज ठाकरे संभावित उत्तराधिकारी के रूप में जाने जाते थे. पर बाल ठाकरे के अपने बेटे उद्धव को उत्तराधिकारी चुने से आहत राज ठाकरे ने 2006 में पार्टी छोड़ दी और नई पार्टी- महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया.

You may have missed