November 17, 2024

पल्स पोलियो में लापरवाही हुई तो नौकरी खतरे में पड़ेगी

स्कूले हर हाल में खुली रखे, संस्था प्रमुखों की होगी जिम्मेदारी

पल्स पोलियो अभियान का द्वितीय चरण दो अप्रैल को

रतलाम ,31 मार्च (इ खबरटुडे)।कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने आगामी दो अप्रैल को पल्स पोलियो अभियान के द्वितीय चरण के लिये की जा रही तैयारियों का जायजा लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग को सख्त हिदायत दी हैं कि उनके अमले के द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाष्त नहीं की जायेगी।

कलेक्टर ने जिला षिक्षा अधिकारी को भी निर्देषित किया कि जिले का कोई भी स्कूल जहां पल्स पोलियो बूथ स्थापित किये जाने हेतु चिन्हाकिंत किया गया हैं किसी भी स्थिति में बंद नहीं रहना चाहिए। यदि बूथ बंद मिला तो संबंधित संस्था के प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही सुनिष्चित होगीं। पल्स पोलियो अभियान के लिये की गई तैयारियों के संबंध में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील ने पावर पाईन्ट प्रजेंटेेंषन के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत की।

कलेक्टर ने पल्स पोलियो की बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा अवगत कराने पर कि विगत फरवरी में चलाये गये अभियान में रतलाम शहर की तीन आंगनवाड़ी सहायिकायें और नौ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताऐं ड्युटी लगाये जाने के बाद भी अभियान में सम्मिलित नहीं हुई। कलेक्टर ने कार्यक्रम अधिकारी सुषमा भदोरिया को संबंधित आंगनवाड़ी कार्यक्रर्ताओं की कर्तव्य की अवेहलना संबंधी जॉच कर तत्काल पद से पृथक करने एवं अवगत कराने के निर्देष दिये। कलेक्टर ने जिला षिक्षा अधिकारी को समस्त पोलियो बूथ सेंटर वाले स्कूलों के प्रमुखों को निर्देषित करने एवं हर हाल में स्कूलें खुली रखवना सुनिष्चित करने को कहा है। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे को स्कूलें बंद रहने की स्थिति में बूथवार सूची बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देष दिये ताकि संबंधित संस्था प्रमुखों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिष्चित की जा सके।

कलेक्टर ने सीएमएचओ और कार्यक्रम अधिकारी को हिदायत दी हैं कि उनके विभाग का मैदानी अमले से जुड़ा हुआ समस्त कर्मचारी जिनकी ड्युटी पल्स पोलियों अभियान में नहीं लगी हैं वे भी अभियान की सफलता के लिये उन तमाम बच्चों को बूथ तक लाने का कार्य करेगे जिन्हें दवाई पिलाया जाना आवष्यक है। वे अपने क्षेत्र में पता लगायेगे कि कोई भी शुन्य से पॉच वर्ष के आयु का बच्चा प्रथम दिन नियत समय में दवाई पीने से वंचित तो नहीं रहा हैं और ऐसे सभी बच्चों को पोलियो बूथ तक पहुॅचाने का कार्य करेगे। कोई भी कर्मचारी यह नहीं समझे कि उसकी ड्युटी नहीं लगी हैं तो वह पोलियो की ड्युटी से मुक्त हैं।

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