नोटबंदी पर सियासी घमासान के बीच आज से विंटर सेशन, सड़क से संसद तक सरकार को घेरेगा विपक्ष
नई दिल्ली, 16 नवम्बर(इ खबरटुडे)। बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार है. नोटबंदी पर विपक्ष ने सरकार को सड़क से संसद तक घेरने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. 500 और 1000 के नोट बंद करने के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालेगी और राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपेगी.
मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले अपनी बैठक की. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में संपन्न बैठक के दौरान शीर्ष नेताओं की राय थी कि विमुद्रीकरण के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में सवाल उठाया जाएगा. सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पीएम ने सभी पार्टियों से नोटबंदी का समर्थन करने की अपील की.
संसद में सरकार को घेरने के दांव-पेंच पर चर्चा करने के लिए सोमवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के संसद भवन स्थित कमरे में बैठक हुई. इसमें तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), भाकपा, माकपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और वाईएसआर कांग्रेस के नेता शामिल हुए. नेताओं ने एक साझा रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को फिर से बैठक की. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि इन पांच मुद्दों पर केंद्र को घेरेगा विपक्ष-
1. वन रैंक वन पेंशन
2. नोटबंदी
3. कश्मीर मुद्दा/पाकिस्तान
4. किसान
5. सर्जिकल स्ट्राइक
नोट बंदी बहुत बड़ा घोटाला साबित होगा’
राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोगों को भारी मुश्किलों में डालने वाली मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हुआ है. बैंकों-एटीएम के बाहर कतारों में 18 से 20 लोगों की मौत हो चुकी है और प्रधानमंत्री हंस रहे हैं. मोदी सरकार ने बीजेपी के लोगों को नोटबंद करने के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था. राहुल गांधी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि नोटबंद करने की घोषणा के बारे में वित्त मंत्री भी जानते थे.
केजरीवाल ने कहा- SC की निगरानी में हो जांच
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़े नोटों का चलन बंद करने की योजना की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की. केजरीवाल ने इसे धोखा बताया और बीजेपी पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि इसका उद्देश्य एक खास राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाना है. केजरीवाल ने एकदिवसीय आपातकालीन सत्र के दौरान इस संबंध में दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया.