नालों का अतिक्रमण हटाने की मुहिम में पक्षपात के आरोप
हाटरोड पर धर्मस्थल का अतिक्रमण हटाने में हिचकी प्रशासन की टीम
रतलाम,30 जुलाई (इ खबरटुडे)। विगत कई दिनों से प्रशासन द्वारा चलाई जा रही नालों के अतिक्रमण को हटाने की मुहिम को जहां व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है,वहीं अब इस मुहिम में पक्षपात किए जाने के आरोप भी लगने लगे है। शुक्रवार को प्रशासन की टीम ने हाटरोड पर नाले के उपर बने एक पक्के होटल को तोडा,लेकिन सामने ही स्थित एक धर्मस्थल के अतिक्रमण को हटाने में यह टीम हिचक गई। कई लोग इसे एक सम्मान समारोह से भी जोड कर देख रहे हैं।
शुक्रवार को प्रशासन की टीम ने हाट रोड पर नाले के अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई। मुहिम के तहत नाले पर बनाए गए एक पक्के होटल व कुछ अन्य अतिक्रमणों को तोड दिया गया। इसे लेकर थोडे विवाद की भी स्थिति बनी,लेकिन प्रशासनिक सख्ती के कारण यह विवाद आगे नहीं बढ पाया। लेकिन यहीं से प्रशासन पर पक्षपात के आरोप लगना भी शुरु हो गए।
प्रशासन की टीम ने हाट रोड पर नाले के उपर बने जिस होटल को तोडा,ठीक उसी के सामने मदीना मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद की मीनार नाले के भीतर बनाए गए एक चबूतरे पर स्थित है? यह मीनार पूरी तरह से नाले के भीतर है। लेकिन प्रशासन की टीम इस अतिक्रमण को हटाने में हिचकती रही और मुहिम को बन्द कर दिया गया। प्रशासन के इस रवैये को लेकर अब पक्षपात के आरोप लगाए जा रहे हैं। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि कुछ ही दिन पूर्व इसी मार्ग पर एक समाज के मन्दिर निर्माण के दौरान किए जा रहे अतिक्रमण को प्रशासन द्वारा सख्ती से तोड दिया गया था। इतना ही नहीं,इस मामले में उक्त समाज के अध्यक्ष व कुछ अन्य लोगों के विरुध्द शासकीय कार्य को बाधित करने का आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया गया था। इस पूरे मामले को लेकर विश्व हिन्दू परिषद व अन्य संगठनों से प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध भी जताया था। इतना सबकुछ हो जाने के बावजूद मन्दिर में किए गए अतिक्रमण को तोडने में प्रशासनिक टीम को कोई समस्या नहीं आई थी।
लेकिन इसी क्षेत्र में स्थित अल्पसंख्यक धर्मस्थल के अतिक्रमण को तोडने में प्रशासनिक अमले की हिचक से क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि मदीना मस्जिद की मीनार मस्जिद निर्माण के कई वर्षों बाद बनाई गई है। लोगों का कहना है कि उक्त मीनार मस्जिद का हिस्सा भी नहीं है। इसके बावजूद नाले का अतिक्रमण हटाने की मुहिम में इस मीनार को छोड दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उक्त मीनार वास्तव में एक कमरे के उपर बनाई गई है। यह कमरा नाले के भीतर बनाया गया है।
क्षेत्र के लोगों का दबी जुबान में यह भी कहना है कि कुछ ही दिनों पूर्व मदीना मस्जिद में एक रिटायर्ड रेलकर्मी व कुछ अन्य अल्पसंख्यक संस्थाओं द्वारा पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों का सम्मान किया गया था। इस सम्मान समारोह में अवैध शराब का एक व्यवसायी और प्रतिबन्धित सूफ्फा ग्रुप से जुडा एक व्यक्ति विशेष रुप से जुडे हुए थे। मजेदार तथ्य यह भी है कि उक्त आयोजन में गिने चुने लोग ही शामिल हुए थे,अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकांश लोग इस समारोह से दूर ही रहे थे। लोगों का कहना है कि शायद इस सम्मान समारोह का ही असर है कि प्रशासनिक टीम ने इस धर्मस्थल की आड में किए गए अतिक्रमण को छोड दिया।