नलजल योजना के लिये परिचर्चा आयोजित
रतलाम 02 सितम्बर(इ खबर टुडे)। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के.पी.वर्मा ने बताया कि पिपलौदा विकासखण्ड के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केन्द्र पर नलजल योजना के लिये परिचर्चा आयोजित की गई है। परिचर्चा में ग्रामीण नलजल योजना के संचालन एवं संधारण में आ रही कठिनाईयों एवं जल स्त्रोत सुरक्षा पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सोमेश मिश्रा द्वारा दिषा निर्देश दिये गये।52 पंचायतों के 98 ग्रामों से 63 ग्रामों में नलजल योजना विभाग तथा ग्राम पंचायतों के मद से क्रियान्वित किया जाना पाया गया। संचालित नल जल योजना के सरपंच एवं प्रतिनिधियों ने सुझाव दिये। केबल की गुणवत्ता अच्छी रखने के लिये चार स्क्वियर एम.एम. की केबल लगाई जाये। विभाग द्वारा दी जा रही मोटर पम्प की गुणवत्ता अच्छी रखी जाये। सुधार कार्य समय-समय पर कराया जाये। विद्युत मण्डल के अधिकारियों ने बताया कि बिल नहीं भरने पर नलजल योजना का कनेक्षन काटा जायेगा।
पूर्व में नलजल योजना में पाईप लाईन वे लिकेज की समस्या सुधारने के लिये एक हजार रूपये के व्यय पर सहमति दी गई। सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों ने कहा कि नलजल योजना का क्रियान्वयन एक ही एजेंसी से उच्च गुणवत्ता के साथ कम समय में कराया जाये ताकि योजना का संचालन बिना किसी व्यवधान के चलता रहे एवं ग्रामीण जनों को जलापूर्ति होती रहे।
मलेरिया, डेंगू तथा स्वाईन फ्लु की जानकारी दी सीएमएचओ ने
पिपलौदा विकासखण्ड में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केन्द्र में विभिन्न जनप्रतिनिधियों एवं सचिवों की बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. प्रभाकर ननावरे ने स्वाईन फ्लु, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचाव की जानकारी दी। सीएमएचओ ने कहा कि रतलाम जिले मे स्वाईन फ्लु से अब तक दो व्यक्तियों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। बिमारी से बचाव के लिये किसी भी प्रकार की सर्दी, खासी, बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाॅच कराकर उपचार कराना चाहिए। बात करते समय आपस में लगभग 6 फीट की दूरी रखना चाहिए। बार-बार हाथ धोना चाहिए। खासते एवं छिकते समय नाक पर रूमाल रखना चाहिए।
मलेरिया, डेंगू से बचाव के लिये मच्छरों पर नियंत्रण के सभी उपाय किये जाना चाहिए। कही भी पानी इक्ठ्ठा नहीं होने देना चाहिए। इक्ठ्ठा पानी में जला हुआ आयल अथवा तेल डालने से मच्छर के लार्वा नष्ट हो जाते है। पूरी बाह के कपड़े पहनना चाहिए तथा रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। किसी भी प्रकार का बुखार होने पर तत्काल खुन की जाॅच कराना चाहिए। स्वास्थ्य केन्द्र में योग्य चिकित्सक से उपचार कराना चाहिए। अपने मन से गोली-दवा नहीं खाना चाहिए।