नमामि देवी नर्मदे अभियान दुनिया में नदी संरक्षण का उदाहरण बनेगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा अभियान की वेबसाईट लोकार्पित
भोपाल,05 सितम्बर (इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संपूर्ण समाज की सहभागिता से चलने वाला ‘नमामि देवी नर्मदे” अभियान पूरी दुनिया में नदी को बचाने का उदाहरण बनेगा। यह अभियान पवित्र जीवनदायिनी नर्मदा नदी के ऋण को उतारने का अभियान है।
एक सौ 18 दिन चलने वाले इस अभियान में नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर सघन पौधा-रोपण किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान “ नमामि देवी नर्मदे ’’ नर्मदा सेवा यात्रा की वेबसाईट का लोकार्पण करने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नर्मदा गीत, नर्मदा स्लोगन तथा अभियान के प्रतीक चिन्ह के लिये हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।
वृक्षों के कटने से और प्रदूषण से नर्मदा के जलप्रवाह पर प्रभाव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी प्रदेश की जीवन रेखा है। यह प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न बना रही है। यह पेयजल, सिंचाई और बिजली देती है। वृक्षों के कटने से और प्रदूषण से नर्मदा के जलप्रवाह पर प्रभाव हुआ है। इससे नर्मदा को बचाने के लिये व्यापक अभियान चलाया जायेगा। नर्मदा के तट पर ज्ञान, भक्ति और कर्म तीनों मार्गों का संगम होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा के किनारों पर निजी भूमि पर किसानों द्वारा फलदार वृक्ष लगाने पर राज्य सरकार किसानों को इन वृक्षों पर फल आने तक मुआवजा देगी। नर्मदा नदी के संरक्षण और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जन-जागरण के लिये यात्रा आगामी 11 नवम्बर से निकाली जायेगी। अमरकंटक से लेकर नर्मदा के किनारे आने वाले सभी शहरों-गाँवों से दूषित जल को मिलने से रोकने के लिये ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे। नर्मदा किनारे के सभी ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किया जायेगा। नर्मदा किनारे के ग्रामों को नशामुक्त बनाया जायेगा।
विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा कि ‘नमामि देवी नर्मदे”, अभियान से नर्मदा नदी प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक प्रवाह का माध्यम बनेगी। यह एक जन-जागरण का अभियान है। वन मंत्री डॉ.गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि कृतज्ञता भारतीय संस्कृति का अंग है। नर्मदा नदी जीवनदायिनी है। यह ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था का आधार भी है। इस पवित्र नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिये जागरूकता आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के जीवन को सुरक्षित रखने के इस अभियान से समाज का हर वर्ग जुड़े। मध्यप्रदेश ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो कार्यक्रम को सार्थक किया है। कार्यक्रम में पर्यावरण, ग्रामोद्योग और पशुपालन मंत्री अंतर सिंह आर्य, सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग और सामाजिक न्याय एवं निशक्त कल्याण राज्य मंत्री श्री संजय पाठक विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने नर्मदा गीत के लिये प्रथम पुरस्कार महेश श्रीवास्तव, द्वितीय पुरस्कार शक्ति रावत और तृतीय पुरस्कार डॉ. शैलेन्द्र मिश्रा को दिया। इसी तरह स्लोगन के लिये सर्वश्री प्रदीप वर्मा, शिवानी भार्गव, ओमप्रकाश शर्मा, हिमांशु शुक्ला, जितेन्द्र ठाकुर, जयराम खंगार, रमाकांत गुप्ता और सुलभ सिंह को तथा लोगो (प्रतीक चिन्ह) के लिये सुश्री गौरी वंडलकर, भूपेंद्र रोहित और देवाशीष मंडल को पुरस्कृत किया। डॉ. शैलेन्द्र मिश्रा ने पुरस्कार स्वरूप प्राप्त राशि 21 हजार रूपये अभियान में सहयोग के लिये मुख्यमंत्री को सौंपी। जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पांडेय ने अतिथियों को स्मृति-चिन्ह दिये। आभार प्रदर्शन परिषद के उपाध्यक्ष राघवेन्द्र गौतम ने किया।