October 15, 2024

नई पहल:पत्‍तल दौने के कचरें से जैविक खाद निर्माण एवं जागृति यात्रा

स्‍व. लीलाबाई राठौड की स्‍मृति में होगा ये अनोखा कार्यक्रम

रतलाम,04 मार्च (इ खबर टुडे )। एक समय था जब शादी, पारिवारिक धर्मिक या किसी भी समारोह में विभिन्न प्रकार के पेड़ों के पत्ते से बनने वाले दोना पत्तल का उपयोग खाना परोसने के लिए जाता था। पिछले कुछ दशकों से इनका  प्रचलन लगभग समाप्त हो गया है इनका स्‍थान प्‍लास्टिक से निर्मित उत्‍पादों ने ले ली है,जिससे बडी मात्रा में प्‍लास्टिक का कचरा हमारे आसपास के पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है ।

धीरे धीरे ये एकत्रित प्‍लास्टिक कचरा हमारे ग्राम के लिये भयावय समस्‍या बनती जा रही है प्‍लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिये शुरुआत करते हुए कचरु राठौड़ अपनी बुआ मुलथान निवासी  स्‍व. लीलाबाई राठौड़ के गोरनी कार्यक्रम 5 मार्च 2020 को राठौड़ धर्मशाला पलसोड़ा में करने जा रहे हैं।

जिसमें लगभग ढाई हजार लोगों के भोजन प्रसादी का आयोजन होगा जिसमें 0 प्रतिशत प्‍लास्टिक उपयोग का निर्णय लेते हुए पर्यावरण हितैषी जैव विविधता कि पर्यायी पेड के पत्‍तों से निर्मित पत्‍तल दौने का उपयोग करने का निर्णय लिया है।

पत्‍तल दौने से जैविक खाद जागृति यात्रा निकाली जावेगी जिससे ग्रामवासियों और मेहमानों को प्रे‍रणा मिले इसके पश्‍चात एकत्रित कचरे से जैविक खाद निर्माण का कार्य सभी उपस्थित आमजनों के सामने ही किया जावेगा और उन्‍हे कचरे से खाद निर्माण का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जावेगा ताकि ये पहल जन जन तक पहॅुच सके।

 

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पेड से बने दोना-पत्तल में भोजन करना स्वास्थ्य के लिए तो फायदेमंद है ही साथ ही ये पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं जबकि प्लास्टिक और थर्माकोल की पत्तल स्‍वास्‍थ और पर्यावरण के लिये नुकसान दायक है। आमजन में पत्‍तों से निर्मित पत्‍तल दौने के उपयोग को बढावा मिलता है तो इससे कई क्षेत्रों में स्‍वरोजगार को बढावा मिलेगा।

 

केवल बातों और शोधों से काम नहीं चलता है अगर कुछ बदलाव करना है तो हमें खुद से शुरुआत करनी होगी। पुराने जमाने के इस कॉन्सेप्ट को अपडेट वर्जन के साथ फिर से लॉन्च किया जा सकता है, जो बिजनेस भी बढ़ाएगा और लोगों को रोजगार भी दिलाएगा।

पलसोड़ा राठौड़ समाज के तेजराम राठौड़,हीरालाल राठौड़ ,नाना लाल राठौड़ ,मोतीलाल राठौड़ ,हरिराम राठौड़ अपनी बहन के गोरनी कार्यक्रम में सभी भाइयों ने यह निर्णय लेकर समाज में एक संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं।

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