November 14, 2024

धामनोद में पानी शुध्द करने के लिए एक्सपायरी डेट की दवा का वितरण

एक्सपायरी डेट छुपाने के लिए चिपकाई नई पर्चियां

रतलाम,18 जुलाई (इ खबरटुडे)। समीपस्थ धामनोद नगर में संक्रामक पेयजल से हुई मौत और बीमारियों के बाद भी प्रशासनिक अमले में गंभीरता नजर नहीं आ रही है। धामनोद के रहवासियों को पेयजल का संक्रमण समाप्त करने के लिए बांटी जा रही दवा ही एक्सपायरी डेट की है। दवा निर्माता कंपनी ने एक्सपायरी डेट छुपाने के लिए डेट पर नया स्टीकर लगाकर नई तारीख लगा दी है। जिम्मेदार अफसर इसे मामूली बात बता रहे है। इस पूरे मामले में किसी बडे घोटाले की भी बू आ रही है।
उल्लेखनीय है कि धामनोद में दो दिन पूर्व प्रदूषित जलोतों के कारण एक नन्ही बच्ची को जान से हाथ धोना पडा था वहीं हजारों लोग बीमार हो गए थे। इतने बडे हादसे के बाद जिले के तमाम आला अधिकारी वहां पंहुचे थे। पानी की जांच कराने पर पानी संक्रमित पाया गया था। जलोतों को सील कर दिया गया। जलोतों की साफ सफाई भी करवाई गई थी। यह सबकुछ होने के बावजूद अफसरों में गंभीरता का अभाव ही नजर आ रहा है।
धामनोद वासियों को जल संक्रमण से बचाने के नाम पर सोमवार जो नगर परिषद और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल के संक्रमण को समाप्त करने के लिए नागरिकों को वाटर डिसइन्फेक्टेन्ट (जल निस्संक्रामक) की बाटलें बांटी गई। नागरिकों को कहा गया कि वे अपने पेयजल में इस बाटल की आठ से दस बूंदे डालें जिससे कि पेयजल का संक्रमण पूरी तरह समाप्त हो जाए। यह वाटर डिसइन्फेक्टेन्ट लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा नगर परिषद को मुहैया कराया गया था। धामनोद नगर में सोमवार को करीब साढे सात सौ बाटलें बांटी गई।
दिल दहला देने वाली बात यह है कि पेयजल का संक्रमण रोकने के लिए बांटी गई ये दवा एक्सपायरी डेट की है। एक्सपायरी डेट को छुपाने के लिए दवा निर्माता कंपनी भोपाल केमिकल्स ने मैन्यूफैक्चर व एक्सपायरी डेट के स्थान पर नया स्टीकर चिपका कर इसकी एक्सपायरी डेट को आगे बढा दिया। धामनोद के निवासी डॉ.दिनेश राव ने जब इस बाटल को देखा तो उन्होने बाटलें वितरित कर रहे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और नगर परिषद के अधिकारियों से इस बात की शिकायत की,लेकिन वे इसका कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए।
इस मामले में इ खबरटुडे ने जब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री केपी वर्मा से चर्चा की तो केपी वर्मा का कहना था कि यह बात उनकी जानकारी में नहीं है। यदि धामनोद में एक्सपायरी डेट के वाटर डिसइन्फेक्टेन्ट का वितरण हुआ है,तो यह ठीक नहीं है। उन्होने कहा कि वे इन बाटलों के सैम्पल लेकर प्रयोगशाला में इनकी जांच करवाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पेयजल के संक्रमण को खत्म करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराईड साल्यूशन को पानी में डाला जाता है। इस साल्यूशन को लिक्विड क्लोरीन भी कहा जाता है। पानी के शुध्दिकरण के लिए बहुतायत में इसका उपयोग किया जाता है।
धामनोद में हुए गंभीर हादसे के बावजूद सरकारी अधिकारियों द्वारा एक्सपायरी डेट की दवा का वितरण किया जाना अपने आप में यह स्पष्ट करता है कि अधिकारी इस मामले में गंभीर होने की बजाय सिर्फ दिखावा कर रहे है।
एक्सपायरी डेट की दवाओं के वितरण से प्रदेश भर में हो रहे बडे घोटाले के संकेत भी मिल रहे है। पानी के संक्रमण को समाप्त करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेशभर के लिए लाखों बाटलों की खरीदी की जाती है। चूंकि धामनोद में पानी के कारण हादसा हुआ है,इसलिए पहली बार ये दवाईयां बांटी गई। वरना पिछले सालों में कभी भी किसी शहर या गांव में इस तरह की बाटले नहीं बांटी गई। इसका सीधा सा अर्थ है कि हर साल होने वाली लाखं रुपए की खरीदी सिर्फ कागजों पर की जाती है और नाम के लिए कुछ बाटले जिलों में भेजी जाती है। जिलों में भेजी जाने वाली दवाओं का भी वितरण नहीं किया जाता। चूंकि दवाओं का वितरण ही नहीं किया जाता इसलिए इसकी एक्सपायरी डेट निकल जाने तक ये दफ्तरों में ही पडी रहती है। धामनोद में हुए हादसे के कारण ये बाटले बांट दी गई,तब जाकर यह असलियत सामने आई है।

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