दाल-रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ
तरकारी के भाव छू रहे आसमान
मैथी,पालक, मूली से अमीर या गरीब सब हुए वंचित
रतलाम,उज्जैन 25 अक्टूबर। कुछ साल पहले एक फिल्म में आज के हालात पर एक गाना पहले ही निर्मित हो चुका है…दाल-रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ..शायद उन्हें पहले से ही जानकारी थी कि आने वाला समय आम जनता के मुंह से तरकारियों का स्वाद छीन लेगा और लोग दाल-रोटी खाकर ही संतुष्ट रहने की आदत डाल लेंगे। आसमान छूते तरकारियों के भाव के सामने क्या अमीर और क्या सामान्य वर्गीय परिवार, सभी नतमस्तक नजर आ रहे हैं। गरीब परिवार तो मैथी, पालक और मूली से भी वंचित हो रहे हैं।
आयात-निर्यात के खेल में और प्रकृति के प्रकोप ने आम जनता के मुंह का जायका ही छीन लिया है। सब्जी मंडी में तरकारियों के भाव आसमान छू रहे हैं। मंडी में बिकने वाली सभी सब्जियां चाहे वो मैथी हो या पालक, मूली, भिंडी, बेगन, अरबी, लौकी, टमाटर, गोभी, चवलाफली, गिल्की, शिमला मिर्च, बथूने की भाजी, सरसों की भाजी इन सभी के भाव 30 से 50 रुपए किलो से कम नहीं है। ऐसे में आम जनता क्या खाए, क्या नहीं। सब्जी मंडी के आलम यह है कि सुबह हो या शाम चंद लोगों की चहचहाट से ही संतोष कर रही है जिन सब्जी मंडियों में पांव रखने की जगह नहीं मिलती थी, वहां लोग टूव्हीलर पर घूम-घूम कर सब्जी खरीदी कम और देखने यादा जा रहे हैं। इस के अलावा जहां चाहे वो रईस का घर हो या सामान्य व्यक्ति का, आज उनके घरों में 12 महीने भरे रहने वाले आलू-प्याज के टोकने खाली पड़े हैं। आज उन्हे आलू-प्याज खरीदने से पहले घर का बजट देखना पड़ रहा है। आलू के भाव 15 से 35 रुपए किलो चल रहा है, वहीं प्याज 30 से 70 रुपए किलो चल रहा है। मंडी में थोक व्यापारी सोनू बारोड एवं मोनू बारोड़ से पूछने पर बताया कि मंडी में सब्जियों की आवक कम होने से सभी के भाव आसमान को छू रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि अतिवृष्टि यादा बारिश होने से आलू -प्याज की फसल को भी भी काफी नुकसान हुआ, साथ ही अन्य सब्जियों की उपज भी समाप्त सी हो र्ग है। नई फसल जब तक नहीं आती, तब तक महंगाई का यही आलम रहेगा और सब्जियों के भाव इससे भी ऊपर जा सकते हैं। दीपावली के बाद ही भाव कम होने की संभावना है।