दंपती की मौत पर बवाल,लोगों ने एक करोड़ का मुआवजे की मांग करते हुए पुलिस की गाड़ी पर पत्थर बरसाए
रतलाम,18 मार्च(इ खबरटुडे)। जिले के सैलाना थाना क्षेत्र में ट्रक की टक्कर से दंपती की मौत के बाद बवाल खड़ा हो गया है। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने ट्रक में आग लगा दी। आग बुझाने के लिए जब दमकल और पुलिस की गाड़ी मौके पर पहुंचीं तो लोगों ने उन पर भी पत्थर बरसा दिए। पथराव से पुलिस की एक गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद लोगों ने चक्काजाम कर दिया। स्थिति बिगड़ते देख आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराने की कोशिश की। कई घंटे मान मनौव्वल के बाद लोग शांत हुए।
बता दें कि 17 मार्च को मृतक कोदर पत्नी के साथ ग्राम भेरूघाटा में रिश्तेदार के यहां आयोजित नौतरा कार्यक्रम में शामिल होने गया था। रात करीब आठ बजे वे दोनों बाइक से अपने घर लौट रहे थे, तभी पिपलौदा फंटे के पास ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी थी। हादसे में दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए। दोनों को सैलाना के सरकारी अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने पत्नी को मृत घोषित कर दिया। पति को हालत गंभीर होने पर इंदौर रेफर किया गया था। इंदौर ले जाने के दौरान रास्ते में पति की भी मौत हो गई थी।
घटना की सूचना के बाद मृतकों के गांव के लोगों में रोष फैल गया था। बड़ी संख्या में लोग रात में ही घटनास्थल पहुंच गए थे और ट्रक के आस-पास घूम रहे थे। पुलिसकर्मी भी मौके पर थे। सोमवार सुबह किसी ने मौका पाकर ट्रक में आग लगा दी। पुलिस ने आग बुझाने के लिए सैलाना नगर परिषद की दमकल बुलाई। दमकल आने पर लोगों ने उस पर पथराव शुरू कर दिया और आग नहीं बुझाने दी। पुलिस का वाहन जाने लगा तो उस पर भी पथराव किया, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गया।
एक करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
गुस्साए लोगों ने दो घंटे तक किसी को घटनास्थल पर नहीं आने दिया। पुलिस वहां पहुंचने का प्रयास करती तो लोग पथराव शुरू कर देते। सैलाना एसडीएम कामिनी ठाकुर, एसडीओपी बीआर सोलंकी ने आक्रोशित लोगों से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया। आक्रोशित लोगों ने मृतकों के वारिसों को एक-एक करोड़ (दो करोड़) रुपए का मुआवजा देने, एक वारिस को सरकारी नौकरी देने और पत्थरबाजी के मामले में किसी के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं करने की मांग करने लगे।
बाद में रतलाम से एडीएम जितेंद्र चौहान व एएसपी डॉ. इंद्रजीतसिंह बाकरवाल मौके पर पहुंचे और गुस्साए लोगों को समझाइश देने का प्रयास किया। इसके बाद सुबह करीब साढ़े दस बजे चक्काजाम खत्म किया गया।