टीआई पर कार्रवाई,पुलिस का मनोबल तोडने का प्रयास
आरोपियों की शिकायत पर हुई कार्रवाई आलोचना के घेरे में
रतलाम,21 जुलाई (इ खबरटुडे)। हत्या के प्रयास के प्रकरण में आरोपी बनाए गए व्यक्ति के पिता की शिकायत पर एसपी द्वारा एक टीआई के विरुध्द की गई कार्यवाही आलोचनाओं के घेरे में आने लगी है। पुलिस अधीक्षक की इस कार्यवाही को जहां पुलिस का मनोबल तोडने वाली कार्यवाही माना जा रहा है,वहीं इस कदम से अपराधी तत्वों के हौंसले भी बुलन्द होते दिख रहे है।
उल्लेखनीय है कि चांदनीचौक में दो व्यापारियों के बीच हुए चांदे के विवाद में किराये के गुण्डे बुलाए गए थे और दोनो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष के बाद पुलिस ने दोनो पक्षों पर हत्या के प्रयास के प्रकरण दर्ज किए थे। मजेदार बात यह थी कि प्रकरण दर्ज किए जाने के शुरुआती दौर में उन व्यक्तियों को आरोपी बनाया ही नहीं गया था,जिन्होने किराये के गुण्डे बुलवा कर लडाई की थी। बाद में जांच के आधार पर पुलिस ने विवादों में घिरे रहने वाले व्यवसायी रमेश चौरडिया के पुत्र टोनू चौरडिया को भी प्रकरण में आरोपी बनाया था।
सोनू चौरडिया को आरोपी बनाए जाने के बाद सोमवार को पुलिस अधीक्षक अविनाश शर्मा ने रमेश चौरडिया द्वारा की गई शिकायत
के आधार पर माणकचौक थाना प्रभारी दिनेश वर्मा को लाइन अटैच कर दिया वहीं एक आरक्षक को केलकच्छ चौकी भेज दिया।
मजेदार बात यह है कि हत्या के प्रयास के इन प्रकरणों में प्रभावशाली व्यापारी परिवारों के नाम नहीं जोडे जाने को लेकर पुलिस की कार्यवाही पर पहले सवालिया निशान लगाए जा रहे थे। यह कहा जा रहा था कि पुलिस ने भारी लेनदेन करके प्रमुख आरोपियों को प्रकरण से बाहर रख दिया है। लेकिन जब प्रभावशाली व्यक्तियों के विरुध्द प्रकरण दर्ज किए गए तब इस खामियाजा टीआई को थाने से हट कर चुकाना पडा।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि टीआई के विरुध्द शिकायत करने वाले व्यवसायी रमेश चौरडिया पर पहले ही अनेक आपराधिक प्रकरण दर्ज है। उन पर जेवीएल की चांदी चोरी से लेकर अन्य कई प्रकार के आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं और वे कई बार जेल भी जा चुके है। इसी तरह उनके पुत्र टोनू चौरडिया पर भी अनेक आपराधिक प्रकरण पहले से ही दर्ज है। ऐसी प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों की शिकायत पर पुलिस अधिकारी के विरुध्द की गई कार्यवाही को पुलिस का मनोबल तोडने वाली कार्यवाही माना जा रहा है। पुलिस विभाग के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि अनेक सभ्य लोगों द्वारा पुलिस के विरुध्द की गई अनेक शिकायतों पर आमतौर पर लम्बे समय तक कार्यवाही नहीं की जाती,लेकिन इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने जो तेजी दिखाई वह भी कई सवाल खडे करती है। पुलिस अधीक्षक की इस कार्यवाही के बाद नए जांच अधिकारी पर निश्चित रुप से यह दबाव रहेगा कि वह आरोपी टोनू चौरडिया के खिलाफ कोई कडी कार्यवाही ना कर सके।
पूरे मामले में यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि आमतौर पर थाना प्रभारी स्तर के अधिकारी के विरुध्द की गई किसी भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामले में शिकायतकर्ता का नाम उजागर नहीं किया जाता है। लेकिन माणकचौक थाना प्रभारी को लाइन अटैच किए जाने के मामले में साफ तौर पर बताया गया कि यह कार्यवाही रमेश चौरडिया की शिकायत पर की गई है। इस तरह पुलिस विभाग ने रमेश चौरडिया को अतिरिक्त महत्व देने का प्रयास किया है। इस कार्यवाही के कारण सामान्य पुलिसकर्मियों के समक्ष चौरडिया का रुतबा बढ जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिनों पहले कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में रमेश चौरडिया पर धोखाधडी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए है और इस मामले की भी जांच की जा रही है। यदि जालसाजी और धोखाधडी की शिकायतें सही पाई गई तब भी रमेश चौरडिया के खिलाफ कार्यवाही करने में पुलिस अधिकारियों में हिचकिचाहट नजर आएगी,क्योकि एसपी अविनाश शर्मा की कार्यवाही के चलते विवादों में घिरे रहने वाले व्यवसायी रमेश चौरडिया का रुतबा इन दिनों उंचा हो चुका है।