झड़ी बरकरार, कभी कम, कभी अधिक मार
पानी से चहुंओर रेलमपेल, सामान्य जनजीवन प्रभावित, आज से लगेंगे स्कूल, शहर-अंचल पानी से लबालब,
36 घंटे की झड़ी से सब परेशान
उज्जैन 27 जुलाई(इ खबरटुडे)। पिछले 36 घंटों से बारिश की झड़ी बरकरार है। कभी कम, कभी अधिक बारिश की मार बरकरार है। आमजन अब बारिश से उफ्फ की स्थिति में उकता चुका है। चारों ओर पानी की रेलमपेल है। सामान्य जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चला है। इसी स्थिति में सोमवार से स्कूल खुलेंगे। शहर और अंचल पानी से लबालब हैं। बंगाल की खाड़ी में लगातार बारिश का सिस्टम बना हुआ है, जिससे अगले 24 घंटे बारिश की स्थिति की संभावनाएं बनी हुई है।
बंगाल की खाड़ी से लगातार बन रहे मानसून का खतरा फिलहाल टला नही है। एक के पीछे एक सिस्टम चला आ रहा है और मालवांचल लगातार भीग रहा है अब तक उजैन नगर में करीब 44.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। बीते 24 घंटे में पौने 3 इंच बारिश के साथ ही लगातार 36 घंटे की झड़ी ने हर तरफ पानी ही पानी और जल जले की स्थिति निर्मित कर दी है। जीवाजीराव वैधशाला के मौसम प्रेक्षक दीपक गुप्ता के अनुसार बंगाल की खाड़ी से लगातार बारिश का सिस्टम बना हुआ है। अगले 24 घंटे में भी बारिश की संभावना बनी हुई है। इधर भारी बारिश और झड़ी के चलते कईं सड़के उखड़ गई है और नगर में अधिकांश जगह कीचड़ के हालात बने हुए हैं।
मालवांचल की नदियां उफनी
मालवांचल की सभी प्रमुख नदियां क्रमश: गंभीर, शिप्रा, चंबल, काली सिंध आदि खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। इधर प्रशासन के लिये लगातार शिप्रा के जल स्तर और खतरे के निशान पर बने रहने से और चिंताए बड़ी है। पिछले 24 घंटे से शिक्षकों को भी बाढ़ राहत की डयूटी में लगा दिया गया है। जब तक शिप्रा अपनी सामान्य स्वरूप में नही आ जाती तब तक 12-12 घंटें की आपातकालिन डयूटी बाढ़ राहत कार्य के लिये लगाई गई है। वहीं लगातार शिप्रा किनारों की मॉनिटरिंग की जा रही है। इधर रविवार को भी बरसात होती रही। दोपहर बाद जरूर रिमझिम के साथ थोड़ी राहत मिली तो लोगों ने आवश्यक खरीददारी की तथा बाजार में चहल पहल दिखाई दी।
आज से लगेंगे स्कूल
बारिश के चलते अधिकांश स्कूल भवन टपक रहे हैं और करीब 50 स्कूल ऐसे हैं जिनके रास्तों में पानी का बहाव बना हुआ है। कईं गावों में खान नदी, नाले उफन रहे हैं और स्कूल मार्ग बाधित हो गये र्हैं। ऐसे में सतर्कता रखने के निर्देश दिये गये हैं। जिले में लगातार बारिश का दौर जारी है और पिछले 36 घंटे से झड़ी लगी हुई है। इस दौरान करीब 7 इंच बारिश भी हुई है। ऐसे में स्कूल लगाने अथवा छुट्टी को लेकर अभिभावकों में जिज्ञासा बनी रही। इधर जिला शिक्षा अधिकारी संजय गोयल ने साफ किया कि स्कूल तो यथावत लगेंगे लेकिन विद्यार्थियों को जर्जर कक्षाओं, टपकते कक्षों अथवा जल भराव वाले स्थान से वैकल्पिक स्थान पर बैठाकर पढ़ाई करवाई जाये। श्री गोयल ने कहा कि हमने रविवार को सभी संकुल प्राचार्यों, प्रायमरी व मीडिल स्कूलों के प्रधान अध्यापकों को विशेष रूप से सूचित किया है ताकि कोई खतरा मोल न लें और बच्चों को सुरक्षित अध्ययन कराया जाये।
पानी की रेलमपेल से बेहाल स्थिति
शहर हो चाहे गांव। पिछले 8 दिनों से पानी की रेलमपेल ने सबको एक जैसा कर दिया है। चारों ओर कीचड़, गंदगी के हालात बने हुए हैं। बारिश के पानी से डबरे भरे पड़े हैं। मार्गों पर पानी का भराव होने से गंदगी की स्थिति बन रही है। पर्याप्त सफाई का अभाव इस हाल में बना हुआ है। बराबर बारिश के बने होने से सफाई व्यवस्था नजर ही नहीं आ रही है। कीटनाशकों के छिड़काव का अभाव नगरीय संस्थाओं की ओर से बराबर बना हुआ है। न तो मच्छरों के पनपने के स्थान पर दवाई डाली जा रही है और न ही नालियों के पास ही कीटनाशक नष्टीकरण के लिए लाल दवाई का उपयोग ही किया जा रहा है। गंदगी फैलाने में चौपाये अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इन पर नियंत्रण के लिये नगरीय प्रशासन की स्थानीय संस्थाएं पूरी तरह से फेल साबित हो रही हैं।
उज्जैन जिले में औसत 225.8 मि.मी. वर्षा दर्ज
सबसे अधिक नागदा में 325 व बड़नगर में 136 मि.मी. वर्षा हुई
पिछले 24 घंटों में पूरे उजैन जिले में औसत 225.8 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है। इसमें उज्जैन तहसील में 148, घट्टिया में 215, खाचरौद में 283, नागदा में 325, बड़नगर में 136, महिदपुर में 294 तथा तराना 180 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है। 1 जून से लेकर अभी तक पूरे उजैन जिले में औसत 1016.7 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी है।
निरंतर 8वें दिन भी गंभीर के गेट खुले रहे
गंभीर बांध के गेट निरंतर 8वें दिन भी खुले रहे हैं। पिछले रविवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्रामीण ने गंभीर डेम के गेट खोलकर पानी बहाने का क्रम शुरु किया था। गुरुवार को ही मात्र तीन घंटे के लिये सभी गेट बंद किये गये। इसके बाद से निरंतर रुप से गेट खोलकर पानी बहाने का क्रम बरकरार है। इस रविवार को भी गेट नं. 2 और 3 एक-एक मीटर खोलकर पानी बहाने का क्रम जारी रहा। शनिवार-रविवार दरमियानी रात दो गेट साढ़े 10 मीटर खोलकर पानी बहाने की स्थिति बनी हुई थी। पीएचई ग्रामीण के सहायक यंत्री और डेम प्रबंधन से जुड़े श्री शुक्ला के मुताबिक यशवंत सागर जलाशय से एक गेट 3 फीट खोलकर पानी बहाया जा रहा था, जिसके चलते गंभीर में पानी की आवक बराबर बनी हुई है। इसी को देखते हुए गंभीर में दो गेट एक-एक मीटर खोलकर पानी बहाया गया। रविवार रात गंभीर डेम का लेबल 483.29 मीटर और क्षमता 2145 एमसीएफटी को मेंटेन किया जा रहा था।
24 घंटे में 30 शिकायतें
नगर निगम कंट्रोल रुम पर शनिवार-रविवार के दरमियान 24 घंटों में शहरभर से 30 शिकायतें दर्ज की गई। उनमें से पानी भरने के साथ ही अन्य शिकायतें थीं। कंट्रोल रुम के मुताबिक 25 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया था, शेष 5 शिकायतों का निराकरण सोमवार को गैंग की उपलब्धता में किया जा सकेगा। कंट्रोल रुम सूत्रों के अनुसार बिलोटीपुरा में अमृत डेयरी के नजदीक मकान की दीवार धंसने की सूचना पर तत्काल ही उसे हटवाया गया था।
गऊघाट पाला ओवरफ्लो, त्रिवेणी 30 फीट
पीएचई कंट्रोल रुम के मुताबिक शिप्रा में बराबर लेबल घटने-बढ़ने की स्थिति बनी हुई थी। गऊघाट पाले पर शिप्रा ओवरफ्लो चल रही थी। इसी प्रकार त्रिवेणी पाले पर शिप्रा की स्थिति 30 फीट बनी हुई थी। साहेबखेड़ी और उण्डासा जलाशय भी पूरी तरह से भर चुके हैं और ओवरफ्लो की स्थिति बनी हुई है। कंट्रोल रुम के मुताबिक यहां की प्रतिदिन रिपोर्ट नहीं आ रही है।
शहर में 24 घंटे में 70 मिमी
जीवाजी वेधशाला सूत्रों के मुताबिक बारिश के चलते तापमान में गिरावट की स्थिति बनी हुई है। रविवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 21 डिग्री दर्ज किया गया। आर्द्रता सुबह और शाम के समय 95 प्रतिशत दर्ज की गई है। हवा 4 कि.मी. प्रति घंटा दर्ज की गई। शनिवार शाम से रविवार शाम तक 24 घंटों के दरमियान 70 मिमी यानी कि करीब 3 इंच बारिश दर्ज की गई। वेधशाला सूत्रों के मुताबिक शहर में इस मानसून सत्र में अब तक कुल 1113 मि.मी. यानी कि 44.5 इंच वर्षा दर्ज की जा चुकी है।