जीवन जीने की कला का संदेश देनेवाली 101 साल की कला देवी ने दुनिया से विदाई ली
रतलाम, 6 जुलाई(इ खबर टुडे)। जीवन जीने की कला का संदेश देकर 101 साल की कलादेवी व्यास ने सावन के पहले सोमवार को दुनिया से विदाई ली। पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा। उम्र के इस पड़ाव में बाल काले होने लगे थे। वहीं छोटे-छोटे दांत भी आ गए थे। काजू बदाम भी चबा लेती थीं। 40 साल से बेटी सरस्वतीदेवी जोशी व नातिन डॉ. जगदीश जोशी के पास रियावन और जावरा में रही।
धर्मनिष्ठ कलादेवी का जन्म 1 जनवरी 1919 देपालपुर में हुआ। उनकी शिक्षा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देपालपुर में ही हुई। बडगोन्दा के लक्ष्मीनारायण व्यास के साथ दांपत्य सूत्र में बंधी। श्री व्यास पटवारी थे। एक बालिका हुई जिनका नाम सरस्वती देवी जोशी है। श्रीमती कलादेवी स्वास्थ्य विभाग नर्स थीं। इन्दौर में प्रशिक्षण हुआ। सेवाकाल के दौरान झाबुआ, देपालपुर, इन्दौर में रही। प्रारंभ से ही कलादेवी का जीवन संघर्ष पूर्ण आ रहा। जब सरस्वती देवी की उम्र 12 साल की थी, तब ही जीवन साथी लक्ष्मीनारायण जी का निधन हो गया। जीवन पर्यंत कला देवी आस-पास के गांव में सेवाएं देती रही।
1980 में नातिन ले आए उन्हें अपने पास
40 साल पहले उन्हें टाइफाइड हुआ था और अकेले रहने के कारण नातिन डॉ. जगदीशचन्द्र जोशी नानीजी को अपने पास ले आए। उसके बाद से कभी बीमार नहीं हुए। उनकी सेहत बिल्कुल बेहतर थी। ना शुगर थी, न ब्लड प्रेशर, न ही हार्ट की समस्या थी। देखना, सुनना, बोलना, स्मृति सब कुछ बेहतर था।
यह था सेहत का राज
नानीजी के सेहत के राज बताते हुए डॉ. जोशी ने बताया कि उनकी भोजन की थाली में दाल चावल, सब्जी, रोटी, पापड़, अचार, सेंव रहते। मौसमी फल उन्हें अच्छे लगते। खासकर अंगूर, आम, केले प्रिय थे। काजू बदाम भी चबा लेते थे।
और हो गया स्विच ऑफ
रविवार रात को भोजन करने के पश्चात टहले और पोर्च में बैठे। आराम से सोए। जैसे स्विच ऑफ होता है, वैसे ही नानीजी दुनिया छोड़कर चले गए। मुखाग्नि डॉ. जोशी, आयुष जोशी, डॉक्टर विधि जोशी द्वारा दी गई। इस दौरान श्री त्रिवेदी मेवाडा ब्राहमण समाज के अरुण कुमार त्रिवेदी, मुकेश पंड्या, यशवंत त्रिवेदी, दिनेश उपाध्याय, कृष्णकांत जोशी, निलेश त्रिवेदी, सीमा त्रिवेदी, इंद्र नारायण, जीवन, राजू सहित अन्य ने श्रद्धांजलि दी।
शोक संदेश से दी श्रद्धांजलि
समाजजनों सहित योगेश कुमार पालीवाल, मुकेश पालीवाल, कई गणमान्य लोगों ने भी संदेश के माध्यम से श्रद्धांजलि दी।