September 28, 2024

जिले भर में मानसून की बेरुखी,आलोट पूरा सूखा

जावरा में सबसे अधिक बारिश, शेष स्थानों पर हालत खराब

रतलाम,3 जुलाई (इ खबरटुडे)। जिले में मानसून की बेरुखी ने सभी के चेहरों पर ंचिंता की लकीरें खींच दी है। किसान की नजरे बारिश की आस में आसमान पर टिकी हुई है। सबसे यादा खराब स्थिति आलोट विकासखण्ड की है, जहां एक जून से अभी तक पानी की एक बूंद नहीं टपकी है। वहीं रतलाम और बाजना की हालत भी खराब है। सोमवार शाम को पानी तो कम बरसा, लेकिन आंधी के साथ बरसी आफत ने लोगों की परेशानी को और बढा दिया।

मानसून की झमाझम बारिश नहीं होने से एक बार फिर संकट मंडराता नजर आ रहा है। यदि अब भी बारिश में देरी हुई तो आने वाले समय में उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित होगा। किसान खरीफ फसल की बोवनी के लिए तैयार हैं लेकिन मानसून की देरी से बोवनी नहीं हो पा रही है। जिन किसानों ने बोवनी कर दी वहां दोबारा बोवनी की स्थिति बन रही है। इस साल मानसून के पूर्वानुमान से लग रहा था कि बंपर पैदावार होगी। लेकिन मौसम के यू-टर्न ने बिना बरसे ही इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है। ऐसे में अब किसानों की परेशानी यादा बढ़ गई है। यदि मानसून  और खींच गया तो बाजार पर भी इसका खासा असर दिखाई देगा।

हर वर्ग होगा प्रभावित

किसान के नुकसान से हर वर्ग प्रभावित होगा। यदि मौसम की बेरुखी खत्म नहीं होती तो इसका सबसे यादा असर बाजार पर पड़ेगा और व्यवसाय प्रभावित होगा। इसके साथ ही बाजार में अस्थिरता की स्थिति बनेगी तथा महंगाई भी और अधिक बढ़ेगी। महंगाई की मार से आम आदमी तो प्रभावित होगा ही, साथ ही बिक्री कम होने से बाजार पर भी इसका प्रतिकूल असर दिखाई देगा।

100 मिमी का इंतजार

कृषि विभाग का मानना है कि जब तक मिट्टी में पर्याप्त नमी न हो, बोवनी नहीं की जाना चाहिए। मिट्टी में पर्याप्त नमी के लिए कम से कम 80 से 100 मिमी बारिश होना आवश्यक है। लेकिन अब जिले में मात्र 27.7 मिमी. बारिशही औसत रुप से हुईहै।

खराब है जिले की स्थिति

1 जून 2012 से 3 जुलाईको सुबह 8  बजे तक की स्थिति में जिले में कहीं भी बारिशकी स्थिती सामान्य नहीं है। गत वर्ष की तुलना में सभी विकासखण्ड पीछे है।सबसे यादा खराब स्थिति आलोट विकासखण्ड की है, जहां अभी तक सूखा पड़ा हुआ है। 1 जून से अब तक वहां बारिश की स्थिति नील है। इसके बाद बाजना विकासखण्ड में अब तक 6  मिमी. बारिश ही दर्ज की गई है। तीसरे नम्बर पर रतलाम विकासखण्ड है, जहां अभी तक ुसिर्फ 19.9 मिमी. बारिश हुई है। सैलाना और पिपलौदा में 31 मिमी. के आसपास बारिश हुई है। हर बार बारिश के लिए तरसने वाले जावरा विकासखण्ड की स्थिति इस साल सबसे अच्छी है। सोमवार को जावरा में हुई करीब ढाई इंच बारिश ने इसे सबसे आगे कर दिया है। यहां अब तक 77.5 यानी तीन इंच से अधिक बारिश हो गई है, जो क्षेत्र के किसानों के लिए अच्छी खबर है।

जिले में बारिशकी जानकारी

विकासखण्ड  आज तक वर्षा         गत वर्षआज तक       अंतर

आलोट                 —–             75.4 मिमी.       -75.4

जावरा              77.5            78 .0           -0.5

पिपलौदा                 31.0            103.0                   -72.0

बाजना              6 .0             95.0            -8 9.0

रतलाम              19.9            8 6 .2                   -6 6 .3

सैलाना           31.9            106 .4                  -74.5

औसत           27.7            90.6            -6 2.9

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