जहर खाने को मजबूर शहर के बच्चे
पूरे देश में मैगी की जांच,लेकिन प्रदेश और शहृर के अधिकारी उदासीन
भोपाल/रतलाम,3 जून (इ खबरटुडे)। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पहली बार खाद्य विभाग ने दो मिनट वाले मैगी नूडल्स के नमूने लिए और जांच में सामने आया कि इसे खाना बेहद खतरनाक है। देखते ही देखते देश के कई राज्य हरकत में आए और मैगी की जांचे शुरु हुई। अधिकांश स्थानों पर मैगी को खतरनाक पाया गया है। लेकिन मध्यप्रदेश के खाद्य विभाग और सरकार की सुस्ती अब तक दूर नहीं हुई है। इधर रतलाम में भी खाद्य विभाग पूरी तरह उदासीन है और शहर के बच्चे अब भी जहर खाए जा रहे है।
देश के अलग अलग हिस्सों में दो मिनट वाले मैगी नूडल्स के सैम्पल्स में लैड और एमएसजी की मात्रा निर्धारित मात्रा से कई गुना अधिक पाई गई है। ये दोनो ही तत्व मानव जीवन के लिए अत्यन्त घातक है। इनकी अधिक मात्रा का सेवन मानव के लिए अत्यन्त नुकसानदायक है। उल्लेखनीय पहलू यह है कि मैगी का अधिकतम उपयोग नन्हे बच्चे करते हैं। नन्हे बच्चों के कोमल मन मस्तिष्क पर लैड और एमएसजी जैसे खतरनाक तत्व कितना बुरा असर डाल रहे हैं इसका अंदाजा लगा पाना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
लेकिन प्रदेश का खाद्य विभाग और सरकार दोनों ही उदासीन बने हुए है। न तो सरकार ने और ना ही खाद्य तथा औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेश में मौजूद मैगी के पैकेटों की जांच के लिए कोई निर्देश जारी किए है। शायद उन्होने पहले ही मान लिया है कि मध्यप्रदेश को सप्लाय किए गए मैगी के पैकेट उच्च गुणवत्ता वाले हैं। उनकी जांच की कोई जरुरत ही नहीं। इसके लिए नैस्ले कंपनी की ओर से प्रदेश के अफसरों को प्रभावित भी किया गया होगी।
इधर रतलाम में भी खाद्य विभाग पूरी तरह निष्क्रिय है। अत्यन्त सक्रीय कलेक्टर की मौजूदगी के बावजूद अब तक मैगी के सैम्पल्स की जाांच नहीं करवाई जाना बेहद आश्चर्यजनक है।