जनभागीदारी से बनेगी जिले की कार्ययोजना – कलेक्टर
जनप्रतिनिधियों ने दिखाई रूचि, कार्ययोजना सह कार्यशाला में
रतलाम ,02 अगस्त(इ खबरटुडे)। वर्ष 2018-19 के लिये विकेन्द्रिकृत एवं एकीकृत जिला कार्य योजना उन्मुखीकरण सह कार्यशाला का आयोजन कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में सम्पन्न किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए जिला योजना अधिकारी बी.के.पाटीदार ने बताया कि रतलाम जिले के समग्र एवं समावेशी विकास के लिये योजना में जन सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु विकेन्द्रिकृत नियोजन प्रणाली वर्तमान की आवश्यकता है।
संविधान में पंचायती राज और नगरीय निकाय के माध्यम से स्वशासन की इकाईयों को मान्यता प्रदान करते हुए विकेन्द्रिकृत नियोजन की जिम्मेदारी सौपी गई है। इस का उद्देश्य योजना बनाने की प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गो विशेष कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, दिव्यांगों की भागीदारी सुनिश्चित कर उनकी आवश्यकताओं के आधार पर योजना बनाना है। योजना बनाने की प्रक्रिया से पहले ग्राम पंचायत/शहरी वार्ड सर्वेक्षण प्रपत्र के माध्यम से आधार भूत जानकारी एकत्र कर डाटा बेस तैयार किया जायेगा। इसके लिये तकनीकी सहायता दल एक एवं तकनीकी सहायता दल दो का गठन किया जायेगा। यह सहायता दल ग्रामीण क्षेत्र में बनायी जाने वाली योजना के लिये तकनीकी सहयोग प्रदान करने का कार्य करेगें। इस प्रकार सात वर्षीय योजना का स्टेªेटेजीक प्लान एवं परसपेक्टिव प्लान 2032 तैयार किया जायेगा। विकासखण्ड स्तरों पर 08 एवं 09 अगस्त को कार्य योजना बनायी जायेगी। जन अभियान परिषद के रत्नेश विजयवर्गीय ने बताया कि कार्य योजना के लिये सभी प्रकार का तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जायेगा।
बैठक के दौरान जावरा विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि शासन द्वारा दिये जाने वाले बजट का समय पर उपयोग नहीं हो पाता है। इसके लिये शासकीय योजनाओं में सरलीकृत प्रक्रिया अपनाई जाने की आवश्यकता है। कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने कहा कि शासकीय योजनाओं का विश्लेषण कर सरलीकरण की प्रक्रिया के लिये कार्य किया जायेगा। विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने अपने विभागों की योजनाओं उसमें अब तक की गई प्रगति के बारे में विस्तार से बताया। जावरा विधायक ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के खातों में पर्याप्त राशि उपलब्ध है। इसका उपयोग जन कल्याण के लिये किया जाना चाहिए। कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने बताया कि 15 अगस्त से पहले खुले में शौच से मुक्त घोषित होने वाली पंचायतों को एक काम मनमाफीक तथा एक काम सीसी रोड़ बनाने की सीधे स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी।
ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामोर ने ग्राम भैंसाडाबर में महिलाओं को विधवा पेंशन नहीं मिलने की समस्या से अवगत कराया तथा उन्होने कहा कि विद्युत विभाग के द्वारा जिन लोगों ने विद्युत बिल राशि जमा कर दी है। उनके भी कनेक्शन काटे गये है। मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री एमपीईबी को शिविर लगाकर समस्याआंे के निराकरण के लिये निर्देशित किया।
विधायक आलोट जितेन्द्र गेहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में नीलगाय और घोड़ा रोज के कारण होने वाली दुर्घटनाओं और खेती में नुकसान के प्रति चिंता जताई। उन्होने कहा कि यदि प्रशासन चाहे तो विधायक निधि से राशि प्रदान कर नीलगाय के लिये अभ्यारणनुमा स्थान चिन्हित कर व्यवस्था बनायी जा सकती है। जिला वनमण्डलाधिकारी क्षितिज कुमार ने समस्या के निराकरण के लिये सभी आवश्यक उपाय करने के लिये कहा।
परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण ने बताया कि जिले में मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लक्ष्य से अधिक की उपलब्धि प्राप्त की गई है। इस पर जनप्रतिनिधियों के द्वारा अवगत कराया गया कि विभाग के द्वारा राशि के स्वीकृत होने के बाद भी बैंकोें द्वारा बैंक ग्यारंटी की प्रक्रिया के कारण आवेदकों को राशि प्राप्त होने में कठिनाई हो रही है। कलेक्टर ने आगामी बीएलसीसी बैठक में एलडीएम तथा बैंक प्रबंधकों से चर्चा कर समस्या के निराकरण के निर्देश दिये साथ ही उन्होने सभी नगर पालिका अधिकारियों की पृथक से बैठक आयोजित कर बैठक में दिया गया लक्ष्य, अब तक किया गया भुगतान तथा संबंधित आवेदक को भुगतान होने संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
बैठक में महापौर डॉ. सुनिता यार्दे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सोमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अमितसिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल खाण्डेल तथा जिला पंचायत सदस्यों सहित जनप्रतिनिधि एवं जिला योजना समिति के सदस्य, विभागीय अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।