गुरु वाणी को मानना चाहिए अमृत वाणी: राष्ट्रसन्तश्री
रतलाम 28 जुलाई(इ खबरटुडे)। राष्ट्रसन्त, जैनाचार्य श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. ने गुरुवार को जयन्तसेन धाम में गुरु वाणी को अमृत वाणी मानने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुरु कभी किसी का बुरा नहीं चाहता है। गुरु का अनुशासन सदैव हितकारी होता है। सोने का घाट तभी गढ़ता है, जब उसे संडासी से पकडा जाता है। गुरु का अनुशासन भी ठीक ऐसा ही है जो जीवन में रहे तो उसे चमकदार बना देता है। गुरु जो कहे, वही धारण, पालन, और अनुसरण करे, ऐसा शिष्य ही अपना आत्मकल्याण कर सकता है।
आचार्यश्री ने विक्रम चरिर्त का वाचन करते हुए अवंतिकापुरी के राजा भृतहरि की कथा सुनाई उन्होंने कहा संसार की गहरी चाल को हर कोई नहीं समझ सकता, लेकिन जो समझ लेता है, वह परम पुण्यशाली होता है। राजा भृतहरि को भी जब यह समझ आया तो वे राजपाट छोडक़र तपस्या में लीन हो गए। दुनिया में त्याग और वैराग्य दो चीजें होती हैं। घर से निकलना त्याग होता है लेकिन दिलो-दिमाग से घर को जो निकाल देता है वह वैराग्य कहलाता है। राष्ट्रसन्तश्री ने तप-आराधना की प्रेरणा देते हुए कहा कि चातुर्मास आराधना का पर्व है, इसमें अधिक से अधिक तपस्या करनी चाहिए, जिससे जीवन सुख और आनन्दमय हो जाए।
मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने इससे पूर्व उत्तराध्ययन सूर्त का वाचन करते हुए चौमासे (चातुर्मास) का महत्व बताया। उन्होंने कहा सियाला (शीतकाल) खाने के लिए होता है, उनाला (ग्रीष्मकाल) पीने के लिए होता है और चौमासा तपस्या के लिए होता है। चातुर्मास में अधिक से अधिक जप-तप और भक्ति कर आत्मकल्याण की ओर अग्रसर होना चाहिए। बड़े पुण्य का विषय है कि आचार्यश्री का सान्निध्य इस वर्ष रतलाम को मिला है, इसलिए विनयवान होकर गुरु वाणी का ना केवल लाभ लें अपितु अनुसरण भी करें। जीवन में जो अर्थ नहीं समझता, उसका अनर्थ होता है। विनय को समझना आवश्यक है, अन्यथा घर हो या बाहर सब जगह संतोष नहीं मिलेगा। इस मौके पर तपस्वी मीना पोखरना का चातुर्मास आयोजक व विधायक चेतन्य काश्यप परिवार की ओर से मातुश्री तेजकुंवरबाई काश्यप व अमि काश्यप ने बहुमान किया। दादा गुरुदेव की आरती का लाभ महेन्द्र कुमार छगनलाल कबदी (सायलावाला) ने लिया।
राष्ट्रीय पदाधिकारियों का बहुमान –
जयन्तसेन धाम में राष्ट्रसन्त जैनाचार्य श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. के दर्शन-वन्दन के लिए गुरुभक्तों का निरंतर आगमन हो रहा है। गुरुवार को जैन कान्फ्रेंस मानव सेवा योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश डाकोलिया, राष्ट्रीय महामंर्ती राजेन्द्र लोढ़ा, प्रांतीय अध्यक्ष विमल तांतेड, राष्ट्रीय युवा शाखा के अध्यक्ष सुमित चौरडिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश छाजेड, प्रचार मंर्ती रखब चत्तर, रतलाम नवयुवक मण्डल के सुनील गांधी, अश्विन गंग, सौम्य चत्तर आदि ने राष्ट्रसन्तश्री से आशीर्वाद लिया। इस मौके पर चातुर्मास आयोजक परिवार की ओर से श्रवण काश्यप् एवं श्रीसंघ के रितेश वोरा, राजकमल जैन ने श्री डाकोलिया का बहुमान किया। इससे पूर्व सियाणा (राजस्थान), उज्जैन तथा बडऩगर के गुरुभक्तों ने भी जयन्तसेन धाम पहुंचकर आचार्यश्री के दर्शन-वन्दन का लाभ लिया।