गुजरातः कांग्रेस के 14 बागी विधायक भाजपा के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव
अहमदाबाद,23 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। गुजरात विधानसभा चुनाव का सियासी पारा पूरे उफान पर है, आरोपों-प्रत्यारोपो के बीच कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां इस चुनाव में अपनी जीत का दावा कर रही हैं। इस बीच पार्टियों से बगावत का दौर भी शुरू हो गया है। कांग्रेस के खेमे में जरुर खलबली मची हुई है। क्योंकि इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 14 बागी विधायक भाजपा की तरफ से चुनावी समर में उतर सकते हैं।
ऐसे में कांग्रेस को इन विधायकों के पार्टी बदलने से नुकसान की आशंका जताई जा रही है। भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि कांग्रेस के बागी विधायक अपनी जीत के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाएंगे। इनकी मौजूदगी से भाजपा को तो मजबूती मिलेगी ही, साथ ही कांग्रेस की ओबीसी वर्ग में पैठ बनाने की कोशिशों को भी झटका लगेगा।
भाजपा सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के 12 बागी विधायक इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। वहीं कांग्रेस छोड़ने वाले शंकर सिंह वाघेला और उनके बेटे महेंद्र सिंह, जिन्होंने नई पार्टी बनाई है। वो भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अभी तक शंकर सिंह वाघेला ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने की ही बात कही है।
भाजपा नेताओं की मानें तो कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों से पार्टी के वोटबैंक में इजाफा होगा। क्योंकि कांग्रेस के जितने भी बागी विधायकों को टिकट दिया जाएगा, उनका गुजरात में जमीनी आधार काफी मजबूत है।
इस बीच ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को ओबीसी वोट बैंक के पार्टी से जुड़ने की उम्मीद जगी है। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष माधव सिंह सोलंकी के नाम पर पहले से ही पार्टी के पास परंपरागत रूप से एक चेहरा मौजूद है, जिससे ओबीसी वोटबैंक कुछ हद तक जुड़ा हुआ है। ऐसे में भाजपा को लगता है कि अल्पेश के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा।
भाजपा उसी फॉर्मूले को गुजरात चुनाव में अपना रही है, जो उसने यूपी और उत्तराखंड के चुनाव में अपनाया था, जहां पार्टी ने कांग्रेस और बसपा के नाराज नेताओं को अपने टिकट पर चुनाव लड़ाया था। वहीं भाजपा ने पटेल आंदोलन से जुड़े नेताओं हार्दिक पटेल, वरुण पटेल, रेशमा पेटल के पार्टी में शामिल होने का भी इशारा किया है। ऐसे में इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव के काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है।