क्रोध और अहंकार से बचिये, सफलता का इतिहास रचिये : लेखक और कवि प्रो. अजहर हाशमी
रतलाम/नामली,01 नवंबर(इ खबर टुडे )। क्रोध और अहंकार से बचिये और सफलता का इतिहास रचिये। जिस व्यक्ति में अहंकार और क्रोध आ जाता है वह कितना ही विद्वान हो उसकी विद्वता काम नहीं आती है। कोई भी काम संवेदनशीलता के साथ किया जाता है तो उसमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है।
यह बात ख्यात साहित्यकार, लेखक और कवि प्रो. अजहर हाशमी ने कही। वे नामली जनशिक्षा केंद्र की प्राचार्य डॉ. अनिला कंवर की सेवानिवृत्ति पर आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। प्रो. हाशमी ने कहा कि डॉ. कंवर ने शैक्षणिक व्यवस्था संभालने में अपनी प्रशासनिक प्रतिभा का बेहतर तरीके से उपयोग किया है जो उनकी क्षमता बताता है।
उन्होंने दिलेरी और विनम्रता के साथ संवेदनशीलता से दाायित्व का निर्वहन किया है। डॉ. कंवर ने यह सिद्ध कर दिया है कि क्रोध और अहंकार से बचकर रहिये और सफलता का इतिहास रचिये। प्रो. हाशमी ने विभिन्न दृष्टांतों और कहानियों से रेखाङ्क्षकत किया कि समय प्रबंधन के साथ किया गया कार्य सफलता की गारंटी देता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता रमसा के एपीसी अशोक लोढ़ा थे।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट विद्यालय रतलाम के प्राचार्य सुभाष कुमावत, प्राचार्य एआर सीनम, डाइट के प्रभारी प्राचार्य डॉ. नरेंद्र गुप्ता, प्राचार्य संध्या वोहरा, गोपाल वर्मा विशेष रूप से मौजूद थे। डॉ. कंवर ने सम्मान समारोह में कहा कि कर्म के प्रति समर्पण व समय की पाबंदी से ही सारे कार्य अनुरूप सफलता हो जाती है। शिक्षकों का दायित्व और कत्र्तव्य है कि वे अपने विद्यार्थियों को शिक्षा दे और उनकी प्रतिभा को संवारते हुए उन्हें उच्च मुकाम तक पहुंचाए।