कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए नवीन निगरानी पद्धति विकसित करें-संभागायुक्त
रतलाम में बैठक लेकर दिए निर्देश
रतलाम,11 सितम्बर (इ खबरटुडे)।रतलाम जिले में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के लिए जिला स्तर पर नवीन निगरानी पद्धति विकसित करें। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पृथक-पृथक कार्य योजना बनाकर प्रभावी उपचार व्यवस्था बनाई जाए।
आमजन को फीवर क्लीनिक की लोकेशन पता होनी चाहिए। इससे ज्यादा व्यक्ति फीवर क्लीनिक आकर उपचार लाभ ले सकेंगे। फीवर क्लीनिक का दिशा सूचक तथा सहज दृष्टिगोचर स्थान पर फीवर क्नीनिक के बोर्ड लगाए जाए यह निर्देश उज्जैन संभागायुक्त श्री आनंद शर्मा ने रतलाम कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक में दिए।
इस दौरान कलेक्टर गोपालचंद्र डाड, पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ संजय दीक्षित, सीईओ जिला पंचायत संदीप केरकेट्टा, अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े, एसडीएम अभिषेक गहलोत, एम.एल. आर्य, सुश्री कामिनी ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन, डिप्टी कलेक्टर सुश्री कृतिका भीमावद, सीएमएचओ डॉ प्रभाकर ननावरे तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जिले में कोरोना नियंत्रण की समीक्षा करते हुए संभागायुक्त ने सैंपल टेस्टिंग पर निर्देश दिए कि बीमार व्यक्ति का शीघ्र अतिशीघ्र सैंपल लेकर जितनी जल्दी हो सके नेगेटिव पॉजिटिव की जानकारी दी जाए ताकि पॉजिटिव व्यक्ति का शीघ्र एवं प्रभावी उपचार संभव हो सके। शासन की गाइड लाइन में आने वाले व्यक्तियों को होम आइसोलेट करें।
जो एसिंप्टोमेटिक हो 60 वर्ष से कम आयु के हो उनको श्वसन संबंधी समस्या नहीं हो उनके पास ऑक्सीमीटर, डिस्टेंस थर्मामीटर की व्यवस्था हो, घर पर आइसोलेट होने की सुविधा हो, हर 3 घंटे में उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली जाए। कोरोना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर मॉनिटरिंग करें, उनके इस्तेमाल की सामग्री एवं मेडिकल वेस्ट निपटान का प्रबंधन हो।
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला अस्पताल अपनी प्रतिष्ठा को खोए नहीं। उसकी उपयोगिता एवं महत्ता बनी रहे। जिला अस्पताल में भी एसिमटेमिटक पेशेंट की भर्ती एवं उपचार व्यवस्था की जाना चाहिए। मेडिकल कॉलेज मात्र रतलाम के लिए नहीं बल्कि अन्य जिलों के लिए भी है। मेडिकल कॉलेज से मरीज का स्वास्थ्य अच्छा पाया जाने पर शीघ्र डिस्चार्ज किया जाना चाहिए। जिले के कोविड-केयर सेंटर्स पर एंबुलेंस तथा मॉनिटरिंग सिस्टम सुनिश्चित करें।