कमलनाथ सरकार के चार महीने ही बीजेपी के लिए वरदान बन गए हैं: शिवराज सिंह चौहान
भोपाल,07 मई(इ खबरटुडे)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य की कमलनाथ सरकार इस चुनाव में बीजेपी के लिए वरदान बनने जा रही है। वहीं, उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाए जाने का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है और यह हमेशा से ही मुद्दा रहा है। शिवराज ने कहा कि इससे उन लोगों को ही दिक्कत हो रही है, जो आतंकवादियों की भाषा बोलते हैं। चौहान ने यह भी कहा कि राज्य में चार महीने में ही जो अराजकता हुई है, उससे अब लोगों के लिए बीजेपी और मौजूदा कांग्रेस सरकार के बीच तुलना करना आसान हो गया है।
राष्ट्रवाद के अलावा मोदी सरकार का काम है मुद्दा
शिवराज ने इन आरोपों को खारिज किया कि बीजेपी सिर्फ राष्ट्रवाद को ही मुद्दा बना रही है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रवाद तो हमेशा से ही मुद्दा रहा है, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ऐसा नहीं है कि बीजेपी सिर्फ इसी मुद्दे को लेकर चुनावी मैदान में है। प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी का हर नेता अगर 40 मिनट बोलता है तो उसमें से महज चार से पांच मिनट ही राष्ट्रवाद पर अपनी बात रखता है, बाकी समय तो मोदी सरकार के कामकाज पर ही बात रखी जाती है। मोदी सरकार के विकास के अजेंडे की विपक्ष के पास कहीं कोई काट नहीं है।’
कमलनाथ सरकार पर वादे नजरअंदाज करने का आरोप
शिवराज सिंह ने राज्य की कमलनाथ सरकार पर विधानसभा चुनाव के समय किए गए वादों को नजरंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कि अब राज्य के लोग भी यह मानने लगे हैं कि राज्य की बीजेपी सरकार, इससे कहीं बेहतर थी। पूर्व सीएम ने कहा, ‘सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने कर्ज काफी और बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया। हालात यह है कि 48 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है और राज्य सरकार ने बैंकों को सिर्फ 13 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। जाहिर है कि पूरा पैसा न मिलने की वजह से किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिला। कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं को ही बंद कर दिया है।’
चुनाव न लड़ने की वजह बताई
खुद लोकसभा चुनाव न लड़ने के बारे में पूछे जाने पर चौहान ने कहा, ‘मैं किसी भी सीट पर लड़ सकते था लेकिन इसका यह अर्थ यह जाता कि मुझे सत्ता की लालसा है।’ उन्होंने कहा कि यह वक्त सड़क पर संघर्ष का है, ना कि दिल्ली जाकर कोई जिम्मेदारी संभालने का। इसी वजह से उन्होंने पार्टी से राज्य की राजनीति में ही रहने की इच्छा जताई है।
कमलनाथ सरकार को गिराने का इरादा नहीं
क्या लोकसभा चुनाव के बाद कमलनाथ सरकार को कोई खतरा होगा? इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, बीजेपी का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि वह कमलनाथ सरकार को गिराए। हालांकि, बीजेपी की चंद सीटें ही कम थीं लेकिन सोच समझकर ही पार्टी ने तय किया कि वह राज्य में सरकार नहीं बनाएगी। अब तो उनकी सहयोगी मायावती भी नाराज हैं। ऐसे में अगर यह सरकार अपने बोझ से गिरती है तो उसमें बीजेपी कुछ नहीं कर सकती।