कड़वी दवाई के असर की तरह जिले में विकास भी धीरे-धीरे दिखाई देगा – विधायक चेतन्य काश्यप
रतलाम,08 दिसम्बर(इ खबरटुडे) गरीब को छत, बस्तियों में सड़क, सड़को पर रोशनी और शहर को उद्योग….जिस किसी भी शहर में ये अहम जरूरतें तेजी से विस्तार कर रही हो समझ ले, वहां विकास अपनी पूरी रफ्तार पर है। ये बात विधानसभा निर्वाचन के चार साल आज आठ दिसम्बर को पूर्ण होने पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधायक चेतन्य काश्यप ने कही.काश्यप ने कहा कि शहर में चल रहे विकास कार्यो से वर्तमान में आमजनता को काफ़ी परेशानी हो रही। लेकिन जिस तरह कड़वी दवाई से परेशानी होती है परन्तु उसका असर धीरे-धीरे सकारात्मक दिखाई देता है उसी तरह नगर के विकास कार्यो से जो आमजन को परेशानी हो रही है लेकिन निश्चित समय पर नगर में विकास भी देखा जाएगा।
काश्यप ने बताया कि शहर में गरीबों के लिए 493. 63 करोड़ रूपए की लागत से 6419 आवास निर्माण प्रक्रिया में है। इनमें से 6419 बी.एल.एस. योजना के तहत ईश्वर नगर, बजरंग नगर में, 1483 मकान बिरियाखेड़ी क्षेत्र में, ए.एच.पी. योजना के डोसीगांव में 1448 व बंजली में 3288 मकानों का निर्माण प्रक्रिया में है। 61 अवैध कालोनियों के लिए नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी कर इनमें से 17 कॉलोनियों में प्रथम चरण में 10 करोड़ रूपए की लागत से विकासकार्य शुरू कर दिए गए है।
स्पष्ट रुप से रतलाम से लडूंगा अगला विधानसभा चुनाव- विधायक काश्यप
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष और शहर विधायक काश्यप शुक्रवार 8 दिसम्बर को अपने विधायक कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उनके निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे, जहां एक प्रश्न के जवाब में उन्होने यह बात कही। काश्यप के लोकसभा चुनाव लडऩे के प्रश्न पर कहा कि वर्तमान में वे विधायक है और स्पष्ट रुप से अगला चुनाव भी रतलाम से ही लड़ेगें।
प्रशासन में हस्तक्षेप करना मेरी कार्यशैली नहीं
काश्यप ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रशासन में ज्यादा हस्तक्षेप करना मेरी कार्यशैली नहीं है। उन्होने कहा कि हमारा काम प्रोजक्ट स्वीकृत कराना और विकास की नई संभावनाओं को देखते हुए नए विचार देना है। उसे अमल में कराना प्रशासन का काम है। हर काम में हस्तक्षेप नहीं होना चागिए।
सक्षम जनप्रतिनिधि वेतन-भत्ते छोड़े
शहर विधायक काश्यप ने विधायक बनने के बाद ही विधायक के रुप में उन्हे मिलने वाले भत्ते और वेतन नहीं लेने की घोषणा की थी। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इस सबंध में उन्होने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है, जिस तरह उन्होने सम्पन्न लोगों से गैस सब्सिडी छोडऩे का आव्दान किया है, उसी तरह सक्षम जनप्रतिनिधी भी वेतन और भत्तों का त्याग करें।