एनएएसजी किट के प्रयोग से प्रसूता की जान बचाई,परिजन बोले- चिकित्सको ने यमराज से प्राण वापस ले लिए
रतलाम,08 जुलाई (इ ख़बर टुडे)।रतलाम जिले के एमसीएच अस्पताल में नान न्यूमेटिक एंटी शाक गारमेंट के प्रयोग से चिकित्सकों को एक और प्रसूता की जान बचाने में सफलता मिली है। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि हातुडी पति मुकेश ग्राम जंकारा को बाजना अस्पताल में सुबह 11:48 बजे भर्ती किया गया।यहां डॉ. पीयूष मांगरिया की उपस्थिति में प्रसूता ने दोपहर दो बजे दुसरी कन्या शिशु को जन्म दिया। प्रसव के 10 मिनिट बाद ही महिला को चक्कर आने एवं आखों के आगे अंधेरा छाने की शिकायत हुई। महिला को प्रसव पश्चात लगातार ब्लीडिंग होने से महिला का ब्लड प्रेशर 66/38 पर आ गया। महिला का हीमोग्लोबीन मात्र 8 ग्राम था।
डॉ. पीयूष मांगरिया ने महिला को 2:40 बजे एनएएसजी सूट पहनाया। इसके प्रयोग से मरीज का ब्लड प्रेशर नियंत्रित होने के साथ-साथ रक्त स्त्राव भी रूक जाता है। प्रसूता को तत्काल रतलाम के एमसीएच अस्पताल लाया गया। एमसीएच अस्पताल में डॉ. ममता शर्मा, डॉ. सरिता खण्डेलवाल, डॉ. सोनल ओहरी, जीनत सोलंकी, मनीषा भोजा एवं उनकी टीम ने अटेंड किया। एमसीएच अस्पताल में महिला के भर्ती होने के समय पर उनकी स्थिति अति गंभीर अवस्था में होकर ब्लड प्रेशर नापे जाने योग्य नहीं थी।
कुछ ही समय में प्रसूता शाक में चली गई और उसका ब्लड प्रेशर नापने योग्य नहीं रहा। उसे कार्डियो पल्मोनरी रिससीटेशन चिकित्सा दी गई। रक्त जमने के लिए एफएफपी फ्रेश फ्रोजन प्लाजमा दिया गया। लाईफ सेविंग दवाईयों का प्रयोग किया गया। उचित उपचार एवं प्रबंधन से महिला को पुनः होश में लाया जा सका। उस समय रात के 10 बज चुके थे। वर्तमान में प्रसूता को कडी निगरानी में रखा गया है। सामान्य रूप से स्वस्थ है और एमसीएच अस्पताल में भर्ती है।
मरीज के उपचार के दौरान उप संचालक मातृ स्वास्थ्य भोपाल डॉ. अर्चना मिश्रा, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे, सिविल सर्जन डॉ. आनन्द चन्देलकर, पूरे समय निगरानी बनाए हुए थे। चिकित्सकों एवं टीम के भागीरथी प्रयास के लिए मिशन संचालक श्रीमती छवि भारद्वाज, आयुक्त स्वास्थ्य नीतेश व्यास, कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान ने बधाई दी है।
अब तक चार माताओं को बचाया गया
डेवलपमेंट पार्टनर जपाईगो की टीम के प्रतिनिधियों ने बताया कि एनएएसजी किट माताओं की जान बचाने के लिए एक अभिनव प्रयास है। नान न्यूमेटिक एंटी शाक गारमेंट के प्रयोग से अब तक चार महिलाओं की जान बचाई जा चुकी है। दिनांक 6 जुलाई को सायमा पति शाहरूख को एमसीएच अस्पताल में डॉ. सोनल ओहरी ने एनएएसजी किट का प्रयोग कर बचाया। खारवाकलां पीएचसी के डॉ. रामपाल सुनवानिया ने पूजा पति पीरूलाल को बचाया। 22 अप्रेल को रावटी में डॉ. पीयूष मांगरिया ने एनएएसजी सूट के प्रयोग से दूली पति दीपक मुनिया को बचाया था। इस प्रकार कुल 4 प्रसूताओं की जीपन रक्षा की जा चुकी है।