December 25, 2024

उत्पादन ही नहीं गुणवत्ता भी जरूरी- जर्मनी के वैज्ञानिक डॉ. बबलू कुमार

18 (1)
कृषि उपज मंडी में हुई कृषि संगोष्ठी में वैज्ञानिकों ने दिए किसानों को अमूल्यू सुझाव
रतलाम,23जुलाई(इ खबरटुडे)।कृषि उपज मंडी सैलाना बस स्टेण्ड पर कृषि संगोष्ठी का आयोजन शनिवार को किया गया। इसमें कई कृषि विज्ञानिकों ने किसानों को मार्गदर्शन दिया। इसमें किसानों को आ रही समस्याओं का तत्काल निराकरण करने के लिए वैज्ञानिकों ने व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन दिया।

किसानों को बताया मात्रा नहीं गुणवत्ता अच्छी होने से मिलेंगे मनचाहे दाम 
इस मौके पर खेती में अच्छे नवाचार करने वाले किसानों को महालक्ष्मी किसान बाजार की ओर से सम्मानित भी किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में रीजनल मेनेजर कम्पों जर्मनी के वैज्ञानिक डॉ. बबलू कुमार ने कहा कि हमेंं खेती मे उत्पादक बढ़ाने के साथ गुणवत्ता पर अत्यधिक ध्यान देना पड़ेगा। आज हमने उत्पादन करने में कीर्तिमान स्थापित किया हैं। परन्तु आज हमारी फसले बाजार में बिक नहीं रही हैं। अगर हम वैज्ञानिक तरीके से खेती करेगें ओर गुणवत्ता वाली फसल पैदा करेगें तो भारतीय उत्पादकों का विदेशों में अच्छी डीमान्ड हैं, परन्तु हम गुणवत्ता की तरफ ध्यान नहीं दे रहे उत्पादक की तरफ ध्यान दे रहे हैं। कई उर्वरक ऐसे हैं जो अनुपयोगी हैं उनका भी किसान उपयोग कर रहा है ओर खेती में खर्च बढ़ार रहा हैं अ्रगर कम लागत में लाभकारी उत्पादन लेना हैं तो बिना मिट्टी परीक्षण के खेती करना भी नहीं चाहिए।
संतुलन सबसे जरूरी
असिसटेंट मेनेजर मेनेजर श्रीराम फर्टीलाईजर डॉ. अभय कटारे ने कहा कि किसान संतुलित फर्टीलाईजर्स एवं केमीकल का उपयोग नहीं कर रहा हैं, जिससे लागत बढ़ रही है और फसलो में भारी नुकसान हो रहा हैं। आज इतना आधुनिक युग होने के बाद भी किसान पेरशान हैं। जिस तरीके से हमारा भोजन संतुलित होना चाहिए उस तरीके से पौधे का भी ध्यान देना होगा । वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक के.वि.के. डॉ. एसबी शर्मा ने कहा कि वर्तमान में सोयाबिन की फसल पर बीटीसाईट के  साथ किटनाशक मिला रहे है। जिससे रियेएक्शन हो रही है और किसानों को मनमर्जी से कोई कॉम्बीनेशन नहीं बनाना चाहिए जिस तरीके से एक से अधिक एनटीबायोटीक लेने से शरीर को नुकसान होता है, उसी प्रकार फसलों को भी नुकसान हो रहा हैं। इससे किसानों का आर्थिक नुकसान हो रहा हैं। युवा उद्योगपति नरेश झालानी ने कहा कि उद्योगपति उत्पादन के पहले माकेटिंग की व्यवस्था करते है।  वहीं नियम किसानों को भी अपनाना चाहिए। इससे फायदे न भी हो तो भी नुकसान नहीं होगा।
कविता से गुदगुदाया 
सेमलिया के चंचल चौहान द्वारा मालवी भाषा में किसानो ंपर लिखी अपनी कविताओं के माध्यम से खुब गुदगुदाया। शेरू पठान ने बताया कि कार्यक्रम में अनेको किसानों को सम्मानित किया गया। इसमें पहाड़ी पर आम  का बगीचा लगाने वाले चतुर्भुज धाकड़ नौगांवा, मयूर अग्रवाल रतलाम , राजेश पुरोहित करमदी, रविन्द्र धाकड़ रियावन का सम्मान साफा बांधकर, श्रीफल व शाल भेंट कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डीपी धाकड़ ने किया। आभार जयप्रकाश धाकड़ ने माना। जय प्रकाश धाकड़ द्वारा महालक्ष्मी किसान बाजार के संचालन हेतु बीएससी एजी किये हुवे लीलाशंकर धाकड़ का नाम प्रस्तावित किया गया जिनके द्वारा कृषि विषय में विशेषज्ञ होने से वे किसानों को सेवा देगें जिससे किसाना अपनी फसलों के उत्पादन में वृद्धि कर सके ।

 

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds