November 15, 2024

उज्जैन संभाग में किसानों को बीज स्वावलंबी बनाने के ठोस प्रयास

600 से ज्यादा बीज समिति हुई गठित
 
उज्जैन 19 जुलाई(इ खबरटुडे)। उज्जैन संभाग में किसानों को अपनी फसल के लिये गुणवत्तायुक्त बीज मिले और बीज ऐसा हो, जिसके अधिकतम प्रतिशत में अंकुरण की गारंटी हो, के ठोस प्रयास किये गये हैं।

उज्जैन कमिश्नर डॉ. रवीन्द्र पस्तौर की पहल पर संभाग में अब तक 617 बीज समिति गठित की जा चुकी हैं। यह समितियाँ सदस्य किसानों को उनकी माँग के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण बीज मुहैया करवा रही हैं। उज्जैन कमिश्नर ने बीज समिति गठन की पहल उस वक्त की, जब संभाग में मात्र 157 समिति थीं। संभाग में गठित बीज समितियाँ कृषि को लाभ का धँधा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
यह बीज समितियाँ अपनी सौ फीसदी क्षमता के साथ कार्य कर सकें, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं। समितियाँ किसानों को बेहतर बीज न केवल उपलब्ध करवा रही हैं, बल्कि किसान से वापस खरीदती भी हैं। खरीफ और रबी मौसम में अपने सदस्यों की माँग का अनुमान लगाकर आवश्यक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण बीज की व्यवस्था समितियाँ करती हैं। बीज समिति अपने सदस्यों की माँग का अनुमान लगाकर आवश्यक मात्रा की माँग करती है। मध्यप्रदेश बीज महासंघ द्वारा माँग के अनुरूप देश एवं प्रदेश के कृषि अनुसंधान केन्द्रों से आवश्यक मात्रा में बीज मँगवाकर कृषि विभाग के जरिये किसानों को सूचित किया जाता है। बीज समिति उन स्थान पर पहुँचकर अपना बीज प्राप्त कर सदस्यों को वितरित करती हैं। बीज पर किसान को राज्य शासन द्वारा उपलब्ध अनुदान का लाभ भी मिलता है।
उज्जैन जिले में 259 बीज समिति हैं। इनमें से 214 समिति हाल ही में पंजीकृत की गयी हैं। मंदसौर जिले में 82, नीमच में 56, रतलाम में 33, देवास में 103, शाजापुर में 61 और आगर-मालवा में 19 बीज समिति का गठन कर उनका पंजीयन भी करवाया गया है। किसानों की बीज समितियों में 33 प्रतिशत सदस्य महिलाएँ भी हैं। किसान-कल्याण विभाग का अमला लगातार इस बात का प्रयास कर रहा है कि क्षेत्र के किसान ज्यादा से ज्यादा बीज समितियों से जुड़ सकें। समितियों से जुड़ने पर किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज मिलेगा। प्रमाणित बीज प्राप्त करने के लिये काला-बाजारी का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।

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