November 22, 2024

उज्जैन दक्षिण में 69.46, उत्तर में लगभग 65 फीसदी से अधिक मतदान

पूर्व वर्षों की अपेक्षा जिले में 5 से 6 फीसदी महिला मतदाता यादा वोट डालने आईं, मतदान दलों के लौटते समय न सुरक्षा रही न सुरक्षाकर्मी, हार्ट अटैक से फ्लाईंग स्क्वाड प्रभारी का निधन
उज्जैन-ब्रजेश परमार/। 14वीं विधानसभा गठन के लिये जिले की 7 विधानसभा क्षेत्रों में प्रदेश के साथ सोमवार को मतदान के महायज्ञ में मतदाताओं ने हिस्सेदारी की। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान का यह महायज्ञ चला। पूर्व वर्षों की अपेक्षा जिले में इस बार 5 से 6 फीसदी यादा महिला मतदाता वोट डालने घरों से निकलकर मतदान केन्द्रों तक पहुंची है। बड़ी संख्या में ईपिकधारी मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण मतदान केन्द्रों से बैरंग लौटे हैं। लौटते समय मतदान दलों के साथ न सुरक्षा रही न ही सुरक्षाकर्मी थे। मतदान में लगे एक अधिकारी का हार्ट अटैक से निधन होने का समाचार है। उज्जैन के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में 69.46 एवं उत्तर क्षेत्र में लगभग 65 फीसदी से अधिक के मतदान की सूचना है।
जिले के 7 विधानसभा क्षेत्रों में 59 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मंगलवार को मतदाताओं ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में लिख दिया। 1585 मतदान केन्द्रों में से 2 केन्द्रों पर मतदान के बहिष्कार की सूचना है। ये दोनों केन्द्र घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के हैं। सर्वाधिक मतदान जिले के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। सबसे कम मतदान उत्तर विधानसभा क्षेत्र का सामने आ रहा है।

बड़ी संख्या में मतदाता लौटे
इस बार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत बीएलओ (मतदान केन्द्र स्तर का अधिकारी) ने घर-घर पहुंचकर मतदाता सूची को फोटोयुक्त बनाया था। इसके बावजूद कई मतदाताओं के नाम पीठासीन अधिकारी की सूची में उपलब्ध नहीं थे। बीएलओ की सूची में कई के नाम थे और कई के गायब। मतदाता परिचय-पत्र होने के बावजूद बड़ी संख्या में मतदाता मतदान केन्द्र से बैरंग लौटे हैं। सुभाष नगर निवासी डॉ. नरेश पुरोहित एवं उनके परिवार के सदस्य मॉडल स्कूल मतदान केन्द्र पर पहुंचे थे। यहां उनका नाम सूची से गायब था। डॉ. पुरोहित के मुताबिक केन्द्र पर उनकी उपस्थिति के दौरान ही करीब 25 मतदाता इसी तरह बैरंग लौटे थे। इसी प्रकार अन्य केन्द्रों पर भी मतदाता बड़ी संख्या में बैरंग लौटने के समाचार सामने आये हैं। इसके पीछे बीएलओ की कार्य पध्दति पर सवालिया निशान लग रहा है।

बीएलओ व्यवस्था से गड़बड़ी छंटी
इस बार निर्वाचन आयोग ने बीएलओ मतदान केन्द्र स्तर पर नियुक्त किये थे। फोटोयुक्त मतदाता सूची के साथ ही फोटोयुक्त मतदाता पर्ची शासन स्तर पर ही बीएलओ ने घर-घर पहुंचकर दी थी। ऐसे में मतदान के दौरान गड़बड़ी की संभावनाएं तकरीबन ध्वस्त हो गई थीं। यह बात अलग है कि बीएलओ स्तर पर बेहतर काम न हो पाने के कारण कई मतदाताओं को बैरंग लौटना पड़ा है।

सर्वाधिक बड़नगर में, सबसे कम उत्तर में
जिले के 7 विधानसभा क्षेत्रों में से मंगलवार को हुए मतदान में सर्वाधिक मतदान बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज किया गया है जबकि सबसे कम मतदान उौन उत्तर का सामने आ रहा था। रात 10.30 बजे तक भी लगभग की स्थिति में ही यहां के रिटर्निंग अधिकारी और अन्य अधिकारी जानकारी दे पा रहे थे। यह स्थिति शाम 7 बजे से बनी हुई थी। हर आधे घंटे में अधिकारियों की ओर से अपने जवाब बदले जा रहे थे।
बड़नगर में 78.75 एवं उत्तर में लगभग 65 फीसदी
विधानसभा क्षेत्र         पुरुष     महिला     कुल
नागदा- खाचरौद             74.41    70.20    72.22
महिदपुर                            81.31    74.42    78.01
तराना                                 79.19    71.44    75.05
घट्टिया                             80.25    72.55    76.56
उज्जैन उत्तर                 65 से अधिक
उज्जैन दक्षिण                   74.74    63.81    69.46
बड़नगर                               82.97    74.15    78.75
नोट- जानकारी अधिकारियों से दूरभाष पर चर्चा अनुसार, इसमें फेरबदल संभव। स्रोत- जिला निर्वाचन कार्यालय एवं रिटर्निंग अधिकारी।
ऐसे चला जिले का औसत मतदान का प्रतिशत
समय         प्रतिशत
सुबह 10 बजे    17 फीसदी
दोप. 12 बजे     31 फीसदी
दोप. 02 बजे     48 फीसदी
अप. 04 बजे    55 फीसदी

अधिकारी का निधन
निर्वाचन में डयूटी दे रहे सहायक आबकारी अधिकारी और दक्षिण विधानसभा के उड़नदस्ते के प्रभारी अब्दुल वहाब खान का कर्तव्य स्थल पर हार्ट अटैक आ जाने के बाद अस्पताल में निधन होने का समाचार मिला है। श्री खान चुनावी डयूटी पर थे। इसी दरमियान उन्हें हार्ट अटैक आया। तत्काल ही सहकर्मी उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां उनका निधन हो गया। 55 वर्षीय श्री खान कर्तव्यनिष्ठ और बेहद ईमानदार अधिकारी बताये जा रहे हैं। इस दुखद घटना से आबकारी विभाग में शोक की लहर फैल गई। तमाम अधिकारी श्री खान को देखने के लिये अस्पताल पहुंचे थे।

हर एक्शन की मिली रिपोर्ट
इस बार जिला निर्वाचन कार्यालय ने ऐसी व्यवस्था को अपनाया था, जिससे जिले के अंतिम छोर के मतदान केन्द्र से भी हर रिपोर्ट कार्यालय को प्राप्त हो रही थी। दल के एक-एक एक्शन की रिपोर्ट से सीधे तौर पर जिला निर्वाचन कार्यालय मतदान केन्द्र से जुड़ा हुआ था। जिला निर्वाचन कार्यालय ने मतदान केन्द्र से प्रत्येक गतिविधि का एसएमएस जियोटेग के मोबाइल नंबर 9229333822 पर आमंत्रित किये थे। निर्देशों के साथ हर घंटे में मतदान का प्रतिशत मतदान की शुरुआत से लेकर अंत तक की पूरी गतिविधि एसएमएस पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने हर दो घंटे में ली थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में असहज रहे मतदाता
इस बार मतदान के प्रति जागरुकता फैलान के लिये जमकर प्रचार-प्रसार हुआ। शहर से लेकर गांव तक नाटक मंडली और तमाम प्रकार के प्रचार-प्रसार माध्यमों का सहारा लेकर मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की ओर निर्वाचन आयोग ने पूरा ध्यान दिया। इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पर मतदान को लेकर कई ग्रामीण असहज से रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में बातचीत के दौरान कुछ युवा मतदाताओं ने बुजुर्गों की असहजता के पीछे साफ कारण बताया कि इलेक्ट्रानिक मशीन से वोट डालने का प्रदर्शन ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व से किया जाना था। ऐसा नहीं होने से कई मतदाता मतदान केन्द्र में असहज से रहे और घबराहट की स्थिति रही। कई महिला बुजुर्ग मतदाता तो इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के कारण ही मतदान करने नहीं पहुंचीं। युवा मतदाताओं के हिसाब से इसे लेकर आंगनवाड़ियों के साथ ही तमाम महिला और ग्रामीण चौपालों पर प्रदर्शन होने चाहिये।

वापसी में दल और ईवीएम भगवान भरोसे
सोमवार को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान केन्द्रों पर बंदूक टांगे सुरक्षाकर्मी मुस्तैदी से लगे रहे। शाम होते-होते सुरक्षाकर्मी अपने-अपने निकल लिये। इसके बाद वापसी में मतदान दल और ईवीएम भगवान भरोसे की स्थिति में आ गये थे। सूचना के अनुसार महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के झांझाखेड़ी से निकला वाहन 10 मतदान केन्द्रों से मतदान दलों को लेकर ईवीएम के साथ देर रात तक रुकते-रुकते उौन पहुंचा था। झांझाखेड़ी में वाहन गांव तक नहीं पहुंचा था। यहां मतदान दल को ट्रैक्टर से भेजा गया था। मुख्य मार्ग तक बस ने छोड़ा था। वापसी के समय रात्रि में पूरी बस में करीब 10 मतदान केन्द्र के कर्मचारी और इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन साथ में थे। नहीं थी तो कोई सुरक्षा और सुरक्षाकर्मी। यह सुरक्षा व्यवस्था कर्मचारियों के भी समझ में नहीं आई और सुनने वाले के भी। एक दल के कर्मचारियों से चर्चा में उन्होंने बताया कि शाम 6 बजे ही संवेदनशील मतदान केन्द्रों से सीआईएसएफ के जवान अपने वाहनों में बैठकर रवाना हो गये थे। उन्हें राजस्थान के लिये रवाना किया गया।

महिला मतदाताओं में जागरुकता बढ़ी
निर्वाचन से जुड़े सूत्रों के अनुसार 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में हुए मतदान की स्थिति और सोमवार को हुए मतदान की स्थिति के जो आंकड़े सामने आये हैं उसके हिसाब से इस बार जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं ने अच्छी संख्या में मतदान किया है। तकरीबन हर विधानसभा क्षेत्र में ही महिला मतदाताओं की संख्या और मतदान पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा बढ़े हुए आ रहे हैं। यही स्थिति युवा मतदाताओं की भी रही है। बढ़ी संख्या में युवा मतदाताओं ने भी सोमवार को मतदान में हिस्सेदारी की है।

उत्तर का मतदान प्रतिशत देर रात तक नहीं
उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से जिला मुख्यालय था। इसके बावजूद इस क्षेत्र से देर रात तक कुल कितने फीसदी मतदान हुआ है। इसे लेकर स्पष्ट जानकारी कोई नहीं दे पा रहा था। यहां तक कि रिटर्निंग अधिकारी और उनके सहायक आधे-आधे घंटे की बातें कर रहे थे। देर रात तक उनका रटा-रटाया ही जवाब मिल रहा था।

3 केन्द्रों पर बहिष्कार के बाद कुछ वोट डले
जिले के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को मतदान शुरु होने के कुछ देर बाद ही मतदान के बहिष्कार की जानकारी लगने पर अधिकारियों की सांस फूली थी। मतदान केन्द्र बोलासा और उसके पास के ही केन्द्र में यह बहिष्कार किया गया था। ग्रामीण सड़क नहीं बनने से नाराज थे। यहां 609 मतदाता थे। इसके पास के केन्द्र पर भी मतदाताओं ने व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई थी। बोलासा में ग्रामीण धरना देकर बैठै थे और उन्होंने किसी भी मतदाता को नहीं जाने दिया। दोपहर में समझाईश के बाद कुछ मतदाताओं ने वोट डाले थे, बाद में फिर से यही स्थिति बनर् गई थी। अन्य 2 केन्द्रों पर ऐसे ही हालात बताये गये हैं।

कई स्थानों पर ईवीएम खराब
जिले में कई मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के खराब होने की सूचना रिटर्निंग अधिकारियों को मिली थी। उज्जैन शहरी क्षेत्र के जीडीसी मतदान केन्द्र पर सुबह मतदान शुरु होने के कुछ देर बाद ही मशीन खराब होने की सूचना पीठासीन अधिकारी ने रिटर्निंग अधिकारी को दी थी। खराब हुई मशीन में कुछ मत डल चुके थे। करीब 1 घंटे तक यहां मतदान रुका रहा। इसके उपरांत यहां दूसरी मशीन पहुंची और मतदाताओं ने मतदान किया। यही स्थिति कुछ और केन्द्रों पर भी हुई। अधिकतम एक घंटे में ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया गया। बड़नगर के खरसोद, उौन के जालसेवा निकेतम में भी ईवीएम मशीनों में खराबी की सूचना थी। इसी प्रकार माधव कॉलेज में मतदान दल ईवीएम मशीन चालू करने में शुरुआती दौर में सफल नहीं हुआ था। सेक्टर अधिकारी के आदेश पर मोबाइल टीम ने यहां ईवीएम चालू की थी।

हक मांगने गये मतदाता को एफआईआर की धमकी
निर्वाचन आयोग मतदाताओं को जागरुक करने के लिये तमाम प्रकार की पहल कर रहा है। इसके विपरीत मतदान से वंचित रहने वाले मतदाता जब हक मांगने रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंचा तो उसे अन्य अधिकारी ने शासकीय कार्य में बाधा में फंसाने और एफआईआर की धमकी देकर रवाना कर दिया। मामला है उज्जैन उत्तर के मतदाता का। श्रीकृष्ण कॉलोनी गली नं. 3 निवासी युवा मतदाता गजेन्द्र कुमार नागर अपना मत डालने के लिये सुबह जल्दी केन्द्र क्र. 58 गौड़ सिलावट धर्मशाला अंकपात मार्ग पर परिवार के साथ पहुंचे थे। पीठासीन अधिकारी की सूची में उनके परिवार के 4 मतदाताओं के नाम थे लेकिन गजेन्द्र के नाम के आगे डिलिटेड लिखा था। इस पर पीठासीन अधिकारी ने उन्हें मत डालने से रोक दिया। यहीं पर बीएलओ को उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराई। बीएलओ की सूची में उनका नाम चढ़ा हुआ था। यहां पहुंचे सेक्टर अधिकारी को शिकायत करने पर उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी से मिलने और टेण्डर वोट की मांग करने का कहा। इस पर मतदाता रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय पहुंचा और यहां एक आवेदन देकर अपनी बात रखी। होना तो यह चाहिये था कि मतदाता के इस प्रयास को लेकर उसे सहयोग किया जाना था। इसके उलट आवेदन देने पर मतदाता को रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में उपस्थित एक अधिकारी ने आवेदन आवक-जावक में देने को कहा। यहां पहुंचने पर मतदाता को कर्मचारी ने कहा कि शासकीय काम में बाधा का प्रकरण दर्ज करवा देंगे। इस बात की शिकायत करने जब मतदाता रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंचा तो उनका जवाब था आपने शिकायत दर्ज करा दी, अब आप जाएं। मतदाता के टेण्डर वोट की मांग धरी रह गई। वैसे मतदाता ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को मामले में अपनी ओर से पत्र भेजकर टेण्डर वोट की मांग की है।

7 बजे पहुंची पहली ईवीएम
जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में हुए 1585 मतदान केन्द्रों पर मतदान के उपरांत मतदान दलों को सीधे उौन के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज वाहनों से बुलवाया गया था। सोमवार को मतदान समाप्ति के उपरांत सबसे पहले शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में ईवीएम जमा करने के लिये कॉलेज के कुछ दूरी पर स्थित मालनवासा मतदान केन्द्र का दल पहुंचा था। शाम 7 बजे के लगभग दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की यह ईवीएम जमा की गई। इसके बाद ईवीएम जमा करने का क्रम चल पड़ा था। सातों विधानसभा क्षेत्र के लिये अलग-अलग काउंटरों पर ईवीएम जमा की जा रही थी। देर रात समाचार लिखे जाने तक जिले के अंतिम छोर से मतदान दलों का आना जारी था और करीब 30 फीसदी मशीनें जमा होना शेष थीं।

मतदान के बाद विश्लेषण शुरु
सोमवार को जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में हुए मतदान के बाद राजनीतिक हलकों में विश्लेषण शुरु हो गया। कुल जमा जीत-हार के आंकड़े बैठाने की कोशिश इस विश्लेषण के तहत की जा रही है। इस प्रतिनिधि ने भी ऐसे ही दो विश्लेषकों से चर्चा की। मतदान का प्रतिशत बढ़ा होने की स्थिति में अलग-अलग विश्लेषण किये जा रहे हैं।

विश्लेषक- 1
भाजपा की बदलेगी सीट पर अनुपात वही
मतदान के उपरांत सामने आये प्रतिशत को देखते हुए एक कांग्रेसी विचारधारा के राजनैतिक विश्लेषक का कहना था कि कुल जमा कुछ क्षेत्रों में बदलाव की बयार न लाना कांग्रेस के लिये हानिकारक हो सकता है। महिदपुर और नागदा में बागियों का फेक्टर नुकसान की स्थिति खड़ी कर सकता है। इसके चलते बदलाव की बयार चल सकती है और कुछ सीटों में तब्दीलियां आ सकती हैं। संख्या पूर्ववत ही रहेगी। यानि की जिले में 4-3 का अनुपात बना रहेगा।

विश्लेषक-2
बढ़ा हुआ मतदान भाजपा के लिये वरदान
इसके उलट एक भाजपाई राजनैतिक विश्लेषक से चर्चा करने पर उनका कहना था कि जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों में से मात्र एक पर ही भाजपा को आंतरिक तौर पर जद्दोजहद सहना पड़ी है। इसके विपरीत कांग्रेस को 2 से 3 विधानसभा क्षेत्रों पर अपने ही लोगों से भिड़ना पड़ा है। इसके अतिरिक्त एक-दो क्षेत्रों में टिकट से नाराजगी से बाद की स्थिति अंत तक शांत नहीं हो सकी। ऊपरी तौर पर इसे शांत माना गया और अंदर ही अंदर यह वाला सुलग रही थी। वैसे ही स्थिति में भाजपा को लाभ की उम्मीद थी। सोमवार को हुए अच्छे मतदान के कारण यह लाभ की स्थिति परिणाम के रुप में बदलती दिख रही है। जिले में भाजपा को एक सीट बढ़ती हुई प्रतीत हो रही है।

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